रैपिड फायर
अंटार्कटिका दिवस और NCPOR के 25 वर्ष
- 02 Dec 2025
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भारत ने अंटार्कटिका दिवस (1 दिसंबर) मनाया तथा इसी के साथ राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च- NCPOR), गोवा के 25 वर्ष पूरे होने का भी जश्न मनाया गया। इस अवसर पर ध्रुवीय और महासागर अन्वेषण के लिये देश की प्रमुख संस्था के रूप में NCPOR की भूमिका की पुष्टि हुई।
- अंटार्कटिका दिवस: यह अंटार्कटिका संधि पर 1 दिसंबर, 1959 को हस्तक्षर किये जाने की याद में विश्व में अंटार्कटिका दिवस मनाया जाता है। यह संधि अंटार्कटिका महाद्वीप को पूर्णत: शांति और वैज्ञानिक अनुसंधान हेतु सुरक्षित घोषित करती है।
- इस संधि ने महाद्वीप पर क्षेत्रीय दावों को स्थगित कर दिया, महाद्वीप पर परमाणु हथियारों और अपशिष्ट पर प्रतिबंध लगा दिया तथा 60 डिग्री दक्षिण अक्षांश के संपूर्ण क्षेत्र को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये संरक्षित कर दिया।
- भारत वर्ष 1983 से अंटार्कटिक संधि का एक परामर्शदात्री पक्ष (Consultative Party) है, जिसके कारण उसे मतदान का अधिकार प्राप्त है। इससे भारत को अनुसंधान केंद्र संचालित करने और अंटार्कटिका के वैज्ञानिक और पर्यावरणीय शासन में महत्त्वपूर्ण योगदान करने की क्षमता प्राप्त हुई है।
- NCPOR: इसकी स्थापना वर्ष 1998 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के तहत की गई थी, NCPOR भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के समन्वय, मैत्री (1989) और भारती (2011) अनुसंधान स्टेशनों के रखरखाव के लिये भारत की नोडल एजेंसी है।
- गोवा में स्थित यह संस्थान बहुविषयक ध्रुवीय एवं दक्षिणी महासागर अनुसंधान का नेतृत्व करता है तथा इसमें डॉक्टरेट अध्ययन के लिये मान्यता प्राप्त अनुसंधान सुविधाएँ हैं।
- नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) ने भारत के स्थायी अनुसंधान केंद्र स्थापित किये हैं: दक्षिण गंगोत्री, मैत्री, भारती (अंटार्कटिका) और हिमाद्रि (आर्कटिक)। इसके अलावा, इसने हिमालयी अनुसंधान केंद्र 'हिमांश' भी स्थापित किया है।
- वित्त मंत्रालय ने NCPOR के नेतृत्व में एक नए पूर्वी अंटार्कटिका अनुसंधान स्टेशन मैत्री-II को मंज़ूरी दे दी है।
- यह भारत के गहरे महासागर मिशन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा ध्रुवीय विज्ञान को रणनीतिक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़ता है ।
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