राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
अमूल विश्व की शीर्ष सहकारी समितियों में प्रथम
- 05 Nov 2025
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चर्चा में क्यों?
केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ICA वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर 2025 रिपोर्ट के अनुसार अमूल तथा इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) को वैश्विक स्तर पर शीर्ष दस सहकारी संस्थाओं में क्रमशः पहला और दूसरा स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी है।
- इस उपलब्धि को दोहा, कतर में आयोजित ICA CM50 सम्मेलन के दौरान औपचारिक रूप से मान्यता दी गई।
मुख्य बिंदु
- अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) ने यूरोपीय सहकारी एवं सामाजिक उद्यम अनुसंधान संस्थान (Euricse) के सहयोग से, संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में विश्व सहकारी मॉनिटर (WCM) 2025 का संस्करण जारी किया।
- WCM का यह 13वाँ संस्करण वैश्विक सहकारी क्षेत्र का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जो विश्व में सतत्, समावेशी और लचीली अर्थव्यवस्थाओं में सहकारी समितियों के योगदान को दर्शाता है।
- वर्ष 2025 की रिपोर्ट में शीर्ष 300 सहकारी समितियाँ शामिल हैं, जिनका वर्ष 2023 में संयुक्त कारोबार 2.79 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर रहा तथा कृषि, वित्त, स्वास्थ्य, ऊर्जा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में उनके आर्थिक प्रभाव को उजागर किया गया है।
- प्रति व्यक्ति GDP के अनुपात में कारोबार के आधार पर भारत की अमूल और IFFCO ने वैश्विक सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सहकारी संस्थाओं की मज़बूती को दर्शाता है।
- यह रैंकिंग आर्थिक सशक्तीकरण और विकास को गति देने में भारत के सहकारी क्षेत्र की क्षमता तथा नेतृत्व को भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है।
अमूल (गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड)
- अमूल की स्थापना वर्ष 1946 में कैरा ज़िला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, आनंद (गुजरात) के रूप में की गई थी। इसे त्रिभुवनदास पटेल ने मोरारजी देसाई और सरदार वल्लभ भाई पटेल के सहयोग से प्रारंभ किया था।
- वर्ष 1950 में इस सहकारी संस्था ने “अमूल” ब्रांड की शुरुआत की, जो आज भारत की सबसे बड़ी खाद्य उत्पाद विपणन संस्था बन चुकी है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में अमूल का वार्षिक कारोबार 7.3 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
IFFCO (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र कोऑपरेटिव लिमिटेड)
- इसकी स्थापना वर्ष 1967 में हुई थी और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- यह भारतीय किसानों के लिये उर्वरकों का उत्पादन और विपणन करती है।
- विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्थाओं में से एक IFFCO के पास 35,000 सदस्य सहकारी समितियाँ हैं, जो पूरे भारत में 5 करोड़ से अधिक किसानों तक अपनी सेवाएँ पहुँचाती हैं।