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उत्तराखंड

चीन सीमा पर बनेंगी तीन सुरंग

  • 04 Aug 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

2 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडेय ने बताया कि भारत-चीन सीमा पर दो अलग-अलग घाटियों में स्थित आईटीबीपी की दो चौकियों को आपस में जोड़ने और सीमांत क्षेत्र के लोगों को सुगम यातायात उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने दोनों घाटियों को सुरंग मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। 

प्रमुख बिंदु  

  • इससे पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग और चमोली के लप्थल के बीच की दूरी 490 किमी. से घटकर 42 किमी. रह जाएगी। इसके लिये करीब 57 किमी. की तीन सुरंगें और 20 किमी. सड़क मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है। सामरिक महत्त्व की इस परियोजना पर अब केंद्र सरकार की ओर से निर्णय लिया जाना है। 
  • भारत-चीन सीमा में वर्तमान में कोई ऐसा सीधा मार्ग नहीं है, जो पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग आईटीबीपी पोस्ट को चमोली के लप्थल में आईटीबीपी पोस्ट से सीधे जोड़ता हो। सामरिक रूप से अति महत्त्वपूर्ण इन दोनों पोस्टों को 57 किमी. की तीन सुरंगों का निर्माण कर 490 किमी. की दूरी को कम किया जा सकता है। 
  • यह सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, सेना, एसएसबी एवं आईटीबीपी और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है।  
  • राज्य सरकार ने केंद्र को भेजे अपने प्रस्ताव में राज्य के आर्थिक विकास, पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को बनाए रखने के साथ पलायन रोकने के लिये इस परियोजना को महत्त्वपूर्ण बताया है। 
  • पाँच किमी. की होगी पहली सुरंग:
    • पिथौरागढ़ ज़िले के जौलिंगकांग (व्यास घाटी) से बेदाग (दारमा घाटी) तक की यात्रा शिमला पास होते हुए पूरी की जाती है, जो लगभग पूरे वर्ष बर्फ से ढकी रहती है। इस स्थान पर सड़क मार्ग का निर्माण करना बहुत कठित है।  
    • जौलिंगकांग के मध्य पाँच किमी. सुरंग का निर्माण वेदांग से गो एवं सिपु तक 20 किमी. सड़क मार्ग सहित किये जाने से बीआरओ एवं सीपीडब्ल्यूडी की ओर से निर्मित तवाघाट से बेदांग तक के मार्ग को जोड़ा जाएगा। यह जौलिंगकांग एवं बेदांग की दूरी 161 किमी. कम कर देगा। 
  • 22 किमी. लंबी होगी दूसरी सुरंग: वर्षभर बर्फ से ढके रहने वाले पैदल मार्ग सिपू से तोला तक मोटर मार्ग का निर्माण भी कठिन है। सिपु से तोला के मध्य लगभग 22 किमी. लंबाई की सुरंग का निर्माण किये जाने से दारमा वैली और जोहार वैली एक-दूसरे से जुड़ जाएंगी। 
  • 30 किमी लंबी होगी तीसरी सुरंग: पिथौरागढ़ के मिलम से चमोली के लप्थल तक का पैदल मार्ग भी वर्षभर बर्फ से ढका रहता है। इस भाग में भी सड़क मार्ग का निर्माण किया जाना मुश्किल है। मिलम से लप्थल तक 30 किमी. टनल का निर्माण होने से पिथौरागढ़ की जोहार घाटी एवं चमोली का लप्थल सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा।
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