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प्रिलिम्स फैक्ट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 11 मार्च, 2020

  • 11 Mar 2020
  • 13 min read

नामदा पारंपरिक कला

Namda Traditional Art

नामदा एक स्थानीय शब्द है जिसका इस्तेमाल फर्श को ढकने के लिये किया जाता है यह मोटे किस्म के ऊन से बना होता है।

Namda-Traditional-Art

मुख्य बिंदु:

  • नामदा शब्द की उत्पत्ति मूल शब्द ‘नामता’ (ऊनी सामान के लिये संस्कृत शब्द) से हुई है।
  • नामदा को विभिन्न संस्कृतियों विशेष रूप से एशियाई देशों जैसे- ईरान, अफगानिस्तान और भारत में एक शिल्प कला के रूप में जाना जाता है।
  • भारत में नामदा पारंपरिक कला ईरानी लोगों के साथ आई और मुगल एवं राजपूत शासकों के संरक्षण में इसको पहचान मिली।

विशेषताएँ:

  • समृद्ध रंग और उत्कृष्ट आकृति हस्तनिर्मित नामदा कला की मुख्य विशेषताएँ हैं। इसकी अन्य विशेषताएँ अद्वितीय थीम, पुष्प पैटर्न जिनमें फूल, पत्ती, कली व फल शामिल हैं।

भारत में नामदा पारंपरिक कला के केंद्र:

  • भारत में नामदा पारंपरिक कला के दो मुख्य केंद्र (कश्मीर में श्रीनगर और राजस्थान में टोंक) हैं।

फूडबैंक इंडिया

Foodbank India

भारतीय खाद्य बैंकिंग नेटवर्क (India Food Banking Network- IFBN) भारत में भूख एवं कुपोषण से निपटने के लिये सरकार, निजी क्षेत्र और गैर-सरकारी संगठनों को एक साथ लाकर भारत में हजारों आहार कार्यक्रमों का समर्थन करने हेतु खाद्य सुरक्षा हस्तक्षेपों के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रहा है।

विज़न: 

  • इसका लक्ष्य भूख एवं कुपोषण मुक्त भारत का निर्माण करना है जो सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी- 2 में वर्ष 2030 तक ज़ीरो हंगर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है) के अनुरूप है।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य पूरे देश में फूडबैंक्स का एक मज़बूत एवं कुशल नेटवर्क स्थापित करना है ताकि वर्ष 2030 तक प्रत्येक ज़िले में कम-से-कम एक फूडबैंक की स्थापना हो सके।

यह वैश्विक, घरेलू और स्थानीय सामुदायिक भागीदारों की एक बहु-हितधारक पहल है जो मानवीय एवं विकास परियोजनाओं का समर्थन करने के लिये स्वेच्छा से योगदान करते हैं।


केरल ब्लॉकचेन अकादमी

Kerala Blockchain Academy

केरल ब्लॉकचेन अकादमी (Kerala Blockchain Academy- KBA) भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान, केरल के तहत केरल सरकार की एक पहल है।

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उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य अनुसंधान, विकास एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की क्षमता का पता लगाना है।

मुख्य बिंदु:

  • इसकी स्थापना वर्ष 2017 में की गई थी। इस अकादमी ने प्रमाणन कार्यक्रमों, अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, परामर्श देने जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से एक आधुनिक तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का विकास किया है।
  • केरल ब्लॉकचेन अकादमी, लाइनेक्स फाउंडेसन हाइपरलेडगर प्रोजेक्ट (Linux Foundation Hyperledger Project) का एक सहयोगी सदस्य और आधिकारिक प्रशिक्षण भागीदार है।
  • केरल ब्लॉकचेन अकादमी, कॉर्डा ब्लॉकचेन (Corda Blockchain) के आर3 कंसोर्टियम का एक जनरल पार्टनर भी है।

भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार

National Archives of India

भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) के 130वें स्थापना दिवस के अवसर पर 11 मार्च, 2020 केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने  को ‘जलियाँवाला बाग हत्याकांड’ पर आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, यह प्रदर्शनी जनता के लिये 30 अप्रैल, 2020 तक खुली रहेगी।

मुख्य बिंदु:

  • यह प्रदर्शनी मुख्य रूप से भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध जलियाँवाला बाग नरसंहार से संबंधित अभिलेखीय दस्तावेज़ों की मूल एवं डिजिटल प्रतियों की मदद से आयोजित की गई है।
  • यह प्रदर्शनी अभिलेखाधारित सामग्री के माध्यम से ब्रिटिश अत्याचार के खिलाफ भारतीय लोगों के अथक संघर्ष को चित्रित करने का एक प्रयास है।

भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) के बारे में

  • भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक संबद्ध कार्यालय है। 
  • इसकी स्‍थापना 11 मार्च, 1891 को कोलकाता (कलकत्ता) में इंपीरियल रिकॉर्ड विभाग के रूप में की गई थी। 
  • वर्ष 1911 में राजधानी के कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण के बाद भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के इस वर्तमान भवन का निर्माण वर्ष 1926 में किया गया था। इसे सर एडविन लुटियन द्वारा डिज़ाइन किया गया था। कलकत्ता से नई दिल्ली में सभी अभिलेखों के हस्तांतरण का कार्य वर्ष 1937 में पूरा हुआ। 
  • यह सार्वजनिक रिकॉर्ड अधिनियम, 1993 (Public Records Act, 1993) और सार्वजनिक रिकॉर्ड नियमावली, 1997 (Public Record Rules, 1997) के कार्यांवयन के लिये एक नोडल एजेंसी है। 

महुआ न्यूट्रिबेवरेज

Mahua Nutribeverage

भारत सरकार पहली बार बाज़ार में एक महुआ आधारित मादक पेय लॉन्च करेगी जिसे महुआ न्यूट्रिबेवरेज (Mahua Nutribeverage) कहा जाता है।

Mahua-Nutribeverage

मुख्य बिंदु:

  • यह महुआ न्यूट्रिबेवरेज छह फलों के स्वाद में आएगा। यह पेय उच्च पोषक तत्त्व और अपेक्षाकृत अल्कोहल की कम मात्रा (केवल 5%) से युक्त होगा।
  • इसे आईआईटी-दिल्ली ने ट्राइफेड (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India- TRIFED) के सहयोग से दो वर्ष के शोध के बाद विकसित किया है।
    • ट्राइफेड (TRIFED) ने पेय के उत्पादन और विपणन हेतु उपयुक्त उद्यमियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिये राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (National Research Development Corporation- NRDC) के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • ट्राइफेड इस पेय बनाने की तकनीक को राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम द्वारा चयनित दलों को देने की योजना बना रहा है ताकि ऐसे उद्यम स्थापित किये जा सकें जो यह पेय बना सकें।
    • सर्वप्रथम आदिवासी बहुउद्देशीय सहकारी समिति सोसायटी (Adivasi Bahuuddeshiya Co-operative Society) रायगढ़ ने 6 मार्च, 2020 को NRDC के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये ताकि पेय का उत्पादन एवं विपणन किया जा सके।
  • वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय (Union Tribal Affairs Ministry) की मूल्यवर्द्धन योजना ‘वन धन विकास कार्यक्रम’ (Van Dhan Vikas Karyakram) के तहत विपणन किया जा रहा है। 
    • इसके तहत जनजातीय समूहों को प्रशिक्षण देने के लिये राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत 500-600 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है ताकि उनकी आय को कई गुना बढ़ाया जा सके।
    • इससे पहले ट्राइफेड को इस योजना को लागू करने के लिये वन धन विकास केंद्रों की स्थापना का कार्य सौंपा गया था, इसने चटनी, जैम, स्क्वैश और गैर-मादक पेय बनाने हेतु महुआ फूल से निर्मित सिरप का उपयोग करने के लिये आईआईटी-दिल्ली के साथ समझौता किया था।

महुआ (Mahua):

Mahua

  • महुआ जिसका वैज्ञानिक नाम मधुका इंडिका (Madhuca Indica) है, छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले के आदिवासी क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक प्रमुख वृक्ष है और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • महुआ का फूल शर्करा का एक समृद्ध स्रोत है और बताया जाता है कि इसमें विटामिंस, खनिज और कैल्शियम पाया जाता है।
  • महुआ के फूलों का किण्वन एवं आसवन करके स्प्रिट युक्त शराब बनाई जाती है जिसे 'देशी बीयर' के रूप में जाना जाता है।
  • महुआ के फूलों के वार्षिक उत्पादन का लगभग 90% का उपयोग पेय बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।

पोंगल महोत्सवम

Pongala Mahotsavam

9 मार्च, 2020 को केरल के तिरुवनंतपुरम के पास अट्टुकल भगवती मंदिर में पोंगल महोत्सवम (Pongala Mahotsavam) का आयोजन किया गया।

Pongala-Festival

मुख्य बिंदु:

  • यह त्योहार केरल में महिलाओं की सबसे बड़ी वार्षिक सभाओं में से एक है। अट्टुकल भगवती मंदिर को महिलाओं के सबरीमाला मंदिर के नाम से जाना जाता है।
  • दस दिवसीय यह उत्सव मलयालम महिने मकरम्-कुंभम् (फरवरी-मार्च) में शुरू होता है। पूरम तारे (Pooram Star) जो पूर्णिमा के साथ मेल खाता है, के शुभ दिन पोंगाला समारोह का आयोजन किया जाता है।
  • 10 दिन तक चलने वाले इस त्योहार में लाखों महिलाएँ अट्टुकल भगवती देवी को प्रसाद के रूप में मीठे चावल अर्पित करने के लिये जलावन की लकड़ी, मिट्टी के बर्तन, चावल, गुड़, नारियल और अन्य सामग्री के साथ मंदिर के चारों ओर लगभग 7 किलोमीटर के दायरे में इकट्ठा होती हैं।

सोनेरीला सुल्फेई

Sonerila Sulpheyi

केरल के वायनाड में स्थित पश्चिमी घाट के मेप्पडी वन रेंज (Meppadi forest range) के अंतर्गत थोलैइराम (Thollayiram) वन क्षेत्र से पौधे की एक नई प्रजाति सोनेरीला सुल्फेई (Sonerila Sulpheyi) की खोज की गई है।

Sonerila

मुख्य बिंदु:

  • यह प्रजाति मेलास्टोमैटेसी (Melastomataceae) परिवार के सोनेरीला (Sonerila) वंश से संबंधित है।
  • इस वंश को 'गोल्डन लीफ' के नाम से जाना जाता है जो मुख्य रूप से पश्चिमी घाट में पाया जाता है। विश्व भर में इस पौधे की 183 से अधिक प्रजातियाँ हैं।
  • ये पौधे वर्षा ऋतु के दौरान जल धाराओं के पास की चट्टानों पर उगते हैं इन पौधों में मांसल कंद, पत्ते एवं फूल होते हैं। इस पौधे का जीवन चक्र चार महीने का होता है।
  • इस नई प्रजाति को सोनेरीला सुल्फेई (Sonerila Sulpheyi) नाम प्रिंस सत्तम बिन अब्दुलाज़ीज़ विश्वविद्यालय (Prince Sattam Bin Abdulaziz University, Saudi Arabia), सऊदी अरब के प्रोफेसर एम.एम. सुल्फेय (M.M. Sulphey) के पर्यावरण में अहम योगदान का सम्मान करने के लिये दिया गया है।
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