लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

विविध

चर्चा में रही महत्त्वपूर्ण प्रजातियाँ

  • 26 Sep 2021
  • 25 min read

संक्षिप्त विवरण

  • यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में प्रत्येक वर्ष चर्चा में रही विभिन्न प्रजातियों की आईयूसीएन स्थिति अथवा उनकी अनूठी विशेषताओं पर आधारित एक या एक से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। लेकिन इन सभी प्रजातियों से संबंधित जानकारी को याद रख पाना बहुत ही मुश्किल काम है।
  • इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने समाचारों में कुछ महत्त्वपूर्ण प्रजातियों की सूची तैयार की है। ताकि अगर कुछ प्रजातियों को छोड़ भी दिया जाए तो भी आप एलिमिनेशन विधि से प्रश्नों को हल कर सकें।
  • उदाहरण के लिये, यह लेख आपको भारत में गंभीर रूप से लुप्तप्राय (CR) प्रजातियों की पूरी सूची प्रदान करता है। केवल CR प्रजातियों को याद करके आप IUCN स्थिति पर आधारित प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं।

गंभीर संकटग्रस्त (CR) पक्षी प्रजातियाँ :

प्रजाति 

संरक्षण स्थिति

भौगौलिक वितरण/आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

सफेद पेट वाला बगुला/व्हाइट बेलीड हेरान

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • पूर्वी हिमालय की तलहटी में (भारत और म्याँमार)
  • यह अधिकांशतः एकांतवासी है और अबाधित नदी क्षेत्रों या आर्द्रभूमियों में पाया जाता है। 

साइबेरियन क्रेन

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • आर्कटिक टुंड्रा क्षेत्र
  • ये सर्दियों के दौरान प्रजनन के लिये चीन, ईरान और भारत (भरतपुर) की ओर प्रवास करते हैं।
  • साइबेरियन क्रेन उन प्रजातियों में से एक है जिनके लिये अफ्रीकी-यूरेशियाई प्रवासी जलपक्षी (AEWA) के संरक्षण पर समझौता हुआ है।

सफेद पूँछ वाला गिद्ध
(White-rumped Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

  • भारत में गंगा का मैदानी भाग
  • भारत में गिद्धों की नौ प्रजातियाँ पाई जाती हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश के विलुप्त होने का खतरा है।
  • गिद्धों की आबादी के लगभग समाप्त होने का प्रमुख कारण डाइक्लोफेनाक नामक दवा थी।
  • सरकार ने भारत में गिद्धों के संरक्षण के लिये गिद्ध संरक्षण 2020-2025 योजना शुरू की है।

भारतीय गिद्ध 
(Indian Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • भारत में गंगा का मैदानी भाग

लंबी चोंच वाला गिद्ध 
(Slender-billed Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • उप-हिमालयी क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व एशिया

लाल सिर वाला गिद्ध 
(Red-headed Vulture)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • भारतीय उपमहाद्वीप तथा दक्षिण-पूर्व एशिया
  • एशियाई किंग वल्चर, भारतीय काले गिद्ध या पांडिचेरी गिद्ध के रूप में भी जाना जाता है।

बंगाल फ्लोरिकन 
(Bengal Florican)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय: परिशिष्ट I 

  • भारत और नेपाल में गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन के घास के मैदान।
  • यह ब्रह्मपुत्र और साथ ही गंगा में सूखे घास के मैदानों की एक प्रतिनिधि या संकेतक प्रजाति है।

हिमालयन बटेर/पर्वतीय बटेर 
(Himalayan Quail)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

  • उत्तराखंड राज्य 
  • अंतिम जनसंख्या अनुमान के अनुसार इनकी संख्या 50 से कम थी। 
  • वर्ष 1876 ​​के बाद से इनकी उपस्थिति दर्ज नहीं की गई है।

जेरडॉन्स करसर 
(Jerdon's Courser)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

  • पूर्वी घाट 
  • आंध्र प्रदेश के लिये स्थानिक।

गुलाबी सिर वाली बतख 
(Pink-headed Duck)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम:  अनुसूची I 

  • भारत, बांग्लादेश और म्याँमार में नदी के दलदलीय क्षेत्र

सोशिएबल लैपविंग

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • रूस और कजाकिस्तान में घास के खुले मैदान
  • सर्दियों के दौरान कंवर झील, बिहार (बिहार की पहली रामसर साइट) में प्रवास करते हैं।
  • ये पक्षी मध्य एशियाई फ्लाईवे के माध्यम से पलायन करते हैं।

सोन चिरैया/गोडावण
(Great Indian Bustard)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I 

CITES: परिशिष्ट I 

प्रवासी प्रजातियों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय: परिशिष्ट I 

  • यह आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप (विशेष रूप से राजस्थान, गुजरात, पाकिस्तान में) पर शुष्क घास के मैदानों और झाड़ियों में रहता है। 
  • यह विश्व के सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है।
  • यह राजस्थान का राज्य पक्षी है।
  • इसके संरक्षण के लिये राजस्थान सरकार द्वारा प्रोजेक्ट गोडावण शुरू किया गया है।

गंभीर रूप से संकटग्रस्त स्तनधारी:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

मालबार सिवेट

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES परिशिष्ट III

  • पश्चिमी घाट
  • यह एक रात्रिचर प्रजाति है
  • इस जानवर की गंध ग्रंथि से सिवेटोन निकाला जाता है जिसका उपयोग औषधियों में और सुगंधित के रूप में किया जाता है।
  • यह भारत के पश्चिमी घाटों के लिये स्थानिक है।

सुमात्रा राइनो 
(Sumatran Rhinoceros)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • ये भारत, नेपाल, भूटान, इंडोनेशिया और मलेशिया में पाए जाते हैं। 
  • अब मुख्य रूप से सुमात्रा और इंडोनेशिया में बोर्नियो में शेष।
  • इन देशों को एशियाई राइनो रेंज देशों के रूप में भी जाना जाता है।
  • राइनो की सभी प्रजातियों में सबसे छोटा।

जावा राइनो 
(Javan Rhinoceros)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • एशिया में राइनो की तीन प्रजातियां - ग्रेटर वन हॉर्न्ड, जावा और सुमात्रा। 
  • जावा और सुमात्रा राइनो गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं जबकि ग्रेटर एक सींग वाले (या भारतीय) गैंडे IUCN रेड लिस्ट में सुभेद्य के रूप में सूचीबद्ध हैं।
  • भारत में केवल ग्रेटर वन हॉर्न्ड राइनो यानी एक सींग वाला गैंडा पाया जाता है।

एलविरा चूहा या लार्ज रॉक रैट 
(Large Rock-rat or Elvira Rat)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती झाड़ी भूमि वन, चट्टानी क्षेत्रों में देखा जाता है।
  • रात्रिचर तथा छेद करने वाले कृंतक 
  • तमिलनाडु के पूर्वी घाटों के लिये स्थानिक

नामदफा की उड़ने वाली गिलहरी


(Namdapha Flying Squirrel) 

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)


वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची II

  • अरुणाचल प्रदेश में नामदफा राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
  • यह 25 "सर्वाधिक वांछित खोई हुई" प्रजातियों में से एक है जो वैश्विक वन्यजीव संरक्षण की "खोई हुई प्रजातियों की खोज" (Search for Lost Species) पहल के केंद्र में है।

एशियाई चीता 

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

CITES: परिशिष्ट I

  • खुली भूमि, छोटे मैदान, अर्द्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र और अन्य खुले आवास जहाँ शिकार उपलब्ध हैं।
  • ईरान में इनकी संख्या केवल 40-50 तक सीमित रह गई है।
  • अफ्रीकी चीता से छोटे तथा रंग भी तुलनात्मक रूप से हल्का [IUCN स्थिति: सुभेद्य (VU)] 
  • शरीर पर बहुत अधिक फर, छोटा सिर तथा लंबी गर्दन 
  • आमतौर पर इनकी आँखे लाल होती हैं और प्रायः बिल्ली के समान दिखते हैं।

अंडमान सफेद दाँतों वाली श्रू
(Andaman White-toothed Shrew)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • दक्षिण अंडमान द्वीप समूह में माउंट हैरियट पर पाया गया।
  • भारत के लिये स्थानिक

निकोबार श्रू

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • ग्रेटर निकोबार द्वीप के दक्षिणी सिरे पर और कैंपबेल बे नेशनल पार्क में पाया जाता है

जेनकिंस श्रू 
(Jenkin's Shrew)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • दक्षिण अंडमान द्वीप समूह में राइट मायो और माउंट हैरियट पर पाया गया।

चीनी पैंगोलिन 
(Chinese Pangolin)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • पूर्वी नेपाल, भूटान, उत्तरी भारत, उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश और दक्षिणी चीन के माध्यम से हिमालय की तलहटी।
  • त्वचा पर शल्क पाए जाते हैं 
  • पैंगोलिन की शल्क का उपयोग पारंपरिक दवाओं में।
  • इस विशेषता के चलते यह ऐसा जानवर है जिसकी सबसे अधिक तस्करी की जाती है।
  • इसके अलावा, कुछ ऐसे सिद्धांत भी सामने आए हैं हैं जो बताते हैं कि पैंगोलिन कोविड -19 का मध्यवर्ती वाहक है।
  • IUCN में भारतीय पैंगोलिन की स्थिति: संकटग्रस्त (EN)

गंभीर रूप से संकटग्रस्त मछलियाँ:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

पांडिचेरी शार्क

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र
  • यह 25 "सर्वाधिक वांछित खोई हुई" प्रजातियों में से एक है जो वैश्विक वन्यजीव संरक्षण की "खोई हुई प्रजातियों की खोज" (Search for Lost Species) पहल के केंद्र में हैं।

नाइफ टूथ सॉफिश

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • इन्हें कारपेंटर शार्क भी कहा जाता है।
  • ये लंबे, संकीर्ण, चपटे रोस्ट्रम या नाक के विस्तार वाले ‘रे’ (मछली का एक प्रकार) परिवार से संबंधित हैं। इनके तेज़ अनुप्रस्थ दाँत इस प्रकार पंक्तिबद्ध और व्यवस्थित होते हैं कि वे  आरी (सॉ) के समान प्रतीत होते हैं।

पतले थूथन वाली या ग्रीन सॉफिश 
(Narrow snout or Green Sawfish)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

गंगा शार्क

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • गंगा-हुगली नदी प्रणाली के निम्न जल स्तर वाले क्षेत्रों के ताज़े जल, तटवर्ती समुद्र और नदियों के मुहाने।

गंभीर रूप से संकटग्रस्त सरीसृप:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/ टिप्पणी

मछली खाने वाला मगरमच्छ या घड़ियाल 

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES परिशिष्ट I

  • भारत के उत्तरी भाग में ताज़े जल के निकाय।
  • प्राथमिक आवास: चंबल नदी
  • घड़ियाल की आबादी नदी जल की स्वच्छता का अच्छा संकेतक है।

चार पंजे वाला कछुआ 
(Four-toed Terrapin)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

CITES परिशिष्ट I

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • सुंदरबन पारिस्थितिकी क्षेत्र
  • भारतीय जीवविज्ञानी शैलेंद्र सिंह को इन प्रजातियों के संरक्षण के लिये बहलर कछुआ संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • जैव विविधता संरक्षण और गंगा संरक्षण कार्यक्रम के तहत संरक्षित।

लाल मुकुट के समान छत वाला कछुआ 

(Red-crowned Roofed Turtle)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट II


  • वर्तमान में, राष्ट्रीय चंबल नदी घड़ियाल अभयारण्य इसकी पर्याप्त आबादी वाला एकमात्र क्षेत्र है। 

चमड़े की पीठ वाला कछुआ 
(Leatherback Turtle)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • हिंद-प्रशांत
  • भारत का समुद्री कछुआ

हॉक्सबिल कछुआ 
(Hawksbill Turtle)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

गंभीर रूप से संकटग्रस्त उभयचर:

प्रजाति

संरक्षण स्थति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

अन्नामलाई फ्लाइंग फ्रॉग

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

  • पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग के लिये स्थानिक

केरल भारतीय मेंढक 
(Kerala India Frog)

IUCN: गंभीर संकटग्रस्त (CR)

संकटग्रस्त प्रजातियाँ (EN):

प्रजाति

संरक्षण स्थति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी

बाघ

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • अधिकांशतः 13 टाइगर रेंज वाले देशों: बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम में पाए जाते हैं।
  • 70% बाघ भारत में पाए जाते हैं।
  • महत्त्वपूर्ण और "व्यापक प्रजाति" के रूप में संदर्भित।
  • भारत में 52 टाइगर रिज़र्व।
  • भारत ने TX2 लक्ष्य हासिल कर लिया है, जो वर्ष 2022 तक विश्वभर के जंगलों में बाघों की संख्या को दोगुना करने हेतु एक वैश्विक प्रतिबद्धता है।

एशियाई शेर

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है।
  • एशियाई शेर अफ्रीकी शेरों से थोड़े छोटे होते हैं।
  • इनकी सबसे प्रमुख रूपात्मक विशेषता यह है कि इनके पेट के साथ त्वचा की एक अनुदैर्ध्य परत पाई जाती है जो कि अफ्रीकी शेरों में बहुत ही दुर्लभ है।

गंगा डॉल्फिन

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

प्रवासी प्रजातियों पर अभिसमय(CMS): परिशिष्ट II 

  • नेपाल, भारत और बांग्लादेश की गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्णफुली-सांगू नदी प्रणालियाँ।
  • ये केवल ताज़े/मीठे जल में पाई जाती हैं।
  • अनिवार्य रूप से इनमें दृश्य क्षमता का अभाव होता है और ये अल्ट्रासोनिक ध्वनि उत्सर्जित करके शिकार करती हैं।
  • इन्हें 'सुसु' (Susu) भी कहा जाता है।
  • यह संपूर्ण नदी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का एक विश्वसनीय संकेतक है।
  • इसे भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में राष्ट्रीय जलीय पशु के रूप में मान्यता दी गई थी।

पिग्मी हॉग

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • ये नमीयुक्त घास के मैदान में पाए जाते हैं।
  • वर्तमान में इनकी एक छोटी आबादी मुख्य रूप से असम में पाई जाती है।
  • ये विश्व के सबसे दुर्लभ और सबसे छोटे जंगली सूअर हैं।

कोंडाना चूहा

(Kondana Rat)

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

  • केवल महाराष्ट्र में पुणे के निकट छोटे सिंहगढ़ पठार में पाया जाता है।
  • उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन और उष्णकटिबंधीय झाड़ियाँ।
  • वे रात्रिचर हैं और बिलों में रहते हैं।

वन उल्लू
(Forest Owlet)

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

CITES: परिशिष्ट I

  • शुष्क पर्णपाती वन
  • मध्य भारत के जंगलों के लिये स्थानिक

रेड पांडा

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • भारत, नेपाल, भूटान के वन और म्याँमार तथा दक्षिणी चीन के उत्तरी पर्वत।
  • मिश्रित पर्णपाती और शंकुधारी वन जिनमें बाँस की सघन उपस्थिति होती हैं।
  • जीनस ऐलुरस (Ailurus) का एकमात्र जीवित सदस्य।
  • यह सिक्किम का राज्य पशु भी है।

नीलगिरी तहर

IUCN: संकटग्रस्त (EN)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • वर्षा वन पारिस्थितिकी क्षेत्र के खुले पर्वतीय घास के मैदान
  • नीलगिरि पहाड़ियों और पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग के लिये स्थानिक।
  • यह तमिलनाडु का राज्य पशु है।
  • सैडलबैक के नाम से भी जाना जाता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रजातियाँ:

प्रजाति

संरक्षण स्थिति

आवास

अद्वितीय विशेषता/टिप्पणी


हिम तेंदुआ 
(Snow Leopard)

IUCN: सुभेद्य (VU)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I 

  • मध्य और दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्र।
  • पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का सूचक।
  • विश्व की हिम तेंदुआ राजधानी: हेमिस, लद्दाख
  • उच्च तुंगता वाले हिमालय की प्रमुख प्रजाति।
  • हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिये वर्ष 2009 में प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड शुरू किया गया था।

चितकबरा कोयल
(Pied Cuckoo)

IUCN: संकटापन्न (NT)

  • ये अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं।
  • चितकबरे कोयल को भारत में मानसून के साथ घनिष्ठ संबंध के लिये जाना जाता है।
  • यह एक ब्रूड परजीवी है यानी इस प्रजाति की मादा अपने अंडे अन्य पक्षियों के घोंसलों में देती है।
  • यह उन कुछ प्रजातियों में से एक है जो ग्रीष्मकाल के दौरान में भारत आती हैं।

ओलिव रिडले कछुआ 

IUCN: सुभेद्य (VU)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

CITES: परिशिष्ट I

  • ओडिशा के गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य को विश्व के सबसे बड़े नीडल स्थल के रूप में जाना जाता है।
  • ओलिव रिडले कछुए दुनिया में पाए जाने वाले सभी समुद्री कछुओं में सबसे छोटे और सबसे प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले कछुए हैं।

अमूर फाल्कन 
(Amur Falcon)

IUCN: कम चिंतनीय (LC)

  • दक्षिणपूर्वी साइबेरिया और उत्तरी चीन
  • विश्व के सबसे लंबे समय तक यात्रा करने वाले रैप्टर।
  • नगालैंड में दोयांग झील को अमूर फाल्कन के पड़ाव/विश्राम स्थल के रूप में जाना जाता है।
  • नगालैंड को "विश्व की बाज़ राजधानी" (Falcon Capital of the World) के रूप में भी जाना जाता है।

ड्यूगॉन्ग
(Dugong)

IUCN: सुभेद्य (VU)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम: अनुसूची I

  • तमिलनाडु में मन्नार की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गुजरात में कच्छ की खाड़ी
  • शाकाहारी स्तनधारियों की एक मात्र शेष प्रजाति जो कि विशेष रूप से समुद्र में रहती हैं।
  • ड्यूगॉन्ग को समुद्री गाय (Sea Cow) भी कहा जाता है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2