प्रारंभिक परीक्षा
मत्स्य पालन सब्सिडी पर विश्व व्यापार संगठन समझौता
- 27 Sep 2025
- 44 min read
चर्चा में क्यों?
भारत विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मत्स्य पालन सब्सिडी समझौते (Agreement on Fisheries Subsidies) को अनुमोदित करने की प्रक्रिया में है, जिससे यह सतत् मत्स्य पालन प्रथाओं और छोटे मछुआरों की सुरक्षा के लिये एक मज़बूत आवाज़ के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है।
- यह कदम उस वैश्विक प्रयास के बीच आया है, जिसमें हानिकारक सब्सिडियों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है, जो अत्यधिक मत्स्य संग्रहण को बढ़ावा देती हैं और समुद्री जैवविविधता के लिये खतरा बनती हैं।
मत्स्य पालन सब्सिडी पर विश्व व्यापार संगठन (WTO) समझौता क्या है?
- परिचय: WTO मत्स्य पालन सब्सिडी समझौता एक बाध्यकारी बहुपक्षीय समझौता है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मत्स्य पालन में पर्यावरणीय स्थिरता और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देना है।
- यह महासागरीय प्रशासन और समुद्री संसाधनों के संरक्षण पर केंद्रित पहला विश्व व्यापार संगठन समझौता है। इस समझौते को वर्ष 2022 में विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में जिनेवा पैकेज के तहत अपनाया गया था, यह सितंबर 2025 में लागू होगा जब विश्व व्यापार संगठन के दो-तिहाई सदस्य अपने स्वीकृति दस्तावेज़ जमा कर देंगे।
- मुख्य उद्देश्य:
- उन सब्सिडी पर रोक लगाना जो अत्यधिक मत्स्य संग्रहण, अत्यधिक क्षमता और मत्स्य भंडार की कमी में योगदान देती हैं।
- उन लाखों लोगों की आजीविका की सुरक्षा करना, जो पोषण और आय के लिये मत्स्य पालन पर निर्भर हैं।
- प्रतिस्पर्द्धा को विकृत करने वाली सब्सिडी को अनुशासित कर समान प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण प्रदान करना।
- मुख्य विशेषताएँ:
- सब्सिडी प्रतिबंध: अवैध, असूचित और अनियमित (IUU) मत्स्यन, अत्यधिक मात्रा में पकड़े गए स्टॉक के मत्स्यन और अनियमित उच्च समुद्र में मत्स्यन के लिये सरकारी सहायता पर प्रतिबंध लगाता है।
- पारदर्शिता तंत्र: WTO के सदस्य अपने सब्सिडी और मत्स्य ग्रहण गतिविधियों की सूचना देने के लिये बाध्य हैं, ताकि निगरानी सुनिश्चित हो सके।
- कार्यान्वयन सहायता: विकासशील देशों और अल्प विकसित देशों (LDC) को तकनीकी सहायता और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये WTO फिश फंड स्थापित किया गया है।
- मत्स्य पालन पर सब्सिडी समिति: यह नियमित संवाद, अनुपालन समीक्षा और तकनीकी सहायता के लिये एक मंच प्रदान करती है।
भारत की मत्स्य पालन सब्सिडी पर WTO समझौते पर क्या स्थिति है?
- छोटे मछुआरों के लिये सुरक्षा: भारत छोटे और पारंपरिक मछुआरों की आजीविका की सुरक्षा के लिये नीति संबंधी स्वतंत्रता और छूट चाहता है। भारत विशेष एवं विभेदक उपचार (S&DT) का सटीक और प्रभावी उपयोग करने की वकालत करता है, जिसमें विकासशील देशों और अल्प विकसित देशों (LDC) के लिये 25 वर्ष की संक्रमण अवधि शामिल है, जबकि विकसित देशों ने 5–7 वर्ष का प्रस्ताव रखा है।
- प्रति व्यक्ति सब्सिडी आधारित: भारत का प्रस्ताव है कि सब्सिडी की गणना प्रति मछुआरे के आधार पर की जाए, न कि कुल सब्सिडी राशि के आधार पर, जो विकसित देशों (प्रति मछुआरा 76,000 अमेरिकी डॉलर) और भारत (प्रति मछुआरा 35 अमेरिकी डॉलर) में उच्च सब्सिडी के बीच अंतर को उजागर करता है।
- ऐतिहासिक सब्सिडी देने वालों के लिये सख्त नियम: उन देशों के लिये सख्त नियमों की मांग करता है जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से अत्यधिक मत्स्यन में योगदान देने वाली उच्च सब्सिडी दी है, जबकि कम प्रभाव वाले मत्स्यन वाले देशों की रक्षा की जानी चाहिये।
- धारणीयता पर फोकस: यह इस बात पर ज़ोर देता है कि नियम उन देशों को दंडित नहीं किया जाना चाहिये जो सतत् मात्स्यिकी की दिशा में कार्य कर रहे हैं और उन्हें दीर्घकालिक समुद्री संरक्षण में समर्थन मिलना चाहिये।
सतत् मात्स्यिकी को बढ़ावा देने हेतु भारत की पहल और योजनाएँ क्या हैं?
- नीली क्रांति योजना (2015-16): जलीय कृषि और समुद्री मत्स्य पालन विकास के माध्यम से मत्स्य उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।.
- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY, 2020): PMMSY का उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाकर, रोज़गार सृजन करके और सतत् प्रथाओं को बढ़ावा देकर मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव लाना है।
- मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF, 2018-19): समुद्री तथा अंतर्देशीय मत्स्य पालन में अवसंरचना विकास के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- समुद्री मत्स्य पालन पर राष्ट्रीय नीति (NPMF, 2017): सतत् समुद्री संसाधन प्रबंधन और मत्स्य भंडार के संरक्षण को सुनिश्चित करती है।
- राज्य विशिष्ट समुद्री मत्स्यन विनियमन अधिनियम (MFRA): महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्य भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में मत्स्यन को विनियमित करते हैं, जिसमें मछली पकड़ने पर प्रतिबंध और विनाशकारी तरीकों पर रोक भी शामिल है।”
- ICAR- केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान (CIFE): सतत् मत्स्य पालन और जलीय कृषि पद्धतियों में शिक्षा एवं अनुसंधान प्रदान करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. 'ऐग्रीमेंट ऑन ऐग्रीकल्चर (Agreement on Agriculture)', 'ऐग्रीमेंट ऑन दि ऐप्लीकेशन ऑफ सैनिटरी ऐंड फाइटोसैनिटरी मेजर्स (Agreement on the Application of Sanitary and Phytosanitary Measures)' और 'पीस क्लॉज़ (Peace Clause)' शब्द प्रायः समाचारों में किसके मामलों के संदर्भ में आते हैं? (2015)
(a) खाद्य और कृषि संगठन
(b) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का रूपरेखा सम्मेलन
(c) विश्व व्यापार संगठन
(d) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
उत्तर: (c)
मेन्स:
प्रश्न. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जहाँ लिये गए निर्णय देशों को गहराई से प्रभावित करते हैं। डब्ल्यू.टी.ओ. का क्या अधिदेश (मैंडेट) है और उसके निर्णय किस प्रकार बंधनकारी हैं? खाद्य सुरक्षा पर विचार-विमर्श के पिछले चक्र पर भारत के दृढ़-मत का समालोचनापूर्वक विश्लेषण कीजिये। (2014)