रैपिड फायर
ट्रैक्टर उत्सर्जन मानदंड (TREM)
- 05 Nov 2025
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किसानों संगठनों ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव का विरोध किया है जिसमें 1 अक्तूबर 2026 से ट्रैक्टरों के लिये ट्रैक्टर उत्सर्जन मानदंड (TREM) स्टेज V को लागू करने की बात की गई है। उन्होंने यह तर्क दिया है कि ये नियम किसानों को नए ट्रैक्टर खरीदने के लिये मजबूर करेंगे, जिससे उनका ऋण और आर्थिक कठिनाइयाँ बढ़ेंगी।
- TREM: ये सरकार द्वारा निर्धारित प्रदूषण-नियंत्रण मानदंड हैं, जिनका उद्देश्य कृषि ट्रैक्टरों और कृषि मशीनरी से निकलने वाले हानिकारक उत्सर्जनों को नियंत्रित तथा कम करना है।
- ये अन्य वाहनों के लिये लागू भारत स्टेज (BS) मानदंडो के समान हैं, लेकिन विशेष रूप से कृषि उपकरणों के लिये बनाए गए हैं ताकि नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), पार्टिकुलेट मैटर (PM), हाइड्रोकार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को सीमित किया जा सके।
- TREM के स्टेज: भारत में ट्रैक्टर उत्सर्जन मानदंड पहली बार वर्ष 1999 में लागू किये गए थे। इसके बाद भारत (TREM) स्टेज II वर्ष 2003 में ऑटो फ्यूल नीति पर विशेषज्ञ समिति (माशेलकर समिति, 2002) की सिफारिशों के आधार पर लागू किया गया और भारत (TREM) स्टेज III वर्ष 2005 में आया।
- TREM-IIIA (2010–11) में हॉर्सपावर (HP)-आधारित सीमाएँ जोड़ी गईं और TREM-IV वर्ष 2023 में 50 HP से अधिक ट्रैक्टरों के लिये लागू किया गया ताकि उत्सर्जन को और कम किया जा सके।
- प्रभाव: 50 HP से अधिक ट्रैक्टरों के लिये TREM-IV और V मानदंडो के लागू होने से ट्रैक्टरों की कीमत में 20–25% तक की वृद्धि हो सकती है, जिससे छोटे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
- किसानों का आग्रह है कि TREM-V केवल 70 HP से अधिक वाले ट्रैक्टरों पर लागू किया जाएँ, जो मुख्यतः गैर-कृषि कार्यों में उपयोग होते हैं।