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स्वामी निवेश फंड- I

  • 07 Mar 2023
  • 5 min read

स्वामी निवेश कोष (Special Window for Affordable and Mid-Income Housing- SWAMIH) ने वर्ष 2019 में स्थापना के बाद से 20,557 घरों के निर्माण का कार्य को पूरा किया है।

  • यह भारत का सबसे बड़ा सामाजिक प्रभाव कोष है जिसे विशेष रूप से तनावग्रस्त और रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिये बनाया गया है।

SWAMIH निवेश कोष क्या है?

  • परिचय:
  • योग्यता मानदंड:
    • रियल एस्टेट परियोजनाएँ, जो धन की कमी के कारण रुकी हुई हैं, को रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) के तहत अवश्य पंजीकृत होना चाहिये।
      • इनमें से प्रत्येक परियोजना लगभग पूरी होने के करीब होनी चाहिये।
    • इन्हें 'किफायती और मध्यम-आय परियोजना' श्रेणी के अंतर्गत भी आना चाहिये (कोई भी आवास परियोजना जिसमें आवास इकाइयाँ 200 वर्ग मीटर क्षेत्र से अधिक में न हों)।
    • सकारात्मक शुद्ध मूल्य वाली परियोजनाएँ भी SWAMIH निवेश की पात्र हैं।
      • सकारात्मक शुद्ध मूल्य वाली परियोजनाएँ वे हैं जो ग्राहकों के लिये बेहतर संग्रह और बिक्री के उत्प्रेरक का काम करती हैं और उनकी पूर्णता लागत और बकाया दायित्त्वों से अधिक मूल्यवान हैं।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करना और घर खरीदारों के लिये घरों का वितरण सुनिश्चित कर वित्तपोषण प्रदान करना है।
    • रियल एस्टेट उद्योग को नकदी मुक्त करते हुए सीमेंट और स्टील जैसे प्रमुख उद्योगों को बढ़ावा देना।

प्रदर्शन:

  • अभी तक इसने 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की मंज़ूरी के साथ लगभग 130 परियोजनाओं को अंतिम स्वीकृति प्रदान की है।
  • इसके तहत 20,557 घरों का निर्माण किया गया है और अगले तीन वर्षों में 30 टियर 1 एवं 2 शहरों में 81,000 से अधिक घरों के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य है।
  • यह निवेश 26 परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने और अपने निवेशकों के लिये रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम रहा है।
  • इसने रियल एस्टेट और अवसंरचित क्षेत्र में कई सहायक उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही 35,000 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी को सफलतापूर्वक जारी किया है।

वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Fund- AIF):

  • पारंपरिक इक्विटी, बाॅण्ड और नकदी के अलावा अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करने हेतु AIF कई अलग-अलग निवेशकों से धन इकट्ठा करता है। इन परिसंपत्तियों में निजी इक्विटी, हेज फंड, रियल एस्टेट, कमोडिटीज़ या अन्य गैर-पारंपरिक निवेश शामिल हो सकते हैं।
  • AIF को सामान्यतः उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों और संस्थागत निवेशकों हेतु विपणन किया जाता है, जिनके पास अधिक जटिल एवं कम तरल परिसंपत्तियों में निवेश करने के लिये जानकारी तथा संसाधन होते हैं।
  • AIF को भारत में प्रतिभूति और भारतीय विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) विनियम (AIF), 2012 के नियम 2 (1) (b) द्वारा परिभाषित किया गया है।
  • AIF में SEBI (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996, SEBI (सामूहिक निवेश योजनाओं) विनियम, 1999 या बोर्ड के किसी भी अन्य नियमों के तहत शामिल फंड प्रबंधन गतिविधियों को विनियमित करने वाले फंड शामिल नहीं है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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