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भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना

  • 07 Jun 2025
  • 4 min read

स्रोत: द हिंदू 

केंद्र सरकार ने घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उत्पादन को बढ़ावा देने और भारत को वैश्विक EV विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिये भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (SPMEPCI) के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

SPMEPCI: 

  • परिचय: यह भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक यात्री कारों (e-4W) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है
    • यह योजना वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने और सतत् गतिशीलता को बढ़ावा देने के भारत के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है।
  • पात्रता मानदंड: यह उन कंपनियों/समूहों तक सीमित है, जिनकी ऑटोमोटिव विनिर्माण से न्यूनतम ऑटोमोटिव राजस्व 10,000 करोड़ रुपए है तथा अचल संपत्तियों में न्यूनतम निवेश 3,000 करोड़ रुपए है।
  • SPMEPCI की मुख्य विशेषताएँ:
    • सीमा शुल्क रियायत: अनुमोदित आवेदक 35,000 अमेरिकी डॉलर की न्यूनतम लागत वाली इलेक्ट्रिक यात्री कारों की पूर्णतः निर्मित इकाइयों (CBU) को 15% की कम सीमा शुल्क पर आयात कर सकते हैं।
      • यह लाभ अनुमोदन की तिथि से पाँच वर्षों तक उपलब्ध रहेगा तथा प्रतिवर्ष आयात की अधिकतम सीमा 8,000 इकाई निर्धारित की गई है।
    • निवेश प्रतिबद्धता: आवेदकों को 3 वर्षों के भीतर न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा, विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करनी होंगी और उस समय सीमा के भीतर उत्पादन शुरू करना होगा।
    • घरेलू मूल्य संवर्द्धन (DVA): आवेदकों को ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिये विस्तारित PLI योजना के अनुरूप 3 वर्षों के भीतर कम-से-कम 25% DVA और 5 वर्षों के भीतर 50% DVA हासिल करना होगा। 

भारत का ऑटोमोटिव सेक्टर

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