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RBI द्वारा AIF में निवेश हेतु नए मानदंड

  • 01 Aug 2025
  • 19 min read

स्रोत: TH

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) योजनाओं में विनियमित संस्थाओं (REs) द्वारा निवेश को सीमित करने के लिये नए मानदंड जारी किये हैं, ताकि एवरग्रीनिंग को रोका जा सके, सांद्रता जोखिम को कम किया जा सके और वित्तीय जोखिम प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके।

  • निवेश सीमा: किसी भी AIF योजना में सभी RE द्वारा कुल निवेश, कुल राशि के 20% तक सीमित है। कोई भी RE, AIF योजना की कुल राशि के 10% से अधिक निवेश नहीं कर सकता।
    • यदि कोई RE किसी AIF में 5% से अधिक का निवेश करता है, जिसका अपने स्वयं के देनदार (इक्विटी को छोड़कर) के लिये डाउनस्ट्रीम एक्सपोज़र है, तो उसे उस निवेश की कुल ऋण राशि को सुरक्षा जाल के रूप में अलग रखना होगा।
  • विनियमित संस्थाएँ: वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), शहरी और सहकारी बैंक, अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC), जिनमें हाउसिंग फाइनेंस कंपनियाँ भी शामिल हैं।
  • सेबी के साथ संरेखण: नए नियम RBI के मानदंडों को उचित परिश्रम और निवेश प्रथाओं पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के मानकों के अनुरूप लाते हैं।
  • वैकल्पिक निवेश कोष: AIF भारत में एक निजी रूप से एकत्रित निवेश साधन है जो अनुभवी भारतीय या विदेशी निवेशकों से उनके लाभ के लिये एक निर्धारित नीति के अनुसार निवेश करने हेतु धन एकत्र करता है।
    • AIF में सेबी के म्यूचुअल फंड या सामूहिक निवेश योजना नियम 1999 के अंतर्गत विनियमित फंड शामिल नहीं हैं। 
      • यह छूट पारिवारिक ट्रस्टों, कर्मचारी कल्याण/ग्रैच्युटी ट्रस्टों और कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत आने वाली होल्डिंग कंपनियों पर भी लागू होती है।

AIF की श्रेणियाँ:

श्रेणी 

विवरण

श्रेणी I

ऐसे क्लोज़-एंडेड फंड जिनकी न्यूनतम अवधि 3 वर्ष होती है और जो स्टार्टअप या शुरुआती चरण के उपक्रमों में निवेश करते हैं जिन्हें आर्थिक रूप से वांछनीय माना जाता है, जैसे: 

  • वेंचर कैपिटल फंड्स 
  • एंजेल फंड्स 
  • एसएमई फंड्स आदि

श्रेणी II

ऐसे क्लोज़-एंडेड फंड जिनकी न्यूनतम अवधि 3 वर्ष होती है, और जो न तो श्रेणी I में आते हैं और न ही श्रेणी III में। उदाहरण: 

  • रियल एस्टेट फंड्स (RE Funds) 
  • प्राइवेट इक्विटी फंड्स (PE Funds) 
  • संकटग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए फंड्स (Funds for Distressed Assets) आदि

श्रेणी III

ओपन-एंडेड या क्लोज़-एंडेड फंड्स जो जटिल ट्रेडिंग रणनीतियों का उपयोग करते हैं अल्पकालिक लाभ कमाने के उद्देश्य से। उदाहरण: 

  • हेज फंड्स 
  • पब्लिक इक्विटी में प्राइवेट निवेश (PIPE Funds) आदि

और पढ़ें: अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड

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