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हॉट स्प्रिंग और जीवन की उत्पत्ति

  • 01 Aug 2025
  • 15 min read

स्रोत: DST

लद्दाख के पूगा घाटी हॉट स्प्रिंग में वैज्ञानिकों ने ट्रैवर्टीन (कैल्शियम कार्बोनेट) के भंडार की खोज की है, जो अमीनो एसिड, फैटी एसिड और फॉर्मामाइड जैसे कार्बनिक अणुओं की ट्रैपिंग में सक्षम है।

  • यह खोज इस सिद्धांत का समर्थन करती है कि जीवन की उत्पत्ति जियोथर्मल (भूतापीय) वातावरण में हुई होगी, जो प्रारंभिक पृथ्वी या मंगल ग्रह के समान है।
  • इस अध्ययन में GC-MS-MS, रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी, एक्स-रे डिफ्रैक्शन (XRD), इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी (IR), स्टेबल आइसोटोप जियोकेमिस्ट्री और माइक्रोस्कोपी जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है।
  • यह शोध पहले के सिलिका-आधारित उत्पत्ति सिद्धांतों को चुनौती प्रदान करता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि कैल्शियम कार्बोनेट जैव-संकेतों (Biosignatures) को संरक्षित कर सकता है तथा एक प्रारंभिक-जीव रिएक्टर की तरह कार्य कर सकता है।
  • ये निष्कर्ष मंगल जैसे भू-भागों पर बायोसिग्नेचर का पता लगाने में मार्गदर्शन करके इसरो के खगोल-जैविक मिशनों में सहायता कर सकते हैं।

हॉट स्प्रिंग और गीज़र

  • हॉट स्प्रिंग भू-तापीय संरचनाएँ हैं जहाँ विवर्तनिक रूप से सक्रिय क्षेत्रों में गर्म भूजल सतह पर आता है। उदाहरण: मणिकरण (हिमाचल प्रदेश)।
  • दक्षिण-पूर्वी लद्दाख में स्थित पुगा घाटी भूतापीय गतिविधि, सल्फर स्प्रिंग्स और ऊर्जा क्षमता के लिये जानी जाती है।
  • गीज़र ज्वालामुखीय भूतापीय संरचनाएँ हैं जो भूमिगत गुहाओं में मैग्मा द्वारा भूजल के अति-गर्म होने पर गर्म पानी और भाप का विस्फोट करती हैं। उदाहरण: येलोस्टोन राष्ट्रीय उद्यान (अमेरिका)।

विशेषता

हॉट स्प्रिंग्स 

गीज़र

प्रवाहित जल

गर्म पानी लगातार बहता रहता है, बिना किसी विस्फोटक गतिविधि के।

गर्म पानी और भाप निश्चित अंतराल पर फव्वारे के रूप में बाहर निकलते हैं।

उदाहरण

येलोस्टोन पार्क (अमेरिका), बद्रीनाथ और मणिकरण (भारत)

ओल्ड फेथफुल गीज़र (हर एक घंटे में फूटता है), कुल लगभग 100 गीज़र मौजूद हैं।

स्वास्थ्य लाभ

नहाने के लिये बहुत लाभकारी होते हैं।

और पढ़ें: लद्दाख में भूतापीय ऊर्जा

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