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रेयर अर्थ मैग्नेट (दुर्लभ मृदा चुंबक)

  • 21 Aug 2025
  • 12 min read

स्रोत: FE

चीन ने भारत को दुर्लभ मृदा चुंबकों (रेयर अर्थ मैग्नेट) के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है, जिससे ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, एयरोस्पेस और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों को महत्त्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।

रेयर अर्थ मैग्नेट (दुर्लभ मृदा चुंबक)

  • परिभाषा: रेयर अर्थ मैग्नेट (दुर्लभ मृदा चुंबक) वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध सबसे मज़बूत स्थायी चुंबक होते हैं, जो उच्च चुंबकीय शक्ति और डीमैग्नेटाइजेशन (चुंबकीयता खोने) के प्रतिरोध के लिये जाने जाते हैं।
  • संरचना: ये मुख्यतः दुर्लभ मृदा तत्त्वों जैसे नियोडिमियम, प्रसीओडिमियम और डिस्प्रोसियम से बने होते हैं, जिन्हें अक्सर मिश्र धातुओं जैसे नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन (NdFeB) में उपयोग किया जाता है।
  • अनुप्रयोग: लघु और ऊर्जा-कुशल उपकरणों में उपयोगी, जहाँ भार, स्थान और तापीय प्रतिरोध महत्त्वपूर्ण होते हैं। विद्युत मोटर, सेंसर, स्पीकर और अन्य उच्च-प्रदर्शन घटकों में उपयोग किया जाता है।
    • पारंपरिक चुंबकों की तुलना में इनके कॉम्पैक्ट आकार, उच्च प्रभावशीलता और तापीय प्रतिरोध के कारण पिछले 6-8 वर्षों में इनका उपयोग तेज़ी से बढ़ा है।
  • वैश्विक बाज़ार: चीन दुर्लभ  धातुओं के खनन में लगभग 70% और दुर्लभ मृदा चुंबक उत्पादन में लगभग 90% का योगदान करता है ।
  • आत्मनिर्भरता के लिये भारत की योजनाएँ: भारत वियतनाम, ब्राज़ील और रूस जैसे गैर-चीनी स्रोतों से दुर्लभ मृदा चुम्बकों के अल्पकालिक आयात की सुविधा प्रदान कर रहा है, जबकि प्रोत्साहन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी द्वारा समर्थित, 3-5 वर्षों के भीतर एक पूर्ण घरेलू उत्पादन शृंखला बनाने का लक्ष्य रखता है।

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