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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 दिसंबर, 2021

  • 29 Dec 2021
  • 7 min read

‘साइके मिशन’ 

नासा ने अगस्त 2022 में ‘साइके मिशन’ को लॉन्च किये जाने की घोषणा की है। यह ‘मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट’ में ‘16 साइकी’ नामक एक विशाल धातु क्षुद्रग्रह की खोजबीन करने के लिये लॉन्च पहला  मिशन होगा। इस संबंध में नासा द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, इस मिशन को अगस्त 2022 में लॉन्च किया जाएगा और यह वर्ष 2026 तक क्षुद्रग्रह बेल्ट में पहुँच जाएगा। पृथ्वी से लगभग 370 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित ‘16 साइकी’ हमारे सौरमंडल की क्षुद्रग्रह बेल्ट में सबसे बड़े खगोलीय निकायों में से एक है। इस रहस्यमयी क्षुद्रग्रह की खोज इतालवी खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस द्वारा 17 मार्च, 1852 को की गई थी और इसका नाम ग्रीक की प्राचीन आत्मा की देवी साइकी (Psyche) के नाम पर रखा गया था। चूँकि यह वैज्ञानिकों द्वारा खोजा जाने वाला 16वाँ क्षुद्रग्रह है, इसलिये इसके नाम के आगे 16 जोड़ा गया है। नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप (HST) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस रहस्यमय क्षुद्रग्रह की सतह पर पृथ्वी के कोर के समान लोहा और निकेल (Nickel) की मौजूदगी हो सकती है। अधिकांश क्षुद्रग्रहों (Asteroids) के विपरीत, जो कि चट्टानों या बर्फ से बने होते हैं, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि ‘16 साइकी’ क्षुद्रग्रह एक बहुत बड़ा धातु निकाय है जिसे पूर्व के किसी ग्रह का कोर माना जा रहा है, जो कि पूर्णतः ग्रह के रूप में परिवर्तित होने में सफल नहीं हो पाया था।

भारत करेगा ‘आतंकवाद विरोधी समिति’ की अध्यक्षता

भारत जनवरी 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्षता करेगा। यह समिति भारत के दृष्टिकोण से काफी महत्त्वपूर्ण है और यह वैश्विक स्तर पर आतंकवाद का मुकाबला करने हेतु भारत के प्रयासों में मददगार साबित हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्षता तकरीबन 10 वर्षों के बाद भारत के पास आई है, जबकि इससे पूर्व भारत ने वर्ष 2012 में इस समिति की अध्यक्षता की थी। गौरतलब है कि भारत 2021-22 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 3 महत्त्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता करेगा, जिसमें तालिबान प्रतिबंध समिति, लीबिया प्रतिबंध समिति और आतंकवाद विरोधी समिति शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत ने जनवरी 2021 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में अपना दो वर्ष का कार्यकाल शुरू किया था। साथ ही भारत ने अगस्त 2021 में एक महीने के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भी की थी। UNSC में यह भारत का आठवाँ कार्यकाल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ मुख्य तौर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने हेतु उत्तरदायी है। 

विक्रम मिश्री

चीन संबंधी विषयों के विशेषज्ञ और बीजिंग में पूर्व भारतीय राजदूत ‘विक्रम मिश्री’ को हाल ही में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय’ में ‘उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ नियुक्त किया गया है। वर्ष 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी ‘विक्रम मिश्री’, पंकज सरन का स्थान लेंगे। बतौर ‘उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’  विक्रम मिश्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे। चीन में भारत के राजदूत के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान विक्रम मिश्री ने ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ (LAC) पर चीन की सेना के साथ चल रहे तनाव पर बीजिंग में आधिकारिक बैठकों का नेतृत्त्व किया था। विक्रम मिश्री का जन्म श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में हुआ था और नवंबर 2018 में उन्हें चीन में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया था। इसके अलावा वर्ष 2012 में उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निजी सचिव नियुक्त किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भी वे कार्यरत रहे। 

यूज़र डेटा और कॉल रिकॉर्ड रखने की अवधि

दूरसंचार विभाग (DoT) ने हाल ही में दूरसंचार कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISP) को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कम-से-कम दो वर्ष तक वाणिज्यिक और कॉल विवरण रिकॉर्ड बनाए रखने का आदेश दिया है। ‘यूनिफाइड लाइसेंस एग्रीमेंट’ में यह संशोधन राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुरोध पर किया गया है। इससे पूर्व ग्राहकों के कॉल डेटा और इंटरनेट उपयोग रिकॉर्ड संग्रहीत करने की अवधि केवल एक वर्ष थी। इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को दो वर्ष की अवधि के लिये आईपी विवरण रिकॉर्ड के साथ इंटरनेट टेलीफोनी का विवरण बनाए रखने की आवश्यकता होगी।

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