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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 दिसंबर, 2020

  • 23 Dec 2020
  • 6 min read

भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव-2020

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव-2020 का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भारत के पास विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में एक समृद्ध विरासत है। भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में पथप्रदर्शक रहे हैं। वैश्विक समस्याओं को हल करने में हमारा तकनीकी उद्योग सबसे आगे है, हालाँकि अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है।’ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी तथा यह मुख्य तौर पर भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करता है। इस महोत्सव का लक्ष्य आम जनता को विज्ञान के महत्त्व से अवगत कराना व इस तथ्य को रेखांकित करना है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) किस प्रकार हमारे जीवन को बेहतर बनाने हेतु सरल समाधान प्रदान कर सकते हैं। यह महोत्सव युवाओं को वैज्ञानिक ज्ञान और रचनात्मक सोच जैसे कौशल से युक्त करने के महत्त्व को प्रदर्शित करता है।

राष्ट्रीय किसान दिवस

समाज के विकास में किसानों के योगदान को रेखांकित करने के लिये भारत में प्रतिवर्ष 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत गाँवों का देश है, जहाँ की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका के लिये प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर कृषि पर निर्भर है। ऐसे में राष्ट्रीय किसान दिवस भारत के आम नागरिकों को किसानों की समस्याओं को जानने और उन पर वार्ता करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिवस भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष में आयोजित किया जाता है। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले में हुआ था। प्रधानमंत्री के तौर पर चरण सिंह का कार्यकाल अल्प अवधि का रहा। वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तथा केंद्र सरकार में भी कई मंत्री पदों पर कार्य किया, साथ ही महत्त्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्होंने किसानों के कल्याण के लिये कई योजनाएँ लागू कीं, उन्हें उत्तर प्रदेश ज़मींदारी उन्मूलन अधिनियम का प्रधान वास्तुकार माना जाता है। चरण सिंह ने ज़मींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार और किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने से संबंधित कई पुस्तकें भी लिखीं। किसानों के कल्याण में चौधरी चरण सिंह के योगदान को देखते हुए सरकार ने वर्ष 2001 में इस दिवस की शुरुआत की थी। 

एसोचैम एंटरप्राइज़ेज़ ऑफ सेंचुरी अवार्ड

हाल ही में एसोचैम (Assocham) के स्थापना सप्ताह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने टाटा समूह को ‘एसोचैम एंटरप्राइज़ेज़ ऑफ सेंचुरी अवार्ड’ प्रदान किया, जो कि टाटा समूह की ओर से देश के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा द्वारा प्राप्त किया गया। ध्यातव्य है कि एसोचैम (Assocham) ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिये हैं। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल यानी एसोचैम भारत के सबसे बड़े व्यापार संघों में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1920 में भारतीय उद्योग के मूल्य सृजन हेतु की गई थी। एसोचैम (ASSOCHAM) ने देश के व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक वातावरण को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसके अलावा रतन टाटा को भारत तथा इज़राइल के बीच ‘एकता, शांति और स्थिरता’ को बढ़ावा देने के लिये फेडरेशन ऑफ इंडो-इज़राइल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स (FIICC) द्वारा ‘फेडरेशन ऑफ सस्टेनेबल बिज़नेस एंड पीस’ के खिताब से सम्मानित किया गया है। 

चीन का विशालकाय रेडियो टेलीस्कोप

प्यूर्टो रिको द्वीप पर स्थित ‘अरेसिबो वेधशाला’ (Arecibo Observatory) के पतन के बाद चीन ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्त्ताओं के लिये विश्व के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप को खोलने की घोषणा की है। चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत गुइझोउ (Guizhou) के ‘पिंगटांग काउंटी’ में स्थापित चीन का ‘पाँच सौ मीटर एपर्चर गोलाकार टेलीस्कोप’ (Five Hundred Meter Aperture Spherical Telescope-FAST) विश्व का सबसे बड़ा रेडियो टेलीस्कोप है, जिसका निर्माण कार्य वर्ष 2016 में पूरा हो गया था। FAST जैसे रेडियो टेलीस्कोप एंटीना और रेडियो रिसीवर की सहायता से ब्रह्मांड में रेडियो स्रोतों जैसे- तारे, आकाशगंगा और ब्लैक होल आदि से आने वाली रेडियो तरंगों का पता लगाते हैं। इन विशालकाय उपकरणों का उपयोग अंतरिक्ष में रेडियो सिग्नल भेजने के लिये भी किया जाता है।

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