इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 दिसंबर, 2020

  • 22 Dec 2020
  • 4 min read

नेपाल में संसद भंग

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने देश की प्रतिनिधि सभा यानी संसद के निचले सदन को भंग करने की सिफारिश की है, जिस पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने अपनी सहमति दे दी है। ध्यातव्य है कि सदन के पाँच वर्षीय कार्यकाल के अभी भी दो वर्ष शेष हैं। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस निर्णय से देश में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है और कानून विशेषज्ञों तथा राजनेताओं ने प्रधानमंत्री के इस कदम को ‘असंवैधानिक’ करार दिया है। के.पी. शर्मा ओली को अपने दल के भीतर ही पूर्व प्रधानमंत्री और सत्तारुढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्‍प कमल दहल 'प्रचंड' से राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। ध्यातव्य है कि इस कदम से नेपाल की सत्तारुढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन की संभावना काफी बढ़ गई है।

जलीय कृषकों के लिये बहुभाषी कॉल सेंटर

समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में जलीय कृषकों के लिये एक बहुभाषी कॉल सेंटर शुरू किया है, जो कि इस क्षेत्र से संबंधित तकनीकी मुद्दों को संबोधित करेगा और इसके माध्यम से जलीय कृषकों को चौबीसों घंटे डोमेन विशेषज्ञों द्वारा कुशल खेती के तरीकों के बारे में ज्ञान प्रदान किया जाएगा। ज्ञात हो कि आंध्र प्रदेश समग्र समुद्री उत्पाद निर्यात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। आँकड़ों की मानें तो भारत ने बीते वर्ष 7,47,111 टन झींगा मछली का उत्पादन किया था, जिनमें से तकरीबन 68 प्रतिशत अकेले आंध्र प्रदेश से था। छोटे पैमाने पर जलीय कृषि किसानों को प्रायः उचित मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण उनकी उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है। यह वाणिज्य विभाग के तहत एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना वर्ष 1972 में की गई थी। यह समुद्री उत्पाद उद्योग के विकास (विशेष रूप से निर्यात के संदर्भ में) के लिये उत्तरदायी है। 

हिमालयन ट्रिलियम

हाल ही में हिमालय की एक सामान्य जड़ी-बूटी हिमालयन ट्रिलियम (Himalayan Trillium) को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा ‘लुप्तप्राय' घोषित कर दिया गया है। विगत कुछ वर्षों में हिमालयन ट्रिलियम अपनी उच्च औषधीय गुणवत्ता के कारण हिमालयी क्षेत्र में सबसे अधिक कारोबार वाली वाणिज्यिक जड़ी-बूटी में से एक बन गई है। हिमालयन ट्रिलियम को भारत, भूटान, नेपाल और चीन में पाया जाता है। भारत में यह केवल चार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों- हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम और उत्तराखंड में पाई जाती है। यह स्टेरॉयडल सैपोनिन (Steroidal Saponins) का एक प्राकृतिक स्रोत है जो स्टेरॉयड दवाओं का महत्त्वपूर्ण घटक है। यह जड़ी-बूटी पारंपरिक चीनी दवाओं में काफी लोकप्रिय है। अपनी औषधीय गुणवत्ता के कारण घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत काफी अधिक होती है, जिसके कारण व्यापक पैमाने पर इसका अवैध कारोबार होता है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2