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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 जुलाई, 2023

  • 19 Jul 2023
  • 4 min read

खाद्य और कृषि के लिये आनुवंशिक संसाधनों पर आयोग 

हाल ही में खाद्य और कृषि के लिये आनुवंशिक संसाधनों पर आयोग (CGRFA) के 19वें सत्र के लिये विश्व भर के प्रतिनिधि रोम, इटली में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) मुख्यालय में एकत्र हुए। यह पाँच दिवसीय सत्र तीन प्रमुख विषयों पर केंद्रित होगा: जैव विविधता, पोषण और मानव स्वास्थ्य पर कार्य की समीक्षा; भोजन एवं कृषि तक पहुँच व लाभ-साझाकरण; खाद्य तथा कृषि के लिये डिजिटल अनुक्रम जानकारी। CGRFA संयुक्त राष्ट्र की FAO की एक विशेष एजेंसी है। यह मुख्य अंतर-सरकारी निकाय है जो खाद्य और कृषि के लिये जैवविविधता से संबंधित सभी मामलों से निपटता है। इसका लक्ष्य विश्व में खाद्य सुरक्षा, मानव कल्याण एवं  विकास के लिये इसका संरक्षण तथा उपयोग करना है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये मिशन जैविक मूल्य शृंखला विकास

हाल ही में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये मिशन जैविक मूल्य शृंखला विकास (ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट) की समीक्षा इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हुए की गई कि चरण III की प्रतिबद्ध देनदारी को कैसे समाप्त किया जाए और साथ ही वर्ष 2023-24 से शुरू होने वाली योजना के चरण IV के कार्यान्वयन के लिये रोडमैप कैसे बनाया जाए। देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में जैविक खेती की क्षमता को महसूस करते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 12वीं योजना अवधि में मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय राज्यों में कार्यान्वयन के लिये "उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिये मिशन जैविक मूल्य शृंखला विकास" शुरू किया है। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य प्रसंस्करण, विपणन और ब्रांड निर्माण पहल हेतु उत्पादकों को उपभोक्ताओं के साथ जोड़ने के लिये मूल्य शृंखला मोड में प्रमाणित जैविक उत्पादन का विकास करने के साथ इनपुट, बीज, प्रमाणीकरण से लेकर संग्रह, एकत्रीकरण के लिये सुविधाओं के निर्माण तक संपूर्ण मूल्य शृंखला के विकास का समर्थन करना है। 

और पढ़ें… भारत में जैविक खेती

भारत-रूस वंदे भारत सौदा

भारत-रूस वंदे भारत संयुक्त उद्यम अनुबंध को हाल ही में दो रूसी व्यवसायों लोकोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स और मेट्रोवैगनमैश द्वारा रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) की सहायक कंपनी किनेट रेलवे सॉल्यूशंस लिमिटेड के साथ शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद नवीनीकृत किया गया। इस संयुक्त उद्यम का लक्ष्य 120 वंदे भारत ट्रेन सेट का निर्माण करना है। इस संयुक्त उद्यम का लक्ष्य जून 2025 तक दो प्रोटोटाइप ट्रेनें विकसित करना है, इसके बाद 12 से 18 ट्रेनों का वार्षिक उत्पादन करना है। इसके तहत 35 वर्षों के लिये रखरखाव सेवाएँ प्रदान की जाएंगी जिसमें ट्रेन आपूर्ति के लिये 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर और रखरखाव के लिये 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कुल निवेश किया जाएगा।

और पढ़ें…वंदे भारत ट्रेने, वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0

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