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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 मई, 2023

  • 15 May 2023
  • 9 min read

मोरक्कन टिड्डे का प्रकोप 

अफगानिस्तान के गेहूँ उत्पादक क्षेत्रों में मोरक्कन टिड्डे का प्रकोप देश की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था हेतु गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है। यह प्रकोप आठ प्रांतों को प्रभावित कर सकता है, साथ ही यह वार्षिक फसल के एक-चौथाई के बराबर यानी 700,000-1.2 मिलियन टन गेहूँ को नष्ट कर सकता है। यदि इसका निदान किये बिना छोड़ दिया जाता है, तो टिड्डियों की आबादी अगले वर्ष सौ गुना बढ़ सकती है, जिससे अफगानिस्तान एवं पड़ोसी देशों में खाद्य सुरक्षा को लेकर संकट बढ़ सकता है। मोरक्कन टिड्डे को विश्व भर में पौधों के लिये सबसे अधिक हानिकारक कीटों के रूप में जाना जाता है। इसका प्रभाव गेहूँ की फसल से परे तक फैला हुआ है, क्योंकि मोरक्कन टिड्डे पौधों की 150 से अधिक प्रजातियों का उपभोग करते हैं, जिनमें वृक्ष फसलें, चरागाह तथा अफगानिस्तान में उगाई जाने वाली विभिन्न खाद्य फसलें शामिल हैं। मोरक्कन टिड्डे, वैज्ञानिक रूप से ‘डोसियोस्टोरस मारोकेनस (Dociostaurus maroccanus)’ के रूप में जाने जाते हैं। वे एक्रीडीडी (Acrididae) समूह से संबंधित हैं, जिसमें टिड्डे और टिड्डियाँ शामिल हैं। इन टिड्डियों को झुंड बनाने की उनकी क्षमता हेतु जाना जाता है, जिससे वे प्रभावित क्षेत्रों में गंभीर कृषि क्षति का कारण बनते हैं। वे मध्यम से बड़े आकार के कीट हैं, सामान्यतः वयस्कों की लंबाई लगभग 4-5 सेंटीमीटर होती है। इन कीटों का शरीर मज़बूत, सिर पर छोटे एंटीना होते हैं और शक्तिशाली पिछले पैर इन्हें कूदने में मदद करते हैं। उनके शरीर का भिन्न रंग जैसे हरे-भूरे से लेकर लाल-भूरे तक हो सकता है।

और पढ़ें…जलवायु परिवर्तन और टिड्डे का प्रकोप 

भोपाल, SDG प्रगति को ट्रैक करने वाला पहला भारतीय शहर 

भोपाल ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को स्थानीय बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। SDG हासिल करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता और क्षमता प्रदर्शित करने हेतु स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा (Voluntary Local Reviews- VLR) को अपनाने वाला यह भारत का पहला शहर बन गया है। सतत् विकास के वैश्विक एजेंडे के लिये वर्ष 2030 एजेंडा को व्यावहारिक स्थानीय रणनीतियों में स्थानीयकृत किये जाने से निर्दिष्ट लक्ष्यों की समग्र प्राप्ति में मदद मिलने की संभावना है। भोपाल का स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा (VLR) भोपाल नगर निगम, यूएन-हैबिटेट और विभिन्न स्थानीय हितधारकों के बीच सहयोग का परिणाम है, जिसका उद्देश्य स्थायी तथा समावेशी शहरी परिवर्तन की दिशा में शहर के प्रयासों को प्रदर्शित करना है। इस समीक्षा में मात्रात्मक और गुणात्मक दोनों दृष्टिकोण शामिल हैं, जिसमें 56 विकास परियोजनाओं के गुणात्मक मानचित्रण शामिल हैं। वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों ने एजेंडा 2030 को अपनाया, जिसमें 17 SDG और 169 प्रयोजन शामिल हैं। सदस्य राज्य संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) को प्रस्तुत स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षाओं (VNRs) के माध्यम से इन लक्ष्यों की दिशा में अपनी प्रगति की रिपोर्ट करते हैं। स्थानीय एवं क्षेत्रीय जुड़ाव के महत्त्व को स्वीकार करते हुए शहरों तथा क्षेत्रों ने तेज़ी से अपनी उप-राष्ट्रीय समीक्षाएँ की हैं जिन्हें VLR के रूप में जाना जाता है। हालाँकि 2030 एजेंडा अथवा अन्य अंतर-सरकारी समझौते आधिकारिक तौर पर VLR का समर्थन नहीं करते हैं, फिर भी VLR स्थानीय कार्रवाई को बढ़ावा देने में प्रभावी रहे हैं। न्यूयॉर्क शहर वर्ष 2018 में HLPF को अपना VLR प्रस्तुत करने वाला पहला शहर था और वर्ष 2021 तक 33 देशों ने 114 VLR या फिर इसी तरह के समीक्षा दस्तावेज़ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए थे।

और पढ़ें…वैश्विक सतत् विकास रिपोर्ट, 2022

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस (WMBD) 13 मई, 2023 को “जल और प्रवासी पक्षी के लिये इसका महत्त्व” विषय के साथ मनाया गया। विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में मिशन LiFE कार्यक्रम के तहत पूरे भारत में लोगों के बीच व्यापक स्तर पर कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इन आयोजनों का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण के अनुकूल प्रवृत्ति के महत्त्व को रेखांकित करना है। प्रतिभागियों ने स्थायी प्रथाओं को अपनाने तथा उनके पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिये LiFE कार्यक्रम की प्रतिज्ञा ली। WMBD एक द्वि-वार्षिक वैश्विक अभियान है जिसका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, उनके संरक्षण को बढ़ावा देना और उनके आवासों के संरक्षण के महत्त्व पर ध्यान देना है। यह प्रत्येक वर्ष मई और अक्तूबर में दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। यह अभियान दो संयुक्त राष्ट्र संधियों, जंगली पशुओं की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर सम्मेलन (CMS) और अफ्रीकी-यूरेशियन प्रवासी वाटरबर्ड समझौते (AEWA) के बीच एक सहयोगी साझेदारी के माध्यम से आयोजित किया जाता है। इसमें अमेरिका के गैर-लाभकारी पर्यावरण संगठन (EFTA) भी शामिल होते हैं।

और पढ़ें… विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 2022 

समुद्र शक्ति- 23 

भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास समुद्र शक्ति- 23 का चौथा संस्करण 14 से 19 मई 2023 तक आयोजित होना निर्धारित है। इस अभ्यास सत्र में भाग लेने के लिये INS कवारत्ती इंडोनेशिया के बाटम गया है। इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय और इंडोनेशिया की नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता, संयुक्तता तथा आपसी सहयोग को बढ़ाना है। INS कवारत्ती के साथ एक भारतीय नौसेना डोर्नियर समुद्री गश्ती विमान एवं चेतक हेलीकॉप्टर भी भाग ले रहा है। इंडोनेशियाई नौसेना का प्रतिनिधित्व KRI सुल्तान इस्कंदर मुदा, CN 235 समुद्री गश्ती विमान व AS565 पैंथर हेलीकाप्टर द्वारा किया जा रहा है। भारत और इंडोनेशिया के बीच अन्य अभ्यास गरुड़ शक्ति है, जो एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है। भारत-इंडोनेशिया CORPAT भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाओं के बीच एक समन्वित गश्त है, जिसका उद्देश्य अंडमान सागर एवं मलक्का जलडमरूमध्य में समुद्री सुरक्षा तथा सहयोग को बढ़ाना है।

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और पढ़ें… 38वांँ भारत-इंडोनेशिया कॉर्पेट

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