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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 जुलाई, 2023

  • 10 Jul 2023
  • 6 min read

गति शक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म के लिये डेटा साझाकरण तंत्र 

उद्योग और निवेशकों के साथ मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और बुनियादी ढाँचे पर भू-स्थानिक डेटा के सूचना आदान-प्रदान की सुविधा हेतु भारत सरकार पीएम गति शक्ति इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म के लिये डेटा साझाकरण तंत्र तैयार करने की योजना बना रही है। इस प्लेटफ़ॉर्म के नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) के तहत अब तक लगभग ₹5.4 लाख करोड़ मूल्य की कुल 85 बड़ी केंद्रीय बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है। पीएम गति शक्ति के डेटा से सड़क और रेल परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में तीव्रता आती है, यह बुनियादी ढाँचे के विकास की दक्षता में सुधार करता है। पीएम गति शक्ति एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए 16 मंत्रालयों में बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के समन्वय तथा निगरानी के लिये डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत और यात्रा समय को घटाकर भारत की आर्थिक वृद्धि, प्रतिस्पर्द्धात्मकता तथा व्यापार करने में सुलभता में वृद्धि करना है।

भारत और पनामा ने चुनावी सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये:  

  भारतीय चुनाव आयोग (ECI) और पनामा के इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल (ET) ने चुनाव प्रबंधन तथा प्रशासन में चल रहे सहयोग तथा रूपरेखा स्थापित करने के लिये एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किये हैं।

यह चर्चा चुनाव में प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया के उपयोग पर केंद्रित रही। पिछले वर्षों में मैक्सिको, ब्राजील और चिली के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के बाद, यह लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में चुनाव प्रबंधन निकायों (EMB) के साथ ECI द्वारा हस्ताक्षरित चौथा समझौता ज्ञापन है, जिसमें विश्व के EMB और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ कुल 31 समझौता ज्ञापन शामिल हैं। ECI और ET दोनों एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (A-WEB) के सदस्य हैं, जो EMB के बीच वैश्विक सहयोग की सुविधा प्रदान करता है।

A-WEB चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसमें वर्तमान में 110 देशों के 119 EMB शामिल हैं। इसकी स्थापना वर्ष 2013 में दक्षिण कोरिया में स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और भागीदारीपूर्ण चुनावों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।

और पढ़ें: भारत का निर्वाचन आयोग, एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (A-WEB)
IRDAI और अनिवार्य अधिरोपण 

बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिये व्यवसाय के अनिवार्य अधिग्रहण पर 4% की दर की यथास्थिति बनाए रखी है। सरकार ने हाल ही में इस कदम को अधिसूचित करते हुए कहा था कि संपूर्ण अनिवार्य सत्र केवल जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (GIC Re) के साथ  रखा जाएगा।

अनिवार्य अधिग्रहण से तात्पर्य व्यवसाय के उस हिस्से से है जिसे सामान्य बीमा कंपनियों को अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय पुनर्बीमाकर्त्ता GIC Re को सौंपना होता है। निजी सामान्य बीमाकर्त्ता इसके खिलाफ हैं क्योंकि यह पुनर्बीमा व्यवसाय करने की उनकी स्वतंत्रता में बाधा डालता है।

IRDAI बीमा ग्राहकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से बनाई गई एक नियामक संस्था है। इसकी स्थापना IRDA अधिनियम 1999 के अंतर्गत की गई थी और यह वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।

और पढ़ें: IRDAI

तमिलनाडु में खुदाई से प्राप्त संगम युग के निष्कर्ष

तमिलनाडु के पुडुकोट्टई ज़िले के पोरपनाइकोट्टई में पुरातत्वविदों ने एक सोने की नथ, एक बोन पॉइंट और एक कारेलियन मनके की खोज की है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर संगम-युग का किला मौजूद था।

ऐसा माना जाता है कि इस स्टड का उपयोग नाक के आभूषण के रूप में किया जाता था जबकि बोन पॉइंट  का उपयोग संभवतः संगम युग में बुनाई के लिये किया जाता था। लाल गोल आकार के कारेलियन मनके की खोज से घरेलू व्यापार की सूचना मिलती है; इन्हें आम तौर पर गुजरात से मंगाया जाता था। रिमोट सेंसिंग पद्धति लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (LIDAR) का उपयोग करके इस स्थल  पर किये गए अध्ययनों से यह भी संकेत मिला है कि पोरपनाइकोट्टई में एक किला अस्तित्त्व में था।

  

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