प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 10 जून से शुरू :   संपर्क करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

राजा रवि वर्मा की इंदुलेखा

  • 29 Apr 2024
  • 2 min read

स्रोत : द हिंदू 

  • प्रसिद्ध कलाकार राजा रवि वर्मा (29 अप्रैल, 1848) की 176वीं जयंती के अवसर पर, उनकी प्रतिष्ठित पेंटिंग "इंदुलेखा" की प्रथम वास्तविक प्रति का अनावरण कलाकार के जन्मस्थान त्रावणकोर के किलिमनूर पैलेस में हुआ।
  • ओ. चंदू. मेनन के मौलिक मलयालम उपन्यास के नायक का चित्रण इंदुलेखा, क्षेत्र में प्रारंभिक आधुनिक साहित्य के प्रतीक के रूप में सांस्कृतिक और साहित्यिक महत्त्व रखता है।
    • इंदुलेखा की अप्रकाशित पेंटिंग ने 2022 में सार्वजनिक होने पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
  • राजा रवि वर्मा को आधुनिक भारतीय कला का जनक माना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय प्रतिमा विज्ञान को पश्चिमी यथार्थवाद के साथ जोड़ा था। उनका प्रभाव कला, साहित्य, विज्ञापन, कपड़ा और हास्य पुस्तकों जैसे विविध क्षेत्रों में देखा जाता है।
  • केरल के एक कुलीन परिवार में जन्मे राजा रवि वर्मा ने 22 वर्ष की उम्र में अपने पेशेवर कला कॅरियर की शुरुआत की और तेल चित्रकला में महारत हासिल की।
    • वर्मा तेल रंगों का उपयोग करने वाले पहले भारतीय कलाकारों में से थे और उन्हें भारत में चित्रकला के यूरोपीय शाखा का प्रतिनिधि माना जाता है।
  • वर्मा ने शाही संरक्षण के माध्यम से अपनी प्रतिष्ठा बनायी, उन्हें महाराणा फतेह सिंह और सयाजीराव गायकवाड़ III से कई विशेष उपहार भी प्राप्त हुये।
  • कृतियाँ: दमयंती हंस से बात करती हुयी, शकुंतला दुष्यंत को खोजती हुयी, नायर महिला(भारतीय राज्य केरल की हिंदू जाति) अपने बालों को सजाती हुयी, तथा शांतनु एवं मत्स्यगंधा।
  • मान्यता: 1904 में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा कैसर-ए-हिंद स्वर्ण पदक और 2013 में बुध ग्रह पर एक क्रेटर का नाम उनके सम्मान में रखा गया था।

Read more: Raja Ravi Varma

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2