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प्रधानमंत्री ने प्रथम राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन किया

  • 12 Jun 2023
  • 3 min read

भारत के प्रधानमंत्री ने इंटरनेशनल एग्जीबिशन और कन्वेंशन सेंटर, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन किया।

  • प्रधानमंत्री ने जन भागीदारी, स्वच्छ भारत मिशन और अमृत सरोवर के महत्त्व पर बल दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर भी प्रकाश डाला जो सभी स्तरों पर सरकारी कर्मियों के लिये प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करता है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय: 
    • यह सम्मेलन या कॉन्क्लेव सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPCSCB) - 'मिशन कर्मयोगी' का हिस्सा है।
    • इस सम्मेलन की मेज़बानी क्षमता निर्माण आयोग द्वारा की जा रही है।
      • क्षमता निर्माण आयोग का गठन वर्ष 2021 में किया गया था जो विभागों, मंत्रालयों और एजेंसियों की वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है।
    • केंद्र सरकार के विभागों, राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारों के सिविल सेवकों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ विचार-विमर्श में भाग लेंगे।
  • उद्देश्य:  
    • यह सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा, साथ ही देश भर में सिविल सेवकों हेतु प्रशिक्षण के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेगा। 
  • प्रमुख क्षेत्र: 
    • इस सम्मेलन में आठ पैनल चर्चाएँ होंगी, जिनमें से प्रत्येक सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों से संबंधित प्रमुख चिंताओं जैसे- संकाय विकास, प्रशिक्षण प्रभाव मूल्यांकन और सामग्री डिजिटलीकरण पर केंद्रित होगी।

मिशन कर्मयोगी 

  • NPCSCB- मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य संस्थागत और प्रक्रियात्मक सुधारों के माध्यम से नौकरशाही में क्षमता निर्माण को बढ़ाना है।
  • यह भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, अभिनव, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी सक्षम बनाकर भविष्य के लिये तैयार करने की परिकल्पना करता है।

iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म: 

  • iGOT कर्मयोगी एक ऑनलाइन शिक्षण मंच है जिसे सभी सरकारी कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिये डिजिटल इंडिया स्टैक के अभिन्न अंग के रूप में विकसित किया जा रहा है।
  • यह लगभग 2.0 करोड़ उपयोगकर्त्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिये 'कभी भी-कहीं भी-किसी भी उपकरण' की शिक्षा प्रदान करेगा जो अब तक पारंपरिक उपायों के माध्यम से प्राप्त करना असंभव था। 

स्रोत: पी.आई.बी.

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