मुख्य परीक्षा
एक राज्य-एक RRB
- 10 May 2025
- 11 min read
स्रोत: बिज़नेस लाइन
चर्चा में क्यों?
'एक राज्य-एक RRB' (OS-OR) योजना के अंतर्गत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) समेकन का चौथा चरण 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में शुरू किया गया है, जिससे भारत में RRB की संख्या और कम हो गई है।
- इस कदम का उद्देश्य परिचालन व्यवहार्यता और दक्षता को बढ़ावा देना है, लेकिन स्टाफिंग, प्रौद्योगिकी एकीकरण एवं क्षेत्रीय जोखिमों को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं।
एक राज्य-एक RRB नीति क्या है?
- OS-OR नीति: OS-OR नीति वित्तीय सेवा विभाग द्वारा एक सुधार पहल है जिसका उद्देश्य एक राज्य के भीतर कई RRB को एक एकीकृत इकाई में समेकित करना है।
- RRB का समेकन डॉ. व्यास समिति (वर्ष 2001) की सिफारिशों के बाद वर्ष 2005 में शुरू हुआ, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा गठित किया गया था।
- समेकन के चरण: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23A(1) के तहत कार्यान्वित किया गया, जो सार्वजनिक हित में विलय की अनुमति देता है।
- चरण 1 (वित्त वर्ष 2006 - वित्त वर्ष 2010): एक राज्य में एक ही बैंक द्वारा प्रायोजित RRB को एकीकृत किया गया। RRB की संख्या 196 से घटाकर 82 कर दी गई।
-
चरण 2 (वित्त वर्ष 2013-वित्त वर्ष 2015): एक राज्य के विभिन्न प्रायोजक बैंकों के RRB को एकीकृत किया गया। RRB की संख्या 82 से घटाकर 56 कर दी गई।
-
चरण 3 (वित्त वर्ष 2019-वित्त वर्ष 2021): तीसरे चरण में OS-OR सिद्धांत पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें बड़े राज्यों में RRB को कम किया गया और उन्हें छोटे राज्यों में समेकित किया गया।
- परिणामस्वरूप, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या वर्ष 2005 में 196 से घटकर मार्च 2021 तक 43 हो गई, जिससे लाभप्रदता, पूंजी, परिसंपत्ति गुणवत्ता और व्यवसाय में सुधार हुआ।
- चरण 4 (वित्त वर्ष 2024-2025 के बाद से): OS-OR के तहत, RRB के समेकन से कुल संख्या 43 से घटकर 28 हो गई है।
- प्रत्येक पुनर्गठित RRB की अधिकृत पूंजी 2,000 करोड़ रुपए होगी, जो अपने-अपने राज्यों में ऋण विस्तार और आर्थिक सहायता के लिये एक मज़बूत आधार प्रदान करेगी।
- प्रभाव: वित्त वर्ष 2023-24 में, RRB ने 7,571 करोड़ रुपए का अपना अब तक का सबसे अधिक निवल लाभ दर्ज किया। OS-OR मॉडल से समावेशी ग्रामीण विकास को और बढ़ावा मिलने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- परिचय: ग्रामीण ऋण पर नरसिम्हम समिति (1975) की सिफारिशों के बाद वर्ष 1975 में RRB की स्थापना की गई तथा RRB अधिनियम, 1976 के तहत इसे औपचारिक रूप दिया गया।
- उनका उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में छोटे एवं सीमांत किसानों, कृषि मज़दूरों, कारीगरों व छोटे उद्यमियों को ऋण तथा अन्य बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है।
- पहला RRB प्रथमा बैंक था जिसका मुख्यालय मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में था।
- स्वामित्व: RRB का स्वामित्व भारत सरकार (50%), संबंधित राज्य सरकार (15%) और प्रायोजक बैंक (35%) के बीच साझा होता है।
- विनियमन: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है तथा नाबार्ड द्वारा उनकी निगरानी की जाती है।
- कराधान के लिये, उन्हें आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत सहकारी समितियों के रूप में माना जाता है।
- प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (Priority Sector Lending): भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) के लिये प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण देने हेतु एक बढ़ा हुआ लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके अनुसार उन्हें अपने समायोजित निवल बैंक ऋण (ANBC) का 75% या ANBC अथवा ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोज़र (CEOBE) के ऋण समतुल्य, जो भी अधिक हो, का 75% प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) के रूप में देना होगा।
- यह वाणिज्यिक बैंकों पर लागू 40% लक्ष्य के विपरीत है। RRB अपने प्राथमिकता वाले ऋण पोर्टफोलियो को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण प्रमाणपत्र (PSLC) के माध्यम से वाणिज्यिक बैंकों को बेच सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों (RRB) के समेकन के बावजूद क्या चुनौतियाँ बनी हुई हैं?
- लागत अनुकूलन बनाम परिचालन सीमाएँ: समेकन के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों (RRB) को उच्च परिचालन लागत का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिये, वर्ष 2023-24 में लागत/आय अनुपात 77.4% और वेतन/परिचालन खर्च अनुपात 72% था, जो अक्षमता को दर्शाता है।
- लागत अनुकूलन महत्त्वपूर्ण है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) विलय के बाद संयुक्त शाखाओं और कर्मचारियों का प्रभावी रूप से प्रबंधन कर सकता है। कुछ शाखाओं को बंद करना अपरिहार्य हो सकता है, लेकिन कर्मचारियों के समायोजन में मतभेद और टकराव उत्पन्न हो सकते हैं।
- तकनीकी प्रगति के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और साक्षरता के निम्न स्तर के कारण ग्रामीणों के साथ प्रत्यक्ष संवाद अत्यावश्यक है, जिससे संचालन लागत में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त, नई तकनीकों को अपनाना, विशेषकर साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करना, RRB के लिये बड़े पैमाने पर निवेश की आवश्यकता उत्पन्न करता है।
- संकेंद्रण जोखिम: यदि किसी राज्य का कृषि क्षेत्र विफल हो जाता है, तो एकल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) को संपूर्ण नुकसान का भार वहन करना पड़ेगा। यह स्थिति पूर्ववर्ती मॉडल से भिन्न है, जिसमें जोखिम कई RRB के बीच वितरित होते थे।
- यह संकेंद्रण क्षेत्रीय आर्थिक कमज़ोरियों को और गंभीर बना सकता है, विशेष रूप से तब जब किसी विशिष्ट क्षेत्र में आर्थिक गिरावट आती है।
-
अंतर-सरकारी और विनियामक चुनौतियाँ: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की त्रिस्तरीय स्वामित्व संरचना (केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और प्रायोजक बैंक) तथा दो विनियामक प्राधिकरण (भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)) प्रशासनिक जटिलताओं और निर्णय-निर्माण प्रक्रिया में धीमापन उत्पन्न करते हैं, जिससे RRB की प्रभावशीलता बाधित होती है।
-
स्वामित्व और नियामकों की इस बहुलता से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की शासन संरचना जटिल हो जाती है, जिससे उनके प्रबंधन में अक्षमता और कार्यकुशलता में कमी उत्पन्न होती है।
-
- आर्थिक व्यवहार्यता और क्षेत्रीय संदर्भ: एक राज्य–एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (OS-OR) मॉडल के तहत RRB की संख्या में कमी आर्थिक दृष्टि से उचित है, लेकिन एक समान समाधान सभी राज्यों के लिये कारगर नहीं हो सकता। इसलिये, समेकन प्रक्रिया में प्रत्येक राज्य की विशिष्ट अर्थव्यवस्था, जनसांख्यिकी और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखना अनिवार्य है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: एक राज्य–एक आरआरबी नीति का क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) की संचालन क्षमता और आर्थिक व्यवहार्यता पर क्या प्रभाव पड़ा है? समेकन के बावजूद कौन-कौन सी चुनौतियाँ बनी हुई हैं? विश्लेषण कीजिये |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा/से संस्थान अनुदान/प्रत्यक्ष ऋण सहायता प्रदान करता/करते है/हैं? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (A) केवल 1 और 2 उत्तर: C |