रैपिड फायर
राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025
- 10 Nov 2025
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राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025 नई दिल्ली में संपन्न हुआ, जहाँ विकसित भारत 2047 की दृष्टि को साकार करने हेतु कई प्रमुख पहलों की शुरुआत की गई। इस अवसर पर “सतत् शहरी विकास और सुशासन (Sustainable Urban Development and Governance)” विषय पर विचार-विमर्श के लिये विभिन्न प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया।
राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025 में शुरू की गई प्रमुख पहलें
- डंपसाइट रिमेडिएशन एक्सीलरेटर प्रोग्राम (DRAP): यह एक वर्ष लंबा मिशन है जिसका उद्देश्य डंपसाइट की सफाई में तेज़ी लाना, शहरी भूमि को पुनः प्राप्त करना और सितंबर 2026 तक “लक्ष्य ज़ीरो डंपसाइट्स” प्राप्त करना है।
- DRAP के तहत उच्च प्रभाव वाले स्थलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें लगभग 8.8 करोड़ मीट्रिक टन (MT) पुराने अपशिष्ट (Legacy Waste) का निपटान किया जाएगा।
- इस प्रयास को समर्थन देने के लिये केंद्र सरकार प्रति टन ₹550 की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है, ताकि पुराने अपशिष्ट के उपचार (Remediation) को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
- स्वच्छ भारत मिशन- नॉलेज मैनेजमेंट यूनिट (KMU): यह इकाई आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (NIUA) में स्थापित की गई है। इसका उद्देश्य शहरी स्वच्छता से संबंधित ज्ञान, नवाचार और सर्वोत्तम प्रथाओं का संकलन एवं प्रसार करना है।
- नॉलेज मैनेजमेंट यूनिट (KMU), स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-Urban) को क्षमता निर्माण (Capacity Building), ज्ञान सृजन (Knowledge Creation) तथा संस्थागत शिक्षण (Institutional Learning) के माध्यम से सहयोग प्रदान करेगी।
- आवास एवं आवास पर सार्वजनिक नीति केंद्र: नीतिगत कार्य, क्षमता निर्माण, डेटा सुदृढ़ीकरण और ज्ञान साझाकरण के माध्यम से किफायती शहरी आवास का समर्थन करने के लिये NIUA में इसकी स्थापना की जाएगी।
- IIRS संकलन ऐप: यह एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) आधारित मोबाइल एप्लीकेशन है जिसे शहरी सर्वेक्षणों को तीव्र और अधिक कुशल बनाने के लिये भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS) द्वारा लॉन्च किया गया है।
- शहरी निवेश विंडो (UiWIN): यह आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड (HUDCO) के नेतृत्व वाला एक मंच है, जो निजी एवं बहुपक्षीय वित्तपोषण (जैसे, विश्व बैंक, ADB) को आकर्षित करता है तथा PPP परियोजनाओं को बढ़ावा देता है तथा सतत् शहरी बुनियादी ढाँचे का समर्थन करता है।
- पहाड़ी और हिमालयी शहरों के लिये निधि: पहाड़ी और हिमालयी शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सुदृढ़ करने और इन संवेदनशील परिदृश्यों के सामने आने वाली विशिष्ट पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने हेतु स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत 1,000 करोड़ रुपए की निधि की घोषणा की गई है।
- इसका उद्देश्य स्वच्छ एवं सतत् शहरी विकास को बढ़ावा देते हुए अपशिष्ट संग्रहण, प्रसंस्करण और निपटान प्रणालियों में सुधार करना है।
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