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माउंट ऑगस्टस स्नेल

  • 31 May 2025
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

पहली बार, दुर्लभ माउंट ऑगस्टस स्नेल (पॉवेलिफंटा ऑगस्टा स्नेल) को उसकी गर्दन से अंडा देते हुए दर्शाया गया है, जिससे इसके विशिष्ट प्रजनन व्यवहार का पता चलता है।

Mount Augustus Snail

  • जीवविज्ञान और विशेषताएँ: न्यूज़ीलैंड में पाया जाने वाला यह घोंघा (स्नेल) विश्व के सबसे बड़े मांसाहारी स्थलीय घोंघों में से एक है। यह अपने चमकदार, घुमावदार खोल (शैल) पैटर्न के कारण पहचाना जाता है।
    • धीमी गति से विकसित होने वाली यह प्रजाति स्लग और केंचुओं का भक्षण करती है। संरक्षण अवस्था में, इसका आयुकाल 25 से 35 वर्ष होता है।
  • प्रजनन: यह उभयलिंगी होता है (नर और साथ ही मादा के जननांग) तथा गर्दन पर स्थित जनन रंध्र के माध्यम से पारस्परिक शुक्राणु विनिमय की सहायता से प्रजनन करता है। 
    • इसकी लैंगिक परिपक्वता आयु 8 वर्ष होती है और वार्षिक रूप से लगभग 5 अंडे देता है तथा अंडजोत्पत्ति में एक वर्ष से अधिक समय लगता है।
  • खतरे और आवास की क्षति: यह प्रजाति केवल माउंट ऑगस्टस (न्यूज़ीलैंड) में पाई जाती है तथा 2000 के दशक के प्रारंभ में कोयला खनन के कारण इसका आवास नष्ट हो गया था।

घोंघे:

  • घोंघे गैस्ट्रोपॉड वर्ग से संबंधित मोलस्क (mollusks) हैं, जिन्हें उनके सर्पिल खोल (spiral shells) के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है, जिसे वे सुरक्षा के लिये या विश्राम करते समय अंदर खींच लेते हैं।
  • वे इस वर्ग की दो प्राथमिक प्रजातियों में से एक हैं, जबकि दूसरी स्लग (slugs) हैं। घोंघे और स्लग के बीच मुख्य अंतर यह है कि घोंघे में बाह्य खोल होता है, जबकि स्लग में यह नहीं होता।

और पढ़ें: महाराष्ट्र में भूमि घोंघे की नई प्रजाति । 

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