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भारतीय औषधकोश आयोग PDG में शामिल

  • 13 Oct 2023
  • 4 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

भारतीय औषधकोश आयोग (IPC), औषधकोश चर्चा समूह (Pharmacopoeial Discussion Group- PDG) में शामिल हो गया है, जो वैश्विक फार्मास्यूटिकल मानकों, नियामक अनुपालन और भारतीय फार्मास्यूटिकल उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता को बढ़ावा देने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

  • IPC विश्व का एकमात्र औषधकोश निकाय है जिसे सितंबर 2022 में शुरू किये गए पायलट चरण के लिये चुना गया था। एक वर्ष के पायलट चरण के बाद IPC को स्थायी PDG सदस्य के रूप में शामिल करने की पुष्टि सितंबर 2023 में की गई थी।

औषधकोश चर्चा समूह (PDG):

  • PDG एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसका उद्देश्य निर्माताओं पर बोझ को कम करने और लगातार गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये वैश्विक औषधकोश मानकों में सामंजस्य स्थापित करना है।
  • PDG की स्थापना वर्ष 1989 में यूरोपीय औषधकोश (Ph. Eur.), जापानी औषधकोश (JP) और US औषधकोश (USP) द्वारा की गई थी।

PDG में IPC की सदस्यता से भारत को लाभ: 

  • IPC के मानकों को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिलेगी, जिससे संभावित रूप से वैश्विक स्तर पर भारतीय फार्मास्यूटिकल उत्पादों की स्वीकार्यता बढ़ेगी। यह IPC को एक दूरदर्शी निकाय के रूप में स्थापित करेगा जो वैश्विक मानकों के अनुरूप दवा गुणवत्ता मानक निर्धारित करता है।
  • वैश्विक फार्मास्यूटिकल गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए IPC अन्य प्रमुख नियामक निकायों के साथ मानकों हेतु सहयोग और सामंजस्य स्थापित कर सकता है।
  • IPC अपनी प्रक्रियाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप बना सकता है, जिससे भारतीय दवा कंपनियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय नियमों का अनुपालन करना आसान हो जाएगा।
  • PDG में सदस्यता से देशों को भारतीय फार्मास्यूटिकल उत्पादों के निर्यात में वृद्धि की सुविधा मिलेगी, जिससे व्यापार बाधाओं में कमी आएगी।

भारतीय औषधकोश आयोग (Indian Pharmacopoeia Commission- IPC): 

  • IPC स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक स्वायत्त संस्था है।
  • IPC भारत में दवाओं के मानक तय करने के लिये बनाया गया है। इसका मूल कार्य इस क्षेत्र में प्रचलित रोगों के इलाज के लिये आमतौर पर आवश्यक दवाओं के मानकों का नियमित रूप से अद्यतन करना है।
  • यह भारतीय औषधकोश (IP) में नई दवाओं को शामिल करने और मौजूदा मोनोग्राफ को अद्यतन करने के साथ ही दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिये आधिकारिक दस्तावेज़ प्रकाशित करता है।   
    • यह नेशनल फॉर्मूलरी ऑफ इंडिया का प्रकाशन कर जेनेरिक दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देता है।
  • भारतीय औषधकोश आयोग मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य देखभाल के दृष्टिकोण से आवश्यक दवाओं की पहचान, शुद्धता तथा शक्ति के लिये मानक निर्धारित करता है।
  • IPC, IP संदर्भ पदार्थ (IP Reference Substances- IPRS) भी प्रदान करता है जो परीक्षण के तहत किसी वस्तु की पहचान और IP में निर्धारित उसकी शुद्धता के लिये फिंगरप्रिंट के रूप में कार्य करता है।
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