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भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र

  • 19 Apr 2023
  • 6 min read

हाल ही में भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में सक्षम युवा स्टार्टअप को शामिल करने एवं पहचानने हेतु YUVA पोर्टल लॉन्च किया गया है।

  • इससे पहले "वन वीक - वन लैब" अभियान शुरू किया गया था। हरियाणा के करनाल में खगोल विज्ञान प्रयोगशाला भी शुरू की गई, जो दिव्यांग लोगों को कौशल, कला और शिल्प के विभिन्न रूपों में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।

भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र संबंधी हाल के विकास: 

  • परिचय
    • हाल ही में 108वीं भारतीय विज्ञान कॉन्ग्रेस में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे भारत नवाचार, स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है।
    • वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index- GII) 2022 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 132 शीर्ष नवोन्मेषी अर्थव्यवस्थाओं में भारत 40वें स्थान पर है।
  • भारतीय सांकेतिक भाषा एस्ट्रोलैब: 
    • भारतीय सांकेतिक भाषा एस्ट्रोलैब सांकेतिक भाषा में निर्देशात्मक वीडियो तक आभासी पहुँच प्रदान करके समावेशिता को बढ़ावा देती है और यह विशाल दूरबीन तथा दृश्य-श्रव्य सहायता सहित 65 उपकरणों से लैस है।
  • CSIR-NPL: 
    • वायुमंडलीय प्रदूषण की निगरानी के उद्देश्य से गैसों और वायुवाहित कणों के मानकीकरण के अतिरिक्त वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला [Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) - National Physical Laboratory (NPL)] ने भारतीय मानक समय (Indian Standard Time- IST) के संरक्षक के रूप में कार्य किया है जो सीज़ियम परमाणु घड़ियों और हाइड्रोजन मेसर्स से बने एक एटॉमिक टाइम स्केल के उपयोग से उत्पन्न होता है।
    • जीनोम से लेकर भू-विज्ञान, भोजन से लेकर ईंधन, खनिज़ों से लेकर सामग्री तक अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ CSIR प्रयोगशालाएँ भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में योगदान करती हैं।
    • NPL भविष्य के क्वांटम मानकों और आगामी तकनीकों को स्थापित करने के लिये बहु-विषयक अनुसंधान एवं विकास के साथ ही "मेक इन इंडिया" कार्यक्रम के तहत आयात विकल्प विकसित करती है तथा "कौशल भारत" कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्रदान करती है।
  • वन वीक - वन लैब अभियान:
    • ‘वन वीक - वन लैब’ कार्यक्रम का उद्देश्य CSIR-NPL द्वारा प्रदान की जाने वाली तकनीकों और सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना, सामाजिक समस्याओं का समाधान प्रदान करना और छात्रों में वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करना है। 
      • दिल्ली-NCR के 180 स्कूलों को विभिन्न गतिविधियों के लिये NPL प्रयोगशालाओं से अवगत कराया गया है तथा भविष्य में इसमें और अधिक स्कूलों को शामिल किया जाएगा।
  • विज्ञान और विरासत अनुसंधान पहल (SHRI):
    • SHRI कार्यक्रम के तहत कपास के धागों और कोरई घास के प्रयोग से बुनी या इंटरलेस से बनाई गई ध्वनिरोधी पट्टामदाई चटाई का निर्माण किया जाता है, ताकि कक्षाओं के साथ-साथ बाहरी शोर के खिलाफ इसका उपयोग रिकॉर्डिंग स्टूडियो के रूप में किया जा सके।
      • इससे तमिलनाडु के तिरुनेलवेली की इस पारंपरिक कला की मांग बढ़ सकती है। 
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान (IASST): 
    • IASST के वैज्ञानिकों ने बायोडिग्रेडेबल, बायोपॉलिमर नैनोकम्पोज़िट विकसित किया है जो सापेक्ष आर्द्रता का पता लगा सकता है और विशेष रूप से खाद्य उद्योग में स्मार्ट पैकेजिंग सामग्री के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। 
  • नवाचारों के विकास और दोहन के लिये राष्ट्रीय पहल (NIDHI):
    • यह स्टार्टअप्स के लिये एक एंड-टू-एंड (End to End) योजना है जिसका लक्ष्य पाँच वर्ष की अवधि में इनक्यूबेटरों और स्टार्टअप्स की संख्या को दोगुना करना है।
  • राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार: 
    • यह कार्यक्रम उत्कृष्ट स्टार्टअप्स और इकोसिस्टम एनेबलर्स की पहचान कर उन्हें पुरस्कृत करता है, जो नवाचार एवं प्रेरक प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करके आर्थिक गतिशीलता में योगदान देता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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