प्रारंभिक परीक्षा
CoP30 में बिग कैट के संरक्षण पर भारत का पक्ष
- 21 Nov 2025
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चर्चा में क्यों?
भारत ने ब्राज़ील के बेलेम में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के पार्टियों के सम्मेलन (CoP30) के दौरान इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) के उच्च-स्तरीय मंत्रीस्तरीय सत्र में बिग कैट्स की सुरक्षा के लिये मज़बूत वैश्विक सहयोग का आह्वान किया।
- भारत वर्ष 2026 में नई दिल्ली में ग्लोबल बिग कैट्स समिट की मेज़बानी करेगा।
- भारत ने ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर: ए डिकेड ऑफ क्लाइमेट एक्शन’ रिपोर्ट भी जारी की, जिसमें शमन, अनुकूलन और जलवायु वित्त में हुई प्रगति का सार प्रस्तुत किया गया है तथा विकसित एवं सस्टेनेबल भारत 2047 के मार्ग की रूपरेखा बताई गई है।
बिग कैट्स का जलवायु और जैव विविधता के लिये महत्त्व क्या है?
- सर्वोच्च शिकारी: ये शिकार प्रजातियों की संख्या को नियंत्रित करते हैं और वनों एवं घासभूमियों में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं।
- स्वस्थ शिकारी–शिकार संबंध पारिस्थितिकी तंत्र को जलवायु परिवर्तन, सूखे और आवास क्षरण के प्रति अधिक अनुकूल बनाते हैं।
- पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य संकेतक: बिग कैट्स की समृद्ध आबादी उच्च गुणवत्ता वाले वनों, पुनर्जीवित होती घासभूमियों और सुचारू रूप से कार्यरत जलग्रहण क्षेत्रों का संकेत देती है।
- प्रकृति-आधारित जलवायु समाधान: बिग कैट के आवासीय परिदृश्य कार्बन को संग्रहित करते हैं, प्राकृतिक पुनरुत्थान को समर्थन देते हैं और दीर्घकालिक जलवायु शमन प्रयासों को मज़बूत करते हैं, जिससे वे महत्त्वपूर्ण प्रकृति-आधारित जलवायु समाधान बन जाते हैं।
- बिग कैट का संरक्षण कार्बन सिंक, जल सुरक्षा, जैव विविधता और मृदा की स्थिरता की रक्षा करता है, जो जलवायु तथा पारिस्थितिक स्वास्थ्य के मुख्य घटक हैं।
इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- IBCA: यह भारत-प्रेरित बहु-देशीय एवं बहु-एजेंसी गठबंधन है, जो 95 बिग कैट रेंज-देशों, संरक्षण में रुचि रखने वाले नॉन-रेंज देशों, वैश्विक संरक्षण साझेदारों तथा बिग कैट के अनुसंधान में संलग्न वैज्ञानिक संगठनों को एक साझा मंच पर लाता है, ताकि सहयोगात्मक कार्यवाही और ज्ञान-विनिमय को सुदृढ़ किया जा सके।
- वर्ष 2023 में प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर भारत द्वारा प्रारंभ किये गए IBCA को बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया, जिसका सचिवालय भारत में स्थित है।
- IBCA की स्थापना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के माध्यम से की गई थी।
- सम्मिलित प्रजातियाँ: IBCA का उद्देश्य सात बिग कैट प्रजातियों (बाघ, सिंह, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर, प्यूमा) के संरक्षण को बढ़ावा देना है। भारत इनमें से पाँच प्रजातियों का प्राकृतिक निवास-स्थान है (प्यूमा और जगुआर भारत में नहीं पाए जाते)।
- उद्देश्य: अवैध वन्यजीव व्यापार को रोकना, प्राकृतिक आवासों का संरक्षण करना, वित्तीय और तकनीकी संसाधनों का संकलन करना तथा बिग कैट प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना।
- सदस्यता: यह सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों, उन रेंज देशों जहाँ ये बिग कैट प्रजातियाँ स्वाभाविक रूप से पाई जाती हैं तथा उन नॉन-रेंज देशों के लिये खुला है जो वैश्विक संरक्षण प्रयासों में सहयोग देना चाहते हैं।
- वित्तपोषण: भारत ने IBCA के लिये वर्ष 2023–2028 की अवधि में 150 करोड़ रुपये का योगदान देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है तथा द्विपक्षीय, बहुपक्षीय एवं दाता संगठनों के माध्यम से अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने का प्रयास कर रहा है।
- महत्त्व: यह बिग कैट प्रजातियों के संरक्षण के लिये एक एकीकृत वैश्विक मंच प्रदान करता है।
- यह सहयोग, क्षमता-विकास, दक्षिण–दक्षिण सहयोग तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुदृढ़ बनाता है।
- IBCA प्रकृति-आधारित जलवायु समाधानों के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र की सहनशीलता, कार्बन भंडारण तथा जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण में भी सहायता करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) क्या है?
IBCA भारत द्वारा शुरू किया गया एक बहु-देशीय और बहु-संस्थागत गठबंधन है, जिसका उद्देश्य सात बड़े बिल्ली प्रजातियों (शेर, बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर, प्यूमा) का संरक्षण करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना, तकनीकी सहायता प्रदान करना और संबंधित देशों के लिये वित्त जुटाना है।
2. अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (IBCA) से कितनी प्रजातियाँ और देश जुड़े हैं:
IBCA सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों को कवर करता है: बाघ (Tiger), सिंह (Lion), तेंदुआ (Leopard), हिम तेंदुआ (Snow Leopard), चीता (Cheetah), जगुआर (Jaguar) और प्यूमा (Puma)। यह 95 बड़े-बिल्ली वाले देशों के साथ-साथ गैर-रेंज देश, वैज्ञानिक संस्थाएँ, NGO और निजी साझेदारों को एक साथ लाकर समन्वित संरक्षण कार्य को बढ़ावा देता है।
3. बड़ी बिल्लियाँ जलवायु परिवर्तन को कम करने में कैसे योगदान देती हैं?
बड़ी बिल्लियाँ स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत देती हैं; उनके आवासों का संरक्षण जंगलों और घास के मैदानों को बचाता है, जो कार्बन अवशोषक के रूप में काम करते हैं, जल स्रोतों की रक्षा करते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता बढ़ाते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
- एशियाई शेर प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।
- दो-कूबड़ वाला ऊँट प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।
- एक-सींग वाला गैंडा प्राकृतिक रूप से सिर्फ भारत में पाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर : (a)
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2024)
- सिंह की कोई विशेष प्रजनन ऋतु नहीं होती है।
- अधिकांश अन्य बड़ी बिल्लियों से भिन्न, चीता दहाड़ता नहीं है।
- नर सिंह से भिन्न, नर तेंदुए गंध चिह्न द्वारा अपना क्षेत्र घोषित नहीं करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (a)
प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2012)
- ब्लैक नेक क्रेन
- चीता
- उड़न गिलहरी
- हिम तेंदुआ
उपर्युक्त में से कौन-से स्वाभाविक रूप से भारत में पाए जाते हैं?
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: (b)
