रैपिड फायर
हैम रेडियो और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जीवन
- 08 Jul 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जो Axiom - 4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं, ने हैम रेडियो संचार के माध्यम से पृथ्वी से संपर्क किया, जो अंतरिक्ष से पृथ्वी तक संचार का एक अनोखा उदाहरण है।
हैम रेडियो
- हैम रेडियो (एमेच्योर रेडियो) एक लाइसेंस प्राप्त, गैर-व्यावसायिक रेडियो संचार सेवा है, जिसका उपयोग शिक्षा, प्रयोग और आपातकालीन संचार के लिये किया जाता है।
- ऑपरेटर रेडियो तरंगों, ट्रांससीवर तथा एंटीना की सहायता से स्थानीय, वैश्विक और यहाँ तक कि अंतरिक्ष से भी संपर्क स्थापित करते हैं।
- इसका पहली बार अंतरिक्ष में उपयोग वर्ष 1983 में अंतरिक्ष यात्रियों और पृथ्वी के बीच संचार के लिये किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में ARISS (ISS पर एमेच्योर रेडियो) प्रणाली है, जिसे अमेरिका, रूस, कनाडा, जापान और यूरोप का समर्थन प्राप्त है।
- भारत में 12 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से हैम रेडियो लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।
- भारत में हैम रेडियो ने वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी, वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ और अन्य विभिन्न आपदाओं के दौरान आपातकालीन संचार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रेडियो तरंगें:
- हेनरिक हर्ट्ज़ (Heinrich Hertz) द्वारा खोजी गई ये दीर्घ दैर्ध्यतरंग वाली विद्युतचुंबकीय तरंगें संचार प्रणालियों में उपयोग की जाती हैं।
- ये सरल रेखा (लाइन-ऑफ-साइट), आयनमंडलीय परावर्तन या उपग्रह रिले के माध्यम से संचरित होती हैं, जिससे लंबी दूरी तक संचार संभव होता है और ये वायरलेस संचार तकनीक का एक मुख्य आधार बनाती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जीवन:
- सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) में अंतरिक्ष यात्री निर्जलित (Dehydrated) और पैक किये गए भोजन का सेवन करते हैं, जिसे गर्म पानी से पुनः जलयोजित (Rehydrated) किया जाता है, ताकि तैरते हुए भोजन के टुकड़े (Floating crumbs) उपकरणों को नुकसान न पहुँचाएँ।
- भोजन को वेल्क्रो ट्रे (Velcro trays) की सहायता से सुरक्षित किया जाता है और बर्तनों को पानी के बिना वाइप्स से साफ किया जाता है।
- दीर्घ अंतरिक्ष मिशनों के दौरान हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिये उच्च कैल्शियम, कम सोडियम और पर्याप्त मात्रा में विटामिन D का सेवन करने की सिफारिश की जाती है।