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भारत की ग्रीन हाइड्रोजन प्रमाणन योजना (GHCI)

  • 08 May 2025
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) के तहत भारत की ग्रीन हाइड्रोजन प्रमाणन योजना (GHCI) शुरू की है।

  • परिचय: यह पहल ग्रीन हाइड्रोजन (GH) उत्पादन को प्रमाणित करने के साथ इस क्षेत्र में पारदर्शिता एवं बाज़ार की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के क्रम में उन्नत ढाँचा निर्माण से संबंधित है।
  • उद्देश्य: भारत में ग्रीन हाइड्रोजन बाज़ार को बढ़ावा देना, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने, निर्यात को बढ़ावा देने तथा ऊर्जा-गहन क्षेत्रों को स्वच्छ ईंधन अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।
    • कांडला, पारादीप और तूतीकोरिन जैसे अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह शहरों को निर्यात के क्रम में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के मुख्य केंद्र के रूप में चुना गया है।
    • इससे ग्रीनवॉशिंग (जिसमें कंपनियाँ झूठे दावे करके खुद को पर्यावरण अनुकूल बताती हैं) पर अंकुश लग सकेगा।
  • प्रमाणन प्रक्रिया: अनुपालन सुनिश्चित करने के क्रम में इसे ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा मान्यता प्राप्त कार्बन सत्यापन (ACV) एजेंसी द्वारा सत्यापित किया जाना शामिल है।
    • यह प्रमाणपत्र हस्तांतरणीय न होने के साथ इसका व्यापार नहीं किया जा सकता है तथा इसका उपयोग उत्सर्जन कटौती क्रेडिट का दावा करने के लिये भी नहीं किया जा सकता है।
    • BEE ने CCTS के तहत ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करने वाले कुछ विशिष्ट क्षेत्रों (जैसे सीमेंट) के लिये ऑफसेट तंत्र की भी घोषणा की है ताकि उन्हें ऋण अर्जित करने तथा व्यापार करने में सहायता मिल सके।
  • प्रयोज्यता: यह प्रमाणन योजना केवल इलेक्ट्रोलिसिस या बायोमास के रूपांतरण से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर लागू है।
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