प्रारंभिक परीक्षा
गूगल का वेरिफिएबल क्वांटम एडवांटेज
- 28 Oct 2025
- 43 min read
चर्चा में क्यों?
गूगल ने घोषणा की है कि उसका क्वांटम प्रोसेसर ‘विलो’ ने क्वांटम इकोज़ (Quantum Echoes) नामक एक नए एल्गोरिदम का उपयोग करके अब तक का पहला वेरिफिएबल क्वांटम एडवांटेज हासिल किया है, जो विश्व के सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटरों की तुलना में 13,000 गुना तेज़ चला।
- यह उपलब्धि हैमिल्टोनियन लर्निंग (Hamiltonian Learning) जैसे वास्तविक विश्व के क्वांटम अनुप्रयोगों की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
गूगल का वेरिफिएबल क्वांटम एडवांटेज क्या है?
- क्वांटम एडवांटेज: यह उस अवस्था को दर्शाती है जब एक क्वांटम कंप्यूटर किसी विशिष्ट कार्य में पारंपरिक सुपरकंप्यूटरों से बेहतर प्रदर्शन करता है।
- गूगल का वेरिफिएबल क्वांटम एडवांटेज: गूगल के विलो क्वांटम प्रोसेसर, जिसमें 105 तक क्यूबिट्स हैं, ने क्वांटम इकोज़ एल्गोरिदम को सफलतापूर्वक संचालित किया है। यह एल्गोरिदम यह पता लगाता है कि एनटैंगल्ड क्वांटम अवस्थाएँ समय के साथ अधोगामी एवं पश्चगामी विकास किस प्रकार करती हैं। इस प्रयोग से वैज्ञानिकों को क्वांटम क्योस और क्वांटम इंटरफेरेंस जैसी जटिल परिघटनाओं की प्रकृति को बेहतर ढंग से समझने में सहायता मिलती है — जो भविष्य में क्वांटम कंप्यूटिंग और सूचना प्रसंस्करण के लिये अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
- इससे आउट-ऑफ-टाइम-ऑर्डर कोरिलेटर (OTOC) को मापना संभव हुआ और यह एक प्रमुख संकेतक है जो यह दर्शाता है कि जब क्वांटम बिट्स परस्पर क्रिया करते हैं तो एनटैंगल्ड के माध्यम से सूचना किस प्रकार ‘विखंडित’ या ‘स्क्रैम्बल’ होती है।
- विलो प्रोसेसर ने OTOC मापन को केवल दो घंटे में पूरा किया जबकि एक पारंपरिक सुपरकंप्यूटर पर यही कार्य 13,000 गुना अधिक समय (यानी कई वर्षों) में पूरा होता।
- विगत प्रदर्शनों के विपरीत, इस परिणाम को अन्य क्वांटम या क्लासिकल प्रणालियों द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित किया जा सकता है, जिससे यह विश्व का पहला वास्तविक और मापने योग्य क्वांटम एडवांटेज बन गया है।
- व्यावहारिक उपयोग:
- हैमिल्टोनियन लर्निंग: OTOC सर्किट्स हैमिल्टोनियन लर्निंग में सहायता कर सकते हैं, जो एक क्वांटम तकनीक है जहाँ एक कंप्यूटर एक भौतिक प्रणाली (जैसे एक अणु) के व्यवहार का अनुकरण करता है और इसे वास्तविक प्रयोगात्मक डेटा के साथ तुलना करता है ताकि ऊर्जा स्तरों या इंटरैक्शन बलों जैसे अज्ञात मानों का सटीक अनुमान लगाया जा सके।
- अणु संरचना का अनुमान: OTOC पद्धति, जिसे न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से परीक्षण किया गया है। प्रोटीन, पदार्थों और यौगिकों के विश्लेषण में सहायता करती है। यह क्वांटम स्पिन के व्यवहार का अध्ययन करके अणुओं की ज्यामिति के बारे में अधिक गहन समझ प्रदान करती है।
क्वांटम कंप्यूटिंग शब्दावली
- क्वांटम टेक्नोलॉजी: क्वांटम कंप्यूटिंग/टेक्नोलॉजी उन प्रौद्योगिकियों की एक श्रेणी है जो क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों का उपयोग करके ऐसी गणनाएँ करती हैं और ऐसी क्षमताएँ प्राप्त करती हैं जो पारंपरिक तकनीक से संभव नहीं हैं।
- क्वांटम मैकेनिक्स भौतिकी में एक मौलिक सिद्धांत है जो सूक्ष्म स्तर पर पदार्थ और ऊर्जा के व्यवहार को बताती है, जैसे परमाणु एवं उप-परमाणु कणों पर।
- क्यूबिट (क्वांटम बिट): क्वांटम इनफार्मेशन की मूल इकाई, जो एक साथ 0,1 या दोनों अवस्थाओं में (सुपरपोज़िशन की स्थिति में) रह सकती है।
- सुपरपोजिशन: किसी क्वांटम प्रणाली की वह क्षमता जिसमें वह एक ही समय में कई अवस्थाओं में मौजूद रह सकती है, जिससे क्वांटम कंप्यूटरों को अत्यधिक समानांतर प्रसंस्करण की शक्ति मिलती है।
- एंटैंगलमेंट: एक क्वांटम लिंक जहाँ क्यूबिट्स आपस में जुड़े रहते हैं, जहाँ एक का परिवर्तन तुरंत दूसरे को प्रभावित करता है, भले ही वे कितनी भी दूर क्यों न हों।
- क्वांटम गेट: क्वांटम सर्किट का बिल्डिंग ब्लॉक, वे क्यूबिट्स पर नियंत्रित क्रियाएँ करते हैं (जैसे क्लासिकल लॉजिक गेट)।
- क्वांटम सर्किट: क्वांटम गेट्स का एक नेटवर्क जो किसी विशिष्ट गणना या एल्गोरिदम को निष्पादित करने के लिये व्यवस्थित किया जाता है।
- क्वांटम इंटरफेरेंस: यह सही उत्तरों को सुदृढ़ करने और गलत उत्तरों को रद्द करने की प्रक्रिया है, जो क्यूबिट्स की तरंग जैसी प्रकृति का उपयोग करती है।
- क्वांटम सिमुलेशन: क्वांटम कंप्यूटरों का उपयोग करके अणुओं, पदार्थों या भौतिक प्रणालियों का मॉडल बनाना जो पारंपरिक कंप्यूटरों के लिये अत्यधिक जटिल होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. वेरिफिएबल क्वांटम एडवांटेज क्या है?
जब कोई क्वांटम कंप्यूटर किसी विशिष्ट कार्य में पारंपरिक सुपरकंप्यूटरों से बेहतर प्रदर्शन करता है और उसके परिणामों की स्वतंत्र रूप से अन्य क्वांटम या क्लासिकल प्रणालियों द्वारा पुष्टि की जा सकती है तो उसे वेरिफिएबल क्वांटम एडवांटेज कहा जाता है।
2. आउट-ऑफ-टाइम-ऑर्डर कोरिलेटर (OTOC) क्या है?
यह एक क्वांटम प्रेक्षणीय है जो यह मापता है कि किस प्रकार एंटैंगल्ड क्यूबिट्स के बीच सूचना ‘विखंडित’ या ‘स्क्रैम्बल’ होती है, जिससे किसी प्रणाली में क्वांटम अराजकता के स्तर का पता चलता है।
3. हैमिल्टोनियन लर्निंग क्या है और यह क्यों महत्त्वपूर्ण है?
यह एक क्वांटम विधि है जिसमें सिम्युलेटेड (अनुकरण किये गए) OTOC संकेतों की वास्तविक डेटा से तुलना की जाती है, ताकि किसी प्रणाली के अज्ञात आणविक मानकों जैसे ऊर्जा स्तर या अंतःक्रियाओं का अनुमान लगाया जा सके।
4. OTOC-आधारित प्रयोगों के व्यावहारिक उपयोग क्या हैं?
ये आणविक संरचना विश्लेषण, पदार्थ डिज़ाइन और औषधि खोज में सहायक होते हैं, क्योंकि ये परमाणु स्तर की प्रणालियों का अत्यंत सटीक अनुकरण करने में सक्षम हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. “क्यूबिट (Qubit)” शब्द का उल्लेख निम्नलिखित में से कौन-से एक प्रसंग में होता है? (2022)
(a) क्लाउड सेवाएँ
(b) क्वांटम संगणन
(c) दृश्य प्रकाश संचार प्रौद्योगिकियाँ
(d) बेतार संचार प्रौद्योगिकियाँ
उत्तर: (b)

