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EPF के नए आहरण नियम 2025
- 24 Oct 2025
- 37 min read
चर्चा में क्यों?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने भविष्य निधि (PF) को आंशिक और समय-पूर्व आहरण के लिये नए दिशानिर्देशों को मंज़ूरी दी है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों के जीवन को आसान बनाना है।
EPF के नए आहरण प्रावधान 2025 क्या हैं?
- सरलीकृत नियम: 13 जटिल आहरण प्रावधानों को तीन श्रेणियों में सम्मिलित किया गया – आवश्यकताएँ (रोग, शिक्षा, विवाह), आवास और विशेष परिस्थितियाँ।
- नियोक्ता अंशदान: अब सदस्य कर्मचारी और नियोक्ता दोनों अंशदानों से राशि निकाल सकते हैं।
- न्यूनतम शेष राशि नियम: सदस्यों को हमेशा अपने अंशदान शेष का कम-से-कम 25% बनाए रखना अनिवार्य है, ताकि आर्थिक सुरक्षा और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।
- बेरोज़गारी के दौरान समय-पूर्व आहरण: नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद भविष्य निधि का 75% निकाला जा सकता है।
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यदि सदस्य 12 महीने तक बेरोज़गार रहे तो पूरे 100% आहरण की अनुमति दी जाएगी (पहले यह अवधि 2 महीने थी)।
- अंतिम पेंशन राशि का आहरण अब केवल 36 महीने बाद किया जा सकेगा, जबकि पहले यह 2 महीने में संभव था।
- इस बदलाव का उद्देश्य सदस्यों को पर्याप्त पेंशन कोष जमा करने में मदद करना है और समय-पूर्व पूर्ण आहरण को हतोत्साहित करना है, क्योंकि लगभग 50% सदस्यों के पास अंतिम निपटान के समय ₹20,000 से कम राशि थी।
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- लचीलापन: विवाह, घर खरीद, शिक्षा, बीमारी, या आपातकालीन परिस्थितियों के लिये आहरण अब पहले और अधिक बार किया जा सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) क्या है?
- परिचय: EPF भारत में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये एक सामाजिक सुरक्षा और सेवानिवृत्ति बचत योजना है। इसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय के अंतर्गत प्रबंधित किया जाता है और यह कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के तहत संचालित होता है।
- PF खाता लाभ उन सभी प्रतिष्ठानों को प्रदान किया जाता है, जिनमें 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं।
- सदस्यता: योग्य प्रतिष्ठानों के सभी कर्मचारी जॉइनिंग की तिथि से सदस्य बन सकते हैं।
- सदस्यता से भविष्य निधि (PF) बचत, पेंशन लाभ और बीमा लाभ का अधिकार मिलता है।
- सदस्य को जॉइनिंग के समय नामांकन (नॉमिनेशन) जमा करना आवश्यक है।
- योगदान संरचना: नियोक्ता और कर्मचारी दोनों वेतन का लगभग 12% योगदान खाते में जमा करते हैं।
- इसके अलावा, नियोक्ता EPF एवं MP अधिनियम के तहत लाभों के प्रबंधन के लिये भी योगदान देते हैं।
- फंड पर भारत सरकार द्वारा वार्षिक घोषित ब्याज मिलता है।
- लाभ: EPF सेवानिवृत्ति के लिये दीर्घकालिक बचत प्रदान करता है और साथ ही आवास, शिक्षा, विवाह, बीमारी तथा विशेष परिस्थितियों के लिये आंशिक निकासी की अनुमति देता है।
- यह कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिये वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है, चाहे वह इस्तीफा, सेवानिवृत्ति या मृत्यु के मामले में हो।
- सदस्य ऑनलाइन सेवाओं का भी लाभ उठा सकते हैं, जैसे ई-पासबुक, PF खाता स्थानांतरण और दावे (Claims)।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)
- EPFO, कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- इसका संचालन त्रिपक्षीय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) द्वारा किया जाता है, जिसमें सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी प्रतिनिधि शामिल होते हैं तथा इसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री करते हैं।
- EPFO तीन योजनाओं का प्रबंधन करता है:
- कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), 1952: यह सेवानिवृत्ति बचत प्रदान करती है।
- कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), 1995: यह उन कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्रदान करती है, जिन्होंने कम से कम 10 वर्ष की सेवा की हो।
- कर्मचारी निक्षेप सहबद्ध बीमा (EDLI), 1976: यह बीमा लाभ प्रदान करती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) क्या है?
EPF भारत में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये एक सामाजिक सुरक्षा और सेवानिवृत्ति बचत योजना है, जिसका प्रबंधन श्रम और रोज़गार मंत्रालय के अंतर्गत EPFO द्वारा किया जाता है।
2. EPF का सदस्य कौन बन सकता है?
20 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों/स्थापनों में कार्यरत सभी कर्मचारी कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से ही पात्र हो जाते हैं, जिससे उन्हें भविष्य निधि बचत, पेंशन और बीमा लाभ प्राप्त होते हैं।
3. EPFO द्वारा कौन-सी योजनाएँ संचालित की जाती हैं?
EPFO तीन योजनाओं का संचालन करता है: कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) और कर्मचारी निक्षेप सहबद्ध बीमा (EDLI)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न. भारत में नियोजित अनियत मज़दूरों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
1. सभी अनियत मज़दूर, कर्मचारी भविष्य निधि सुरक्षा के हकदार हैं।
2. सभी अनियत मज़दूर नियमित कार्य-समय एवं समयोपरि भुगतान के हकदार हैं।
3. सरकार अधिसूचना के द्वारा यह विनिर्दिष्ट कर सकती है कि कोई प्रतिष्ठान या उद्योग केवल अपने बैंक खातों के माध्यम से मज़दूरी का भुगतान करेगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: D
