रैपिड फायर
रक्षा खरीद नियमावली (DPM) 2025
- 24 Oct 2025
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा खरीद नियमावली (DPM) 2025 जारी की, जो 1 नवंबर, 2025 से प्रभावी होगी। इसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना, एकरूपता सुनिश्चित करना और सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को सुदृढ़ करना है।
- रक्षा खरीद नियमावली: यह भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक मार्गदर्शिका है, जो सशस्त्र बलों के लिये सामग्री, सेवाएँ और उपकरण खरीदने की प्रक्रियाओं, नियमों और नीतियों को निर्दिष्ट करती है।
- यह स्वदेशीकरण, व्यापार में आसानी और परिचालन तत्परता को बढ़ावा देते हुए रक्षा खरीद में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता सुनिश्चित करती है।
- DPM 2025 की प्रमुख विशेषताएँ:
- प्रभावी और दायरा: यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत तीनों सेवाओं और अन्य संस्थाओं द्वारा लगभग ₹1 लाख करोड़ के राजस्व आधारित खरीद को नियंत्रित करेगा।
- शिथिल परिसमाप्त क्षति (LD): भंडार और सेवाओं की देरी से डिलीवरी पर लगाए जाने वाले LD को अब विलंब के लिये अधिकतम 10% और स्वदेशीकरण परियोजनाओं के लिये 0.5% के बजाय प्रति सप्ताह 0.1% तक शिथिल कर दिया गया है।
- सुनिश्चित आदेश: स्वदेशीकरण के तहत विकसित किये गए आइटमों को 5 वर्ष या उससे अधिक अवधि के आदेश प्राप्त हो सकते हैं।
- NOC की आवश्यकता नहीं: अयुध निर्माण निगम के अलावा अन्य स्रोतों से खरीद के लिये अब अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की आवश्यकता नहीं होगी।
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