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EB-1A और EB2-NIW वीज़ा कार्यक्रम

  • 25 Nov 2025
  • 11 min read

स्रोत: ET

सितंबर 2025 से H-1B वीज़ा शुल्क 100,000 अमेरिकी डॉलर बढ़ने के कारण भारतीय पेशेवर अब EB-1A और EB2-NIW वीज़ा जैसे विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, विशेषकर अमेरिका की कड़ी आप्रवासन नीतियों के बीच।

  • EB-1A वीज़ा: EB-1A वीज़ा उन व्यक्तियों के लिये है जिनके पास विज्ञान, कला, व्यवसाय या शिक्षा जैसे क्षेत्रों में असाधारण क्षमताएँ हैं।
    • इसमें नियोक्ता प्रायोजन की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन आवेदकों को दस में से कम से कम तीन मानदंडों को पूरा करना होता है, जैसे महत्त्वपूर्ण योगदान या उच्च वेतन। यह स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) की ओर ले जाता है और इसकी कोई समय सीमा नहीं होती।
  • EB2-NIW वीज़ा: EB2 -NIW, अमेरिकी राष्ट्रीय हितों के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों, जैसे प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा, में कार्यरत पेशेवरों को स्व-याचिका प्रस्तुत करने की अनुमति प्रदान करता है। मानक EB2 के विपरीत, इसके लिये नियोक्ता के प्रायोजन की आवश्यकता नहीं होती है। 
    • यदि योग्यताएँ बरकरार रखी जाएँ तो इससे बिना किसी समय-सीमा के स्थायी निवास प्राप्त किया जा सकता है।
    • EB-1A और EB2-NIW दोनों के लिये आवेदकों में भारतीयों का अनुपात काफी अधिक है, विशेषकर प्रौद्योगिकी और अनुसंधान जैसे उच्च कौशल वाले क्षेत्रों में।
  • लाभ: वे तीव्र प्रसंस्करण, दीर्घकालिक स्थिरता और मूल्यवान ग्रीन कार्ड अवसर प्रदान करते हैं, जिससे वे अनिश्चित H-1B के लिये मज़बूत विकल्प बन जाते हैं।
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