रैपिड फायर
डेन्गीऑल
- 03 Jul 2025
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स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस
भारत में सुरक्षित और प्रभावी डेंगू वैक्सीन के विकास के प्रयासों को महत्त्वपूर्ण प्रगति मिली है, जहाँ देश की पहली स्वदेशी टेट्रावेलेंट डेंगू वैक्सीन, डेंगीऑल (DengiAll), ने चरण-3 नैदानिक परीक्षणों में 50% नामांकन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
- डेंगीऑल: यह पैनेसिया बायोटेक द्वारा अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के साथ एक लाइसेंसिंग समझौते के तहत विकसित की गई है, और यह डेंगू वायरस के सभी चार उपप्रकारों को लक्षित करती है।
- इस वैक्सीन ने चरण-I और II परीक्षणों में संतुलित और मज़बूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखाई है, और इसमें कोई गंभीर सुरक्षा संबंधी चिंता सामने नहीं आई है।
- यह वैक्सीन महत्त्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में डेंगू का सभी के लिये कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है, और गंभीर मामलों में आंतरिक रक्तस्राव एवं शॉक जैसी जानलेवा जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
- डेंगू: यह एक मच्छर जनित विषाणुजनित रोग है, जो डेंगू वायरस (जीनस फ्लेविवायरस) के कारण होता है, और मुख्य रूप से मादा एडीज़ एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर द्वारा फैलता है।
- यह मच्छर चिकनगुनिया, पीत ज्वर और ज़ीका वायरस भी फैलाता है। डेंगू के चार भिन्न लेकिन आपस में संबंधित सीरोटाइप होते हैं: DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4।
- लक्षण: तेज़ बुखार, तेज़ सिरदर्द, आँखों में दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, तथा थकावट।
- निदान और उपचार: इसका निदान रक्त परीक्षण के माध्यम से किया जाता है। इसका कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है; उपचार केवल लक्षणों के अनुसार सहायक होता है।
- डेंगवैक्सिया पहली डेंगू वैक्सीन है जिसे वर्ष 2019 में अमेरिकी FDA द्वारा अनुमोदित किया गया था; यह 9 से 16 वर्ष की आयु के उन बच्चों के लिये है जिन्हें पहले संक्रमण हो चुका हो और जो डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं।
- भार: भारत में डेंगू का भारी बोझ बना हुआ है, केवल वर्ष 2024 में 2.3 लाख से अधिक मामले और 297 मृत्यु दर्ज की गईं, जिससे वैक्सीन विकास अत्यंत आवश्यक हो गया है।
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