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डेंगू

  • 14 Nov 2022
  • 9 min read

एक अध्ययन के अनुसार भारत में डेंगू के चल रहे प्रसार के लिये मानसून की देर से वापसी को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। 

  • डेंगू संचरण तीन प्रमुख कारकों- वर्षा, आर्द्रता और तापमान के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है, जो भौगोलिक क्षेत्रों को निर्देशित करते हैं जिसमें डेंगू फैलता है और संचरित होता है।   

अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ: 

  • भारत में एडीज एजिप्टी मच्छरों द्वारा डेंगू संचरण की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी हो रही है  
    • वर्ष 1951-1960 और वर्ष 2012-2021 के बीच इसमें 1.69% की वृद्धि हुई है। 
      • अध्ययन में भविष्य में जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप थार रेगिस्तान के गर्म शुष्क क्षेत्रों में एडीज एजिप्टी और ठंडे ऊपरी हिमालय में एडीज अल्बोपिक्टस के विस्तार का अनुमान लगाया गया है। 
    • डेंगू दो मच्छरों एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से फैलता है। 
      • वर्तमान में, एडीज एजिप्टी दक्षिणी प्रायद्वीप, पूर्वी समुद्र तट, उत्तर-पूर्वी राज्यों और उत्तरी मैदानों में अधिक प्रचलित है।  
      • एडीज अल्बोपिक्टस पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाओं, उत्तर-पूर्वी राज्यों और निम्न हिमालय में सक्रिय है। 

डेंगू: 

  • परिचय: 
    • डेंगू एक मच्छर जनित उष्णकटिबंधीय बीमारी है जो डेंगू वायरस (जीनस फ्लेवीवायरस) के कारण होती है, इसका प्रसार मच्छरों की कई जीनस एडीज (Genus Aedes) प्रजातियों  मुख्य रूप से एडीज़ इजिप्टी (Aedes aegypti) द्वारा होता  है। 
    • डेंगू को उत्पन्न करने वाले चार अलग-अलग परंतु आपस में संबंधित सीरोटाइप (सूक्ष्मजीवों की एक प्रजाति के भीतर अलग-अलग समूह जिनमें एक समान विशेषता पाई जाती हैं) DEN-1, DEN-2, DEN-3 और DEN-4  हैं। 
  • लक्षण: 
    • अचानक तेज़ बुखार, तेज सिर दर्द, आंँखों में दर्द, हड्डी, जोड़ और मांँसपेशियों में तेज़ दर्द आदि। 
  • निदान और उपचार: 
    • डेंगू संक्रमण का निदान रक्त परीक्षण से किया जाता है। 
    • डेंगू संक्रमण के इलाज हेतु कोई विशिष्ट दवा नहीं है। 
  • डेंगू की स्थिति: 
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) के अनुसार, हाल के दशकों में वैश्विक स्तर पर डेंगू के मामलों में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है । 
    • WHO के अनुसार, प्रतिवर्ष 39 करोड़ लोग डेंगू वायरस से संक्रमित होते हैं, जिनमें से 9.6 करोड़ लोगों में इसके लक्षण दिखाई देते हैं। 
    • ‘राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ (National Vector-Borne Disease Control Programme- NVBDCP) के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत में डेंगू के 1 लाख से अधिक और वर्ष 2019 में 1.5 लाख से अधिक मामले दर्ज किये गए। 
      • NVBDCP भारत में छह वेक्टर जनित बीमारियों जिसमें मलेरिया, डेंगू, लिम्फैटिक फाइलेरिया, काला-जार, जापानी इंसेफेलाइटिस और चिकनगुनिया शामिल हैं, की रोकथाम तथा नियंत्रण हेतु एक केंद्रीय नोडल एजेंसी है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कार्य करता है। 
  • बैक्टीरिया का उपयोग करके डेंगू को नियंत्रित करना: 
    • हाल ही में वर्ल्ड मॉस्किटो प्रोग्राम (World Mosquito Program) के शोधकर्त्ताओं  ने इंडोनेशिया में डेंगू को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने हेतु वोल्बाचिया बैक्टीरिया (Wolbachia Bacteria) से संक्रमित मच्छरों का इस्तेमाल किया है। 
    • विधि: 
      • वैज्ञानिकों ने कुछ मच्छरों को वोल्बाचिया बैक्टीरिया से संक्रमित कर उन्हें  शहर में छोड़ दिया, जहांँ उन्होंने स्थानीय मच्छरों के साथ तब तक प्रजनन किया, जब तक कि क्षेत्र के लगभग सभी मच्छरों के शरीर में वोल्बाचिया बैक्टीरिया प्रविष्ट नहीं हो गया। इसे आवादी प्रतिस्थापन रणनीति (Population Replacement Strategy) कहा जाता है। 
      • 27 माह के अंत में शोधकर्त्ताओं ने पाया कि जिन क्षेत्रों में वोल्बाचिया-संक्रमित मच्छरों को छोड़ा गया था वहां डेंगू की घटनाएंँ उन क्षेत्रों की तुलना में 77% कम थीं जहाँ वोल्बाचिया-संक्रमित मच्छरों को नहीं छोड़ा गया था। 
  • डेंगू का टीका: 
    • वर्ष 2019 में  यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US Food & Drug Administration) द्वारा डेंगू के टीके CYD-TDV यडेंगवाक्सिया (CYD-TDV or Dengvaxia) को अनुमोदित किया गया था, जो अमेरिका में नियामक मंज़ूरी पाने वाला डेंगू का पहला टीका था। 
      • डेंगवाक्सिया मूल रूप से एक जीवित, डेंगू वायरस से निर्मित टीका है जिसे 9 से 16 वर्ष की आयु के उन लोगों को लगाया जाता है  जिनमें पूर्व में डेंगू संक्रमण की पुष्टि की गई है तथा जो स्थानिक स्तर पर रहते हैं।  
    • वैक्सीन निर्माता, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) द्वारा भारत की पहली डेंगू वैक्सीन विकसित की जा रही है इसे पहले चरण के परीक्षण की अनुमति मिल गई है।  
      • इस वैक्सीन का उत्पादन अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के सहयोग से किया जा रहा है।  

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा रोग टैटू गुदवाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है? (2013) 

  1. चिकनगुनिया  
  2. हेपेटाइटिस बी  
  3. HIV-एड्स 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b) 

  • ट्रांसफ्यूजन-ट्रांसमिटेड डिजीज़ (TTD) की समस्या रक्तदाता समुदाय में संक्रमण की व्यापकता से संबंधित है। 
  • टैटू गुदवाने से कई संक्रामक रोग संबंधित होते हैं, जिनमें कुछ TTD भी शामिल हैं। 
  • हेपेटाइटिस B वायरस तब फैलता है जब इस वायरस से संक्रमित रक्त, वीर्य या शरीर के अन्य तरल पदार्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं। अत: 2 सही है। 
  • HIV-एड्स केवल HIV वाले व्यक्ति के शरीर के रक्त, इंजेक्शन, दवा उपकरण, जैसे सुई आदि के अन्य व्यक्ति में संपर्क से फैलता है। अतः 3 सही है। 
  • चिकनगुनिया वायरस मच्छरों (ज़्यादातर एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों द्वारा) के काटने से फैलता है। यही मच्छर डेंगू वायरस का प्रसार करते हैं। मच्छर तब संक्रमित हो जाते हैं जब वे पहले से ही वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। यह TTD नहीं है। अतः 1 सही नहीं है। 

अतः विकल्प (b) सही है। 

स्रोत: डाउन टू अर्थ  

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