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काउंटर-ड्रोन प्रौद्योगिकी और UAV विकास

  • 10 Jan 2024
  • 5 min read

स्रोत: द हिंदू 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने एक व्यापक काउंटर-ड्रोन प्रणाली विकसित करने में उपलब्धि हासिल की है और साथ ही हाई-इंड्यूरेंस  अनमैन्ड एरियल व्हीकल (Unmanned Aerial Vehicles- UAV) की उन्नति पर ध्यान केंद्रित किया है।

काउंटर-ड्रोन प्रौद्योगिकी और UAV से संबंधित हालिया विकास क्या हैं? 

  • काउंटर-ड्रोन प्रौद्योगिकी विकास:
    • DRDO ने ड्रोन का पता लगाने, पहचान करने तथा उसे निष्क्रिय करने के लिये एक व्यापक एंटी-ड्रोन प्रणाली विकसित की है।
      • यह तकनीक माइक्रो ड्रोन सहित सभी प्रकार के ड्रोनों के हमलों, सॉफ्ट किल तथा हार्ड किल का मुकाबला करने में सक्षम है।
    • बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिये उक्त प्रौद्योगिकी को BEL, L&T एवं Icom जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साझा किया गया है।
  • UAV विकास:
    • तपस MALE UAV: आसूचना, निगरानी, लक्ष्य प्राप्ति तथा आवीक्षण (Intelligence, Surveillance, Target Acquisition, and Reconnaissance- ISTAR) अनुप्रयोगों के लिये विकसित तपस मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (Medium Altitude Long Endurance- MALE) UAV विकासात्मक परीक्षणों के एक उन्नत चरण में है।
      • स्वदेशी बैटरी प्रबंधन प्रणाली के साथ लिथियम आयन-आधारित बैटरी को DRDO ने एक निजी विक्रेता के सहयोग से विकसित किया है तथा इसका उपयोग तपस UAV पर किया जा रहा है।
    • आर्चर UAV: आवीक्षण, निगरानी तथा कम चिंताजनक संघर्ष वाली स्थिति के लिये शॉर्ट रेंज आर्म्ड UAV आर्चर का विकास किया जा रहा है जिसका उड़ान परीक्षण कार्य प्रगति में हैं।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन क्या है? 

  • परिचय: DRDO, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की R&D विंग है, जिसका लक्ष्य अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ भारत को सशक्त बनाना और महत्त्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
    • मूल सिद्धांत: "बलस्य मूलं विज्ञानं" (विज्ञान शक्ति का स्रोत है।)
  • स्थापना: भारतीय सेना और तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय के मौजूदा प्रतिष्ठानों को सम्मिलित कर वर्ष 1958 में स्थापित किया गया।
  • महत्त्वपूर्ण योगदान: अग्नि और पृथ्वी शृंखला की मिसाइलें, तेजस (हल्के लड़ाकू विमान), पिनाक (मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर), आकाश (वायु रक्षा प्रणाली), रडार तथा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली जैसे रणनीतिक सिस्टम एवं प्लेटफॉर्म विकसित किये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

Q1. कभी-कभी समाचार में उल्लिखित "टर्मिनल हाई ऑल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)" क्या है? (2018)

(a) इज़रायल की एक रडार प्रणाली
(b) भारत का घरेलू मिसाइल-प्रतिरोधी कार्यक्रम
(c) अमेरिकी मिसाइल-प्रतिरोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक रक्षा सहयोग

उत्तर: c


Q2. अग्नि-IV प्रक्षेपास्त्र के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)

  1. यह धरातल-से धरातल तक मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
  2. इसे केवल द्रव नोदक ईंधन के रूप में इस्तेमाल होता है।
  3. यह एक-टन नाभिकीय वारहेड को 7,500 किमी. दूरी तक फेंक सकता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

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