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चिल्का झील: ओडिशा

  • 06 Jan 2022
  • 3 min read

चिल्का झील में किये गए जलपक्षी स्थिति सर्वेक्षण-2022 के अनुसार, लगभग 11 लाख जलपक्षी और आर्द्रभूमि पर निर्भर अन्य प्रजातियाँ इस झील की तरफ आईं।

  • चिल्का झील भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित सबसे बड़ी खारे पानी की झील और शीत ऋतु के दौरान पक्षियों के आगमन हेतु सबसे बड़ा स्थान है।

Chilika-Lake

प्रमुख बिंदु

  • चिल्का झील के विषय में:
    • चिल्का एशिया का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा लैगून है।
    • शीतकाल के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने वाला सबसे बड़ा मैदान होने के साथ ही यह पौधों और जानवरों की कई संकटग्रस्त प्रजातियों का निवास स्थान है।
    • वर्ष 1981 में चिल्का झील को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का पहला भारतीय आर्द्रभूमि नामित किया गया था।
    • चिल्का में प्रमुख आकर्षण इरावदी डॉलफिन (Irrawaddy Dolphins) हैं जिन्हें अक्सर सातपाड़ा द्वीप के पास देखा जाता है।
    • लैगून क्षेत्र में लगभग 16 वर्ग किमी. में फैला नलबाना द्वीप (फारेस्ट ऑफ रीडस) को वर्ष 1987 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था।
    • कालिजई मंदिर- यह मंदिर चिल्का झील में एक द्वीप पर स्थित है।
    • चिल्का झील कैस्पियन सागर, बैकाल झील, अरल सागर, रूस के सुदूर हिस्सों, मंगोलिया के किर्गिज़ स्टेप्स, मध्य और दक्षिण-पूर्व एशिया, लद्दाख तथा हिमालय से हज़ारों मील दूर प्रवास करने वाले पक्षियों की मेज़बानी करती है।
    • यहाँ मौजूद विशाल मिट्टी के मैदान और प्रचुर मात्रा में मछली भंडार, पक्षियों के लिये उपयुक्त हैं।
  • भारत में प्रवासी प्रजातियाँ:
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