प्रारंभिक परीक्षा
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो और भारत का विमानन क्षेत्र
- 16 Jun 2025
- 7 min read
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
चर्चा में क्यों?
नागर विमानन मंत्रालय के अधीन नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं’ का हवाला देते हुए भारत के प्रमुख हवाई अड्डों पर परिचालन कर रही तुर्की की हवाई अड्डा ग्राउंड-हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एविएशन का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
- यह कार्रवाई उस समय कपश्चात् जब तुर्की ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा संचालित ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का समर्थन किया।
नागर विमानन लाइसेंस हेतु विधिक ढाँचा
- भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024 के अंतर्गत बनाए गए विमान नियम, 1937 के नियम 92 के अनुसार ग्राउंड-हैंडलिंग एजेंसियों के लिये सरकारी स्वीकृति अनिवार्य है।
- विमान सुरक्षा नियम, 2022 (नियम 11 एवं 12) के तहत नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के महानिदेशक अनुपालन या राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं के आधार पर इस स्वीकृति को निलंबित या रद्द कर सकते हैं।
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) क्या है?
- परिचय: BCAS भारत में नागर विमानन सुरक्षा के लिये राष्ट्रीय नियामक संस्था है, जिसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है और इसका नेतृत्व पुलिस महानिदेशक स्तर का अधिकारी करता है।
- स्थापना: इसे मूल रूप से जनवरी 1978 में पांडे समिति की सिफारिशों के पश्चात् नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के अंतर्गत एक प्रकोष्ठ के रूप में स्थापित किया गया था। बाद में वर्ष 1987 में इसे नागर विमानन मंत्रालय के अधीन एक स्वतंत्र विभाग के रूप में पुनर्गठित किया गया।
- DGCA भारत से, भारत में और भारत के लिये वायु परिवहन सेवाओं का नियमन करता है। साथ ही यह नागर विमानन नियमों, वायु सुरक्षा तथा वायुयान उपयुक्तता मानकों को लागू करता है।
- प्रमुख कार्य: यह अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) के शिकागो कन्वेंशन के अनुलग्नक 17 के अनुरूप विमानन सुरक्षा मानक निर्धारित करता है, कार्यान्वयन तथा प्रशिक्षण की देख-रेख करता है । हवाई अड्डों पर तैयारी एवं सतर्कता सुनिश्चित करने के लिये औचक निरीक्षण और मॉक ड्रिल आयोजित करता है।
ICAO एवं शिकागो कन्वेंशन क्या है?
- अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) एक विशेष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1944 में शिकागो कन्वेंशन द्वारा वैश्विक नागरिक विमानन को विनियमित करने के लिये की गई थी।
- यह वायु परिवहन के सुरक्षित, संरक्षित, कुशल एवं पर्यावरणीय रूप से सतत् विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय मानक और प्रक्रियाएँ निर्धारित करता है।
- यह कन्वेंशन हवाई क्षेत्र की संप्रभुता, विमान पंजीकरण, सुरक्षा से संबंधित नियमों को परिभाषित करता है तथा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिये 5 मुख्य हवाई स्वतंत्रताएँ (बाद में बढ़ाकर 9 कर दी गईं) प्रदान करता है।
- इसमें विमानन ईंधन पर कर छूट का भी प्रावधान है।
- ICAO का मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है तथा भारत इसके 193 सदस्य देशों में से एक है।
विमानन उद्योग से संबंधित प्रमुख पहल क्या हैं?
- राष्ट्रीय नागर विमानन नीति, 2016
- क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान)
- FDI नीति: हवाई परिवहन और रखरखाव, मरम्मत एवं ओवरहाल (MRO) जैसे विमानन क्षेत्रों में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति है।
- बुनियादी अवसरंचना का आधुनिकीकरण: परिचालन दक्षता तथा यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिये डिजी यात्रा और NABH निर्माण।
- स्थायित्व प्रयास: दिल्ली एवं मुंबई जैसे हवाई अड्डों ने लेवल 4+ कार्बन मान्यता प्राप्त की और 73 हवाई अड्डे सौर ऊर्जा के साथ पूरी तरह से हरित ऊर्जा का उपयोग करते हैं तथा नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे शुद्ध-शून्य उत्सर्जन को प्राथमिकता देते हैं।
भारत के विमानन क्षेत्र की स्थिति क्या है?
- अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाज़ार है, जो दक्षिण एशिया के एयरलाइन यातायात का 69% हिस्सा है तथा अनुमान है कि वर्ष 2030 तक यह वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा हवाई यात्री बाज़ार बन जाएगा।
- वित्त वर्ष 2024-2025 (सितंबर 2024 तक) तक कुल यात्री यातायात 196.91 मिलियन था। यह क्षेत्र सीधे तौर पर 369,700 लोगों को रोज़गार देता है, जो 5.6 बिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान देता है और पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों सहित 7.7 मिलियन नौकरियों तथा 53.6 बिलियन अमरीकी डॉलर (GDP का 1.5%) का समर्थन करता है।
- परिचालन हवाई अड्डों की संख्या 74 (2014) से बढ़कर 157 (2024) हो गई है तथा वर्ष 2047 तक इनकी संख्या 350-400 करने का लक्ष्य है।
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