रैपिड फायर
वायुसेना मार्शल अर्जन सिंह की जयंती
- 01 May 2025
- 3 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह की 106वीं जयंती दिल्ली के आस्था वृद्धाश्रम में उनकी आवक्ष प्रतिमा (पत्थर की प्रतिमा) के अनावरण के साथ मनाई गई।
वायुसेना मार्शल अर्जन सिंह
- उनका जन्म 1919 में लायलपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था, उन्हें वर्ष 1939 में रॉयल इंडियन एयर फोर्स में नियुक्त किया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा अभियान में उनकी भूमिका के लिये उन्हें विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस (DFC) से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1964 में 44 वर्ष की आयु में उन्होंने वायु सेना प्रमुख का पद ग्रहण किया।
- वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान, उनके निर्णायक नेतृत्व के परिणामस्वरूप भारतीय वायुसेना द्वारा अखनूर में हुए पाकिस्तान के आक्रमण का कुछ ही समय में प्रतिरोध कर उसका दमन करने में सफलता मिली, जिसके लिये उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 2002 में, वह वायुसेना के मार्शल की फाइव स्टार रैंक से सम्मानित होने वाले एकमात्र भारतीय वायुसेना अधिकारी बने।
- सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने दिल्ली के राजदूत और उपराज्यपाल के रूप में कार्य किया।
भारतीय सशस्त्र बलों में फाइव स्टार रैंक
- भारतीय सशस्त्र बलों में फाइव स्टार रैंक- फील्ड मार्शल (थल सेना), मार्शल ऑफ द एयर फोर्स (वायु सेना), और एडमिरल ऑफ द फ्लीट (नौसेना) सर्वोच्च सैन्य सम्मान का प्रतिनिधित्व करते हैं और विशिष्ट सेवा के लिये प्रदान किये जाते हैं।
- ये रैंक अत्यंत दुर्लभ अथवा विशिष्ट स्थितयों में ही प्रदान किये जाते हैं और इन्हें अधिकारियों के संपूर्ण जीवनकाल के लिये बरकरार रखा जाता है, तथा अधिकारियों को मृत्यु तक सेवारत कार्मिक माना जाता है ।
- फील्ड मार्शल का पद केवल के.एम. करिअप्पा और सैम मानेकशॉ को दिया गया है, जबकि एडमिरल ऑफ द फ्लीट अभी तक किसी को प्रदान नहीं किया गया है।
और पढ़ें: रक्षा भर्ती में सुधार