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CITES के 50 वर्ष

  • 04 Jul 2025
  • 7 min read

स्रोत: संयुक्त राष्ट्र

चर्चा में क्यों? 

वन्य जीव और वनस्पति की संकटग्रस्त प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) ने 1 जुलाई 2025 को अपने 50 वर्ष पूरे किये।

नोट: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने CITES पर हस्ताक्षर की वर्षगांठ के अवसर पर वर्ष 2013 में 3 मार्च को संयुक्त राष्ट्र विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में घोषित किया।

CITES क्या है?

  • परिचय: CITES, जिसे वॉशिंगटन कन्वेंशन के नाम से भी जाना जाता है, पर 3 मार्च 1973 को विश्व वन्यजीव सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये गए थे और यह 1 जुलाई 1975 को लागू हुआ। इसे वर्ष 1963 में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा पारित एक प्रस्ताव के आधार पर तैयार किया गया था, जिसका उद्देश्य वन्यजीव व्यापार को नियंत्रित करना था।
    • यह कन्वेंशन अब 185 पक्षों (Parties) तक पहुँच चुका है, जिसमें भारत (जो वर्ष 1976 से सदस्य है) और यूरोपीय संघ भी शामिल हैं।
    • जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा प्रशासित  CITES, जीवित प्रजातियाँ और वन्यजीव-व्युत्पन्न उत्पादों सहित वन्य जीवों और वनस्पतियों की 40,000 से अधिक प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है।
    • इस संधि का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसा व्यापार सतत्, वैध और अनुरेखण योग्य हो, जिससे जैव विविधता, स्थानीय आजीविका तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाएँ संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के अनुरूप सुरक्षित व समर्थित रहें।
  • कार्य प्रणाली: CITES निर्यात, आयात, पुनः निर्यात और समुद्री मार्ग से प्रवेश के लिये परमिट के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है। प्रत्येक सदस्य देश व्यापार के लाइसेंस और संरक्षण संबंधी परामर्श की निगरानी के लिये प्रबंधन प्राधिकरण तथा वैज्ञानिक प्राधिकरण नियुक्त करता है।
    • परिशिष्ट प्रणाली:
      • परिशिष्ट-I: ऐसी प्रजातियाँ जिनके विलुप्ति होने का खतरा हैं। इनका व्यापार अत्यधिक प्रतिबंधित है।
      • परिशिष्ट II: ऐसी प्रजातियाँ जो वर्तमान में संकटग्रस्त नहीं हैं, लेकिन यदि व्यापार नियंत्रित न किया जाए तो वे संकट में आ सकती हैं।
      • परिशिष्ट-III: वे प्रजातियाँ जो कम-से-कम एक देश द्वारा संरक्षित हैं और जिनके व्यापार को नियंत्रित करने के लिये सहयोग की आवश्यकता होती है। 
    • परिशिष्ट-I और II में परिवर्तन का निर्णय पक्षकारों के सम्मेलन (Conference of the Parties : COP) द्वारा किया जाता है, जबकि परिशिष्ट III में व्यक्तिगत पक्षकारों द्वारा एकतरफा संशोधन किया जा सकता है।
  • महत्त्व: वन्यजीव व्यापार एक अरबों डॉलर का वैश्विक उद्योग है, और इस व्यापार का अनियमित स्वरूप, आवासीय क्षति के साथ मिलकर, अनेक प्रजातियों के विलुप्त होने का गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
    • CITES को सबसे प्रभावी पर्यावरणीय समझौतों में से एक माना जाता है, जिसे CITES व्यापार डेटाबेस (कानूनी वन्यजीव व्यापार पर एक वैश्विक संदर्भ) जैसी प्रणालियों तथा प्रवर्तन एवं वैध अधिग्रहण हेतु स्पष्ट दिशानिर्देशों द्वारा समर्थित किया गया है।
      • इसने अफ्रीकी हाथियों, पैंगोलिनों और मगरमच्छों जैसी गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी (MIKE) कार्यक्रम जैसी पहलों ने अफ्रीका और एशिया में अवैध शिकार को काफी हद तक कम कर दिया है। 
    • CITES परिशिष्टों में सूचीबद्ध सभी प्रजातियाँ अब वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2022 की अनुसूची IV में शामिल हैं, जो CITES के साथ भारत के मज़बूत सहयोग को दर्शाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र और CITES: CITES, अन्य संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं के कार्यों का पूरक है, जैसे कि मत्स्य प्रबंधन में सुधार हेतु खाद्य और कृषि संगठन (FAO), एशिया और प्रशांत के लिये आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (ESCAP) के साथ क्षमता निर्माण और तकनीकी सहयोग, तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के साथ युवाओं पर केंद्रित पहलों में सहभागिता।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रश्न. प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिये अन्तर्राष्ट्रीय संघ (इंटरनैशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर ऐंड नेचुरल रिसोर्सेज़) (IUCN) तथा वन्य प्राणिजात एवं वनस्पतिजात की संकटापन्न स्पीशीज़ के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (कन्वेशन ऑन इंटरनैशनल ट्रेड इन एन्डेंजर्ड स्पीशीज़ ऑफ वाइल्ड फॉना ऐंड फ्लोरा) (CITES) के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2015)

  1. IUCN संयुक्त राष्ट्र (UN) का एक अंग है तथा CITES सरकारों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय करार है।
  2. IUCN, प्राकृतिक पर्यावरण के बेहतर प्रबन्धन के लिये, विश्व भर में हज़ारों क्षेत्र-परियोजनाएँ चलाता है।
  3. CITES उन राज्यों पर वैध रूप से आबद्धकर है जो इसमें शामिल हुए हैं, लेकिन यह कन्वेंशन राष्ट्रीय विधियों का स्थान नहीं लेता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

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