इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

ONDC एवं इसकी क्षमता

  • 15 May 2023
  • 11 min read

यह एडिटोरियल 11/05/2023 को ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित ‘‘ONDC has potential to dilute market concentration’’ लेख पर आधारित है। इसमें भारत के सरकार-समर्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (ONDC) के बारे में चर्चा की गई है और इसकी क्षमता एवं चुनौतियों पर विचार किया गया है।

संदर्भ

ई-कॉमर्स को अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के सरकार के प्रयास खाद्य वितरण सेवाओं में प्रभाव दिखाने लगे हैं। ग्राहक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC)—जो इंटरकनेक्टेड ई-मार्केटप्लेस का एक नेटवर्क सृजित करता है और छोटे स्टोर-मालिकों के लिये ऑनलाइन मांग को दायरे में लेना आसान बनाता है, के उपयोग से ऑनलाइन ऐप्स पर प्रेषित ऑर्डर में उल्लेखनीय मूल्य अंतर की रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

यह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI)—वह अवसंरचना जिसके आधार पर देश में डिजिटल लेनदेन में तेज़ी से वृद्धि हो रही है, की ही तरह एक ‘गेम-चेंजर’ सिद्ध हो सकता है।

ONDC क्या है?

  • परिचय:
    • इसे ‘डिजिटल इंडिया’ पर बल के एक भाग के रूप में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के तहत वर्ष 2021 के अंत में लॉन्च किया गया था ।
    • ONDC इंटरकनेक्टेड ई-मार्केटप्लेस के एक नेटवर्क के रूप में कार्य करता है, जिसके माध्यम से विक्रेता (जिनमें ब्रांड भी शामिल हैं) किसी बिचौलिये या मध्यस्थ को दरकिनार करते हुए अपने उत्पादों को सूचीबद्ध और ग्राहकों को प्रत्यक्ष बिक्री कर सकते हैं।
    • ONDC फूड डिलीवरी के साथ-साथ किराना वस्तुओं, घर साज-सज्जा की वस्तुओं, सफ़ाई संबंधी आवश्यक उत्पाद और अन्य उत्पादों के लिये भी डिलीवरी सेवाएँ प्रदान करता है।
  • उद्देश्य:
    • ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण और विकेंद्रीकरण
    • विक्रेताओं, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के साथ-साथ स्थानीय व्यवसायों के लिये समावेशिता और पहुँच सुनिश्चित करना
    • उपभोक्ताओं के लिये विकल्प/चयन की वृद्धि और स्वतंत्रता
    • वस्तुओं और सेवाओं को सस्ता बनाना
  • कार्यकरण तंत्र: ONDC एक ओपन नेटवर्क के आधार पर कार्य करता है जहाँ यह अमेज़ॅन या फ्लिपकार्ट के समान कोई एकल मंच नहीं होगा, बल्कि एक प्रवेश द्वार या ‘गेटवे’ के रूप में होगा जहाँ विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर क्रेता एवं विक्रेता जुड़ सकेंगे।

Seller-ONDC

ONDC के संभावित लाभ

  • पारदर्शिता की वृद्धि: ONDC सरकारी डेटा को जनता के लिये अधिक सुलभ बनाकर अधिक पारदर्शिता प्रदान कर सकता है। यह भरोसा और जवाबदेही बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • ग्राहक पसंद/विकल्प की वृद्धि: ONDC में उपभोक्ताओं की पसंद में वृद्धि करने और प्रवेश बाधाओं को कम करने के रूप में बाज़ार की एकाग्रता को कम करने की क्षमता है।
  • नवाचार: ONDC उद्यमियों और शोधकर्ताओं को सरकारी डेटा तक पहुँच प्रदान कर नवाचार को बढ़ावा दे सकता है। इससे समाज को लाभ पहुँचाने वाले नए उत्पादों और सेवाओं का विकास हो सकता है।
  • लागत बचतः ONDC प्रयास के दोहराव को कम करके और संसाधनों के अधिक कुशल उपयोग को सक्षम करके धन की बचत कर सकता है।
    • ONDC के माध्यम से फ़ूड डिलीवरी के लिये प्लेटफॉर्म शुल्क बाज़ार प्रतिनिधियों द्वारा अधिरोपित शुल्क के लगभग पाँचवें अंश के बराबर है। इस प्रकार, यह मध्यस्थता की लागत में पर्याप्त कमी को इंगित करता है।
  • उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा: मौजूदा ई-कॉमर्स मंचों के आधिपत्य को तोड़कर ONDC उपभोक्ताओं को व्यापक लाभ पहुँचा सकता है।
  • सबके लिये समान अवसर: ONDC ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिये एक समान अवसर प्रदान करने और देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों तथा छोटे व्यापारियों के लिये डिजिटल मार्केट पहुँच को व्यापक बनाने की मंशा रखता है।
  • तटस्थ और विनियमित प्लेटफॉर्म: ONDC ओपन-सोर्स कार्यप्रणाली पर विकसित ओपन नेटवर्क को बढ़ावा देने पर लक्षित है, जहाँ खुले विनिर्देशों एवं नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है और यह किसी भी विशिष्ट प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र है।

ONDC

आगे की चुनौतियाँ

  • जटिलता: UPI जैसी अन्य प्रणालियों की तुलना में ONDC एक जटिल तंत्र है। लोगों को UPI की सुविधा आकर्षक लगी जिससे उन्होंने इसे अपनाया। आवश्यक नहीं है कि ONDC के लिये भी सत्य साबित हो।
    • लोग पहले से ही मौजूदा कंपनियों के यूज़र इंटरफेस के आदी हो चुके हैं।
  • विवादों में वृद्धि: ONDC में केवल क्रय एवं विक्रय की प्रक्रिया ही ऑनलाइन होती है, जबकि उत्पाद की डिलीवरी और इसका उपयोग ऑफ़लाइन माध्यम में संपन्न होता है। इससे विवाद बढ़ ही सकते हैं क्योंकि ONDC कोई मध्यस्थ मंच नहीं है।
  • एक सुदृढ़ शिकायत निवारण तंत्र का अभाव: ग्राहक सेवा और शिकायतों के प्रबंधन के संबंध में उत्तरदायित्व पर स्पष्टता की कमी लोगों को मंच से जुड़ने से हतोत्साहित कर सकती है।
  • ग्राहकों को आकर्षित करना आसान नहीं: पहले से मौजूद ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपनी आकर्षक और इंटरऑपरेबल सेवाओं के माध्यम से उपभोक्ताओं के साथ मज़बूत संबंध कायम किये हैं। जैसे, अमेज़ॅन प्राइम मेंबरशिप के साथ अपना स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म भी मुहैया कराता है।
    • ऐसे में ONDC के लिये ग्राहकों को आकर्षित करना आसान नहीं होगा।
  • वस्तु और सेवाओं का वास्तविक रूप से सस्ता नहीं होना: चूँकि ONDC क्रेताओं एवं विक्रेताओं के बीच व्यापार का मात्र एक सूत्रधार या सुगमकर्ता है, इसलिये वह पहले से मौजूद खिलाड़ियों की तरह उत्पादों की पेशकश करने में सक्षम नहीं भी हो सकता है। उदाहरण के लिये, अमेज़ॅन ने आईसीआईसीआई बैंक के साथ अमेज़ॅन आईसीआईसीआई क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सामान खरीद पर 5% कैशबैक प्रदान करने का एक करार किया है।

आगे की राह

  • प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ प्रतिस्पर्द्धा कर सकने के लिये सरकार द्वारा ई-कॉमर्स के बेहतर डिजिटल स्पेस का निर्माण किया जाना चाहिये।
    • इसके साथ ही , एक उचित डिजिटल शिक्षा नीति का निर्माण करना महत्त्वपूर्ण है, जो उपभोक्ताओं के साथ-साथ विक्रेताओं के लाभ के लिये विभिन्न भाषाओं एवं उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस को ध्यान में रखे।
  • किराना स्टोर जैसे छोटे विक्रेताओं को प्लेटफॉर्म पर लाने के लिये एक वृहत और पर्याप्त रूप से वित्तपोषित अंगीकरण अभियान की आवश्यकता होगी ।
  • मांग और आपूर्ति पक्षों को एक सुरक्षित सिंगल विंडो तक पहुँचने में सक्षम होना चाहिये ताकि सूचना विषमता, अपारदर्शी मूल्य निर्धारण, गुणवत्ता संबंधी चिंताओं और क्रेता-विक्रेता विवाद जैसे मुद्दों को हल किया जा सके।
  • उपयुक्त शिकायत निवारण तंत्र: सूचना विषमता, अपारदर्शी मूल्य निर्धारण, गुणवत्ता एवं उत्पाद संबंधी चिंताओं और क्रेता-विक्रेता विवाद जैसी मांग एवं आपूर्ति दोनों पक्षों से संबद्ध समस्याओं से निपटने के लिये एक सुरक्षित एकल खिड़की होनी चाहिये।

अभ्यास प्रश्न: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा हाल ही में लॉन्च किये गए ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (ONDC) में भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में क्रांति लाने की अपार क्षमता है। इस परिप्रेक्ष्य में, इस प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने में विद्यमान चुनौतियों की चर्चा करें और आगे की राह सुझाएँ।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQ)  

 प्र. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (वर्ष 2022)

  1. आरोग्य सेतु
  2. कोविन
  3. डिजिटल लॉकर
  4. दीक्षा

उपर्युक्त में से कौन सा ओपन-सोर्स डिजिटल प्लेटफॉर्म के शीर्ष पर बनाया गया है?

 (A) केवल 1 और 2
 (B) केवल 2, 3 और 4
 (C) केवल 1, 3 और 4
 (D) 1, 2, 3 और 4

 उत्तर: (D)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2