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भारतीय अर्थव्यवस्था

विंग्स इंडिया 2022

  • 23 Mar 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विंग्स इंडिया 2022, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI)।

मेन्स के लिये:

अवसंरचना, इंडियन एविएशन मार्केट।

चर्चा में क्यों?

नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) तथा भारतीय वाणिज्‍य एवं उद्योग महासंघ (Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry- FICCI) द्वारा संयुक्त रूप से 24 से 27 मार्च, 2022 तक बेगमपेट एयरपोर्ट, हैदराबाद में विंग्स इंडिया 2022 का आयोजन किया जाएगा।

  • यह नागरिक उड्डयन (वाणिज्यिक, सामान्य और व्यावसायिक उड्डयन) पर एशिया का सबसे बड़ा आयोजन है।

विंग्स इंडिया 2022 का उद्देश्य:

  • यह भारत की देश को विश्व के शीर्ष उड्डयन केंद्र में बदलने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
  • इसका उद्देश्य नए व्यापार अधिग्रहण, निवेश, नीति निर्माण और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए तेज़ी से बदलती गतिशीलता के लिये एक अनुकूल मंच प्रदान करना है।
  • यह उड्डयन के लिये वांछित और पुनर्गठित केंद्रित मंच प्रदान करेगा तथा 'विंग्स इंडिया 2022' पर खरीदारों, विक्रेताओं, निवेशकों और अन्य हितधारकों को जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारतीय नागरिक उड्डयन बाज़ार की मुख्य विशेषताएँ:

  • उड्डयन क्षेत्र: भारत का नागरिक उड्डयन विश्व स्तर पर सबसे तेज़ी से बढ़ते विमानन बाज़ारों में से एक है और यह वर्ष 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का एक प्रमुख विकास इंजन होगा।
  • यात्री यातायात: घरेलू हवाई यात्री यातायात का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाज़ार जो वित्त वर्ष 2015 में 274.05 मिलियन था। यह वित्तीय वर्ष 2016-2020 के दौरान 12.91% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा।
  • हवाई अड्डे: भारत में नागरिक उड्डयन के 75 वर्षों में 75 हवाई अड्डे खोले गए, जबकि उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) के तत्त्वावधान में 3 वर्षों के भीतर 76 अनारक्षित/20 कम सेवा वाले हवाई अड्डों, 31 हेलीपोर्ट और 10 वाटर एयरोड्रोम को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये काम शुरू किया गया है।
  • फ्लीट स्ट्रेंथ: निजी अनुसूचित एयरलाइन्स की योजना अगले 5 वर्षों में 900 से अधिक विमान जोड़ने की है
  • ग्रीन एयरस्पेस के प्रति प्रतिबद्धता: विमानन कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने के लिये अपनाई गई व्यापक नियामक नीतियाँ और रणनीतियाँ।
  • परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित करना: यात्री शिकायतों के निवारण के लिये व्यवस्थित दृष्टिकोण शामिल करना और पूरे सिस्टम में परिचालन क्षमता सुधार करना।

भारतीय विमानन बाज़ार के तहत अवसर:

  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं और रखरखाव, मरम्मत सेवाओं (MRO) और ग्रीन एंड ब्राउनफील्ड दोनों परियोजनाओं के लिये स्वचालित मार्ग के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है।
  • विकास/वृद्धि का दायरा: भारतीय नागरिक उड्डयन MRO बाज़ार वर्तमान में लगभग 900 मिलियन अमेरिकी डाॅलर का है और वर्ष 2025 तक लगभग 14-15% CAGR से बढ़कर 4.33 बिलियन अमेरिकी डाॅलर तक बढ़ने का अनुमान है।
    • वर्ष 2038 तक देश के हवाई जहाज़ के बेड़े का आकार चौगुना होकर लगभग 2500 हवाई जहाज़ों तक पँहुंचने का अनुमान है।
  • नए हवाई अड्डों को जोड़ना: सरकार का लक्ष्य वर्ष 2024 तक (उड़ान योजना के तहत) 100 हवाई अड्डों का विकास करना है और वैश्विक मानकों के अनुरूप विश्व स्तरीय नागरिक उड्डयन बुनियादी ढांँचा तैयार करना है।

उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान):

  • यह देश के क्षेत्रीय पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ाने में योगदान देने वाले बंद या कम संचालित हवाई अड्डों को जोड़ने हेतु विश्व की पहली सस्ती कीमतों पर आधारित क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना है।
  • वांछित संचालन शुरू होने के साथ भारतीय विमानन क्षेत्र टियर-1 और टियर-2 शहरों में संचालित वाणिज्यिक मार्गों पर स्पिलओवर ट्रैफिक के लिये लेखांकन के बिना तेज़ी से बढ़ेगा।
  • UDAN योजना को सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने हेतु वर्षों से विकसित किया गया है।
    • UDAN 2.0 में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और हेलीकॉप्टर संचालन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
    • UDAN 3.0 सी-प्लेन मार्गों को शामिल करने पर आधारित है।
    • UDAN 4.0 देश के दूरस्थ एवं क्षेत्रीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को और अधिक बढ़ाने के लिये।
  • कोविड-19 महामारी के आगमन के साथ ‘लाइफलाइन उड़ान’ की परिकल्पना भारत को महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहायता करने के लिये की गई थी।
  • यह योजना समग्र रूप से अर्थव्यवस्था को लाभ पहुँचा रही है और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा दे रही है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण

  • भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया था और यह 01 अप्रैल, 1995 को तत्कालीन राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण एवं भारतीय अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के विलय के कारण अस्तित्व में आया था।
  • इस विलय के कारण एक ऐसा एकल संगठन अस्तित्व में आया, जिसे देश में ज़मीन और हवाई क्षेत्र दोनों में नागरिक उड्डयन बुनियादी अवसंरचना के निर्माण, उन्नयन, रखरखाव एवं प्रबंधन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI):

  • FICCI भारतीय व्यापार और उद्योग का सबसे बड़ा और सबसे पुराना शीर्ष संगठन है, जो भारत में मुक्त उद्यमों के लिये एक विशेष बिंदु है। इसकी स्थापना वर्ष 1927 में हुई थी।
  • 1500 से अधिक कॉरपोरेट्स और 500 से अधिक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एवं बिज़नेस एसोसिएशन की राष्ट्रव्यापी सदस्यता के साथ FICCI 2,50,000 से अधिक व्यावसायिक इकाइयों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नेतृत्त्व करता है।
  • FICCI व्यापार को बढ़ावा देने के लिये बड़ी संख्या में कार्यक्रम आयोजित करता है जिसमें प्रदर्शनी, सम्मेलन, सेमिनार, व्यापार बैठक आदि शामिल हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.

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