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भारतीय अर्थव्यवस्था

वर्चुअल ग्लोबल इनवेस्टर राउंडटेबल

  • 06 Nov 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष

मेन्स के लिये:

देश में निवेश हेतु भारत सरकार के प्रयास 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री ने देश में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘वर्चुअल ग्लोबल इन्वेस्टर राउंडटेबल’ (Virtual Global Investor Roundtable- VGIR) की अध्यक्षता की। 

प्रमुख बिंदु:

  • VGIR प्रमुख वैश्विक संस्थागत निवेशकों, भारतीय उद्योगपतियों और भारत सरकार एवं वित्तीय बाज़ार नियामकों के शीर्ष नीति निर्धारकों के बीच एक विशेष वार्ता प्रक्रिया है। 
  • इसका आयोजन भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (National Investment and Infrastructure Fund- NIIF) ने संयुक्त रूप से किया था। 
  • इस वार्ता प्रक्रिया में भारत में आर्थिक एवं निवेश के दृष्टिकोण से संरचनात्मक सुधारों को गति देने और वर्ष 2024-25 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के बारे में चर्चा की गई।

विशेषताएँ:

राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष

(National Investment and Infrastructure Fund- NIIF):

  • राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) देश में अवसंरचना क्षेत्र की वित्तीय समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करने वाला और वित्तपोषण सुनिश्चित करने वाला भारत सरकार द्वारा निर्मित  एक कोष है।
  • NIIF की स्थापना 40,000 करोड़ रुपए की मूल राशि के साथ की गई थी, जिसमें आंशिक वित्तपोषण निजी निवेशकों द्वारा किया गया था।
  • इसका उद्देश्य अवसंरचना परियोजनाओं का वित्तपोषण करना है, जिसमें अटकी हुई परियोजनाएँ शामिल हैं।
  • NIIF में 49% हिस्सेदारी भारत सरकार की है तथा शेष हिस्सेदारी विदेशी और घरेलू निवेशकों की है।
  • केंद्र की अति महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी के साथ NIIF को भारत का अर्द्ध-संप्रभु धन कोष माना जाता है।
  • अपने तीन फंडों- मास्टर फंड, फंड ऑफ फंड्स और स्ट्रैटेजिक फंड से परे यह 3 बिलियन डॉलर से अधिक की पूंजी का प्रबंधन करता है।
  • इसका पंजीकृत कार्यालय नई दिल्ली में है।

स्रोत: पीआईबी

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