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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

थर्ड हैण्ड स्मोक से शिशुओं को नुकसान

  • 04 Feb 2017
  • 3 min read

पृष्ठभूमि

धूम्रपान से कैंसर होने का प्रत्यक्ष प्रमाण वर्ष 1950 में प्रकाश में आया था | इसके दशकों बाद इस बात का खुलासा हुआ कि सेकंड हैण्ड स्मोक भी स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचता है और अब इसी श्रृंखला  में वैज्ञानिकों ने थर्ड हैण्ड स्मोक (”third-hand" smoke -THS) के विषय में स्पष्ट चेतावनी जारी की है| 

प्रमुख बिंदु

  • वैज्ञानिकों के अनुसार, तम्बाकू के कश (puffing) से एक चिपचिपा अवक्षेप  निकलता है जो दीवारों और फर्नीचर को जकड़ लेता है, इसे ही थर्ड हैण्ड स्मोक कहा जाता है|
  • नेचर जर्नल साइंस की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया  कि चूहों के इस विषाक्त पदार्थ के संपर्क में आने के कारण उनके शिशुओं का वज़न कम हो जाता है और यह उनके शरीर कि प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी रक्त कोशिकाओं की संख्या में भी परिवर्तन कर देता है| 
  • प्रमाण यह सिद्ध करते हैं कि घर के अंदर की सतहों में दिखने वाला अवक्षेप उतना ही हानिकारक हो सकता है, परन्तु यदि यह ज़्यादा हानिकारक नहीं भी हुआ तब भी  निश्चित तौर पर सेकंड हैण्ड स्मोक के समतुल्य हानिकारक तो होगा ही|
  • अमेरिका और चीन के शोधकर्ताओं ने थर्ड हैण्ड स्मोक के प्रति चूहों के जैविकीय प्रत्युत्तर का परीक्षण प्रयोगात्मक परिस्थितियों (जिन्हें धूम्रपान करने वाले एक व्यक्ति के घर में निर्मित किया गया था) में किया|
  • प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर उन्होंने पाया कि इनसे शिशुओं की सुरक्षा और बचाव को लेकर भय के कई कारण हो सकते हैं जैसे- शिशु उस फर्श एवं कालीन से विषाक्त पदार्थों को उठा सकते थे जिस पर वे लेटते अथवा घूमते (crawl) हैं| इसके अतिरिक्त,  वे उन दीवारों, पर्दों तथा फर्नीचर से भी विषाक्त पदार्थों को उठा सकते है जिन्हें वे सामान्यतः छूते हैं|
  • यह ध्यान देने योग्य है कि विशेषकर छोटे बच्चे संवेदनशील होते हैं जिनमें साँस लेने, अंतर्ग्रहण और त्वचीय सम्पर्क के माध्यम से थर्ड हैण्ड स्मोक विषाक्त पदार्थों से सीधा संपर्क होता सकता है|
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