इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

वर्ष 2020 तक कैंसर के 17.3 लाख नए मामले दर्ज होने की संभावना

  • 04 Feb 2017
  • 5 min read

पृष्ठभूमि

ज्ञातव्य है कि एफएमआरआई की कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क, स्तन, अंडाशय, फेफड़े और मुँह के कैंसर से संबंधित मामलों की संख्या सर्वाधिक है|

  • भारत में कैंसर की व्यापकता और प्रवृत्तियों से संबंधित आँकड़ों के एकत्रीकरण के लिये वर्ष 2013 में कुछ निजी संस्थान स्थापित किये गए थे| 
  • वास्तव में, इन सस्थानों में किये गए पंजीकरण का लक्ष्य प्राधिकरणों को कैंसर का सामने करने के लिए उचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना था |
  • ज्ञातव्य है, कि एफएमआरआई (Fortice Memorial Research institute – FMRI ) की कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क, स्तन, अंडाशय, फेफड़े और मुँह के कैंसर से संबंधित मामलों की संख्या सर्वाधिक है|

प्रमुख बिंदु 

  • भारत में कैंसर की व्यापकता और प्रवृत्तियों से सम्बन्धित आँकड़ों के एकत्रीकरण के लिए वर्ष 2013 में कुछ निजी संस्थान स्थापित किये गए थे| 
  • वास्तव में, इन संस्थानों द्वारा किये गये पंजीकरण का लक्ष्य, कैंसर का सामना करने के लिए प्राधिकरणों को उचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना था|
  • इस पंजीकरण के अंतर्गत एक पूर्व-निर्मित प्रश्नावली (pre-devised questionnaire) शामिल है जो चिकित्सकों द्वारा दर्ज किये हुए सामाजिक-जनसांख्यिकीय कारक, निदान, रोग का नैदानिक विस्तार, अवस्था, उपचार, पूर्वानुमान आदि के आधार पर सूचनाओं को अभिलेखित करती है|
  • तत्पश्चात, इन आँकड़ों की पुष्टि कैंसर पर शोध के लिये अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी (International Agency for Research on Cancer - IARC) के कैंसर पंजीकरणों का अनुसरण करते हुए गुणवत्ता नियंत्रण का उपयोग करके की जाती है|

वर्तमान चुनौतियाँ 

  • उल्लेखनीय है, कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार, भारत में वर्ष 2020 तक कैंसर के 17.3 लाख नये मामले दृष्टिगोचर होंगे जिनमें स्तन, गर्भाशय, ग्रीवा और फेफड़ों के कैंसर के मामलों कि संख्या सर्वाधिक होगी |
  • विदित हो, कि आईसीएमआर ने कैंसर रोगियों की, उम्र के अनुसार और लिंग-आधारित जनसांख्यिकीय प्रोफाइल को स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (National Cancer Registry Program - NCRP) को प्रारंभ किया था |
  • हालाँकि. इसके उपरांत भी जनता और हितधारकों के लिए अद्यतन आंकड़ों की उपलबध्ता में कई चुनौतियाँ विद्यमान हैं |
  • एफएमआरआई के अनुसार भारत में गैर संक्रामक रोगों से 53% मौतें होती हैं जिनमें से 6% मौतें केवल कैंसर के कारण होती हैं|
  • कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम का उद्देश्य आयु, लिंग, भौगोलिक वितरण, कैंसर के प्रकार, कैंसर के स्थान, कैंसर की ग्रेडिंग और अवस्था (आक्रमण और उपापचय की मात्रा का आकलन करने के लिए), प्रबंधन, रुग्ण दर और मृत्यु दर के विषय में आँकड़ों का एकत्रण करना है|
  • फलतः इस तरह के डेटाबेस-  व्यापकता (prevalence) के वार्षिक मानचित्रण, संसाधनों सम्बन्धी भविष्य की योजना, निवारक उपायों के आकलन और रोग के रुझान अपनाने के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं|


निष्कर्ष रूप में, अस्पताल आधारित पंजीकरण के मुख्य स्रोतों में उपचार सुविधाओं से जानकारी जैसे- विकिरण कैंसर विज्ञान (Radiation Oncology), मेडिकल ऑन्कोलॉजी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी क्लीनिक, नैदानिक सेवाओं से जानकारी, रेडियोलॉजी विभाग, इमेजिंग क्लीनिक और चिकित्सकीय सूचनाओं से जानकारी शामिल हैं |

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2