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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

4th साउथ एशियन स्पीकर्स समिट

  • 03 Sep 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मालदीव की राजधानी माले में चौथे ‘साउथ एशियन स्पीकर्स समिट’ (South Asian Speaker's Summit) का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस सम्मेलन में ‘माले घोषणा-पत्र’ (Male Declaration) को अपनाया गया।
  • इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) को प्राप्त करना है।
  • इस सम्मेलन का आयोजन मालदीव की संसद ‘मजलिस’ (Majlis) में किया गया।
  • गौरतलब है कि पहले साउथ एशियन स्पीकर्स समिट का आयोजन बांग्लादेश (वर्ष 2016), दुसरे का भारत (वर्ष 2017), जबकि तीसरे समिट का आयोजन श्रीलंका (वर्ष 2018) में किया गया था।

माले घोषणा-पत्र की प्रतिबद्धताएँ

  • कार्यस्थल पर समानता, समान पारिश्रमिक, युवाओं के लिये रोज़गार का सृजन आदि को प्रोत्साहित करने के लिये सामूहिक रूप से कार्य करने हेतु प्रतिबद्धता।
  • एशिया-प्रशांत क्षेत्र में महिलाओं, बच्चों एवं किशोरों के स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए SDG-2 एवं SDG-3 के लक्ष्यों, कुपोषण व खाद्य सुरक्षा को प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों का सामूहिक रूप से सामना करने हेतु प्रतिबद्धता।
  • पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु क्षेत्रीय एजेंडा को मज़बूत कर अवसरों का समुचित उपयोग करना।

कश्मीर मुद्दा

  • इस सम्मेलन में पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख विभाजन का मुद्दा उठाने का प्रयास किया परंतु इस मांग को खारिज कर दिया गया।
  • इस सम्मेलन में कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक विषय माना गया तथा भारत द्वारा सम्मेलन का राजनीतिकरण किये जाने के पाकिस्तान के प्रयास का विरोध किया गया।

भारत का पक्ष

  • भारत का आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण से संगतता रखते हुए हरित विकास को महत्त्व देता है।
  • भारतीय संसद SDGs से संबंधित नीतियों के कार्यान्वयन की निगरानी और इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दों तथा नीति निर्धारण प्रक्रिया का मार्गदर्शन कर आम सहमति के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

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