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शासन व्यवस्था

सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY)

  • 09 Aug 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सांसद आदर्श ग्राम योजना, जय प्रकाश नारायण, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

मेन्स के लिये:

सांसद आदर्श ग्राम योजना एवं ग्रामीण विकास में इसका महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने राज्यसभा में सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) के कार्यान्वयन के लिये सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी है।

प्रमुख बिंदु:

SAGY:

  • परिचय:
    • यह योजना वर्ष 2014 में जय प्रकाश नारायण की जयंती पर शुरू की गई थी।
    • इस योजना के तहत संसद सदस्य (सांसद) वर्ष 2019 तक तीन गाँवों और वर्ष 2024 तक कुल आठ गाँवों के सामाजिक-आर्थिक एवं भौतिक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये ज़िम्मेदार हैं।
      • पहला आदर्श ग्राम वर्ष 2016 तक और दो अन्य को वर्ष 2019 तक विकसित किया जाना था।
      • वर्ष 2019 से 2024 तक प्रत्येक सांसद द्वारा हर वर्ष पाँच और आदर्श ग्राम विकसित किये जाने चाहिये।
    • सांसद आदर्श ग्राम के विकास के लिये उपयुक्त ग्राम पंचायत (अपने स्वयं के गांव या अपने पति या पत्नी के गाँव के अलावा) की पहचान करने के लिये स्वतंत्र होंगे।
    • ग्रामीण विकास मंत्रालय ने SAGY के तहत 127 केंद्रीय एवं केंद्र प्रायोजित और 1806 राज्य योजनाओं का संकलन किया है।
  • प्रकिया:
    • ग्राम पंचायत (GP): विकास के लिये बुनियादी इकाई।
    • लोकसभा सांसद: अपने निर्वाचन क्षेत्र के भीतर एक ग्राम पंचायत का चयन करते हैं।
    • राज्यसभा सांसद: अपने राज्य में किसी विशिष्ट ज़िले के ग्रामीण क्षेत्र से एक ग्राम पंचायत का चयन करते हैं।
    • मनोनीत सांसद: देश के किसी भी ज़िले के ग्रामीण क्षेत्र से एक ग्राम पंचायत का चयन करते हैं।
    • सांसद, समुदाय के साथ जुड़ते हैं, ग्राम विकास योजना को सुगम बनाते हैं और आवश्यक संसाधन जुटाते हैं, विशेष रूप से ‘कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व’ (CSR) के माध्यम से।
    • तमाम सांसद, ‘संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना’ (MPLADS) की निधि का उपयोग कर अवसंरचना अंतराल को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

SAGY

अपेक्षित परिणाम:

  • आजीविका/रोज़गार के अवसरों में वृद्धि।
  • संकटग्रस्त प्रवास में कमी।
  • बंधुआ मज़दूरी, बाल श्रम और हाथ से मैला ढोने की प्रथा से मुक्ति।
  • मृत्यु और जन्म का शत-प्रतिशत पंजीकरण।
  • समुदाय के सभी वर्गों के लिये स्वीकार्य वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली का विकास।
  • शांति और समन्वय।
  • अन्य ग्राम पंचायतों के लिये उदाहरण।

मुद्दे:

  • पंचायतों का कम चयन: 
    • इस कार्यक्रम के तहत अब तक केवल 2,111 ग्राम पंचायतों की पहचान की गई है और उनमें से 1,618 ने अपनी विकास योजनाएँ तैयार की हैं।
    • इन गाँवों के लिये कुल 79,316 गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिनमें से 49,756 को पूरा किया जा चुका है।
  • ब्याज और धन की कमी:
  • राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी:
    • जवाबदेही और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण SAGY की अवधारणा क्षेत्रीय अधिकारियों तक नहीं पहुँच पाई है।
  • घोषणा के साथ मुद्दे:
    • यहाँ तक कि कुछ ज़िलों में आदर्श ग्राम घोषित गाँव खुले में शौच से मुक्त पाए गए हैं।
  • सीमित प्रभाव:
    • कुछ मामलों में जहाँ सांसद सक्रिय रहे हैं कुछ बुनियादी ढाँचे का विकास हुआ है, लेकिन इस योजना का कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ा है।
  • MPLAD के साथ मनरेगा का कम अभिसरण: 
  • ग्रामीण सड़कें: 
    • राज्य सरकारों की योजनाओं के तहत निर्मित सड़कों की गुणवत्ता और केंद्रीय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत ग्रामीण सड़कों के रखरखाव पर भी चिंता जताई गई है।

आगे की राह

  • सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य विभिन्न योजनाओं के सामंजस्य और अभिसरण को सुनिश्चित कर तथा उनके पूर्ण क्रियान्वन को प्राथमिकता देकर आदर्श (Model) गाँवों का निर्माण करना था। हालाँकि योजना के आदर्श वाक्य की पूर्ति के लिये जिस गंभीरता की आवश्यकता थी उसमें कमी देखी गई है। संसद सदस्यों को योजना के प्रति अधिक ज़िम्मेदार होने की आवश्यकता है।
  • SAGY सामुदायिक भागीदारी पर ध्यान देती है और गाँव, समुदाय के सामाजिक संघटन (Mobilization) गाँव में अन्य विकास गतिविधियों की एक शृंखला को गति प्रदान कर सकते हैं।

स्रोत: पीआईबी

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