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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (27 June)

  • 27 Jun 2019
  • 7 min read
  • लगभग एक दशक के इंतज़ार के बाद नम्मा कोल्हापुरी चप्पल को GI यानी ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग मिल गया है। इसके लिये महाराष्ट्र और कर्नाटक ने संयुक्त रूप से आवेदन किया था। पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क के कंट्रोलर जनरल ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली, सतारा और सोलापुर ज़िलों तथा कर्नाटक के धारवाड़, बेलगाम, बागलकोट और बीजापुर में बनने वाली कोल्हापुरी चप्पल को GI टैग प्रदान किया है। इससे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में पारंपरिक रूप से पहनी जाने वाली कोल्हापुरी चप्पलों को मान्यता मिल गई है। यहाँ के चप्पल निर्माताओं ने बाज़ार की ज़रूरतों और ग्राहकों की पसंद के अनुसार अलग-अलग डिज़ाइन और रंग विकसित किये हैं। हालाँकि चमड़े द्वारा हाथ से चप्पलों को बनाने की मूल प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आया है और इनको रंगने के लिये वनस्पति रंगों का इस्तेमाल होता है।
  • 19 जून को अंतर्राष्ट्रीय यौन हिंसा उन्मूलन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में यौन हिंसा के खिलाफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 19 जून, 2015 को संघर्ष के दौरान यौन हिंसा उन्मूलन के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया गया था। यौन हिंसा के तहत बलात्कार, यौन दासता, ज़बरन वेश्यावृत्ति, ज़बरन गर्भपात, ज़बरन नसबंदी, ज़बरन शादी और महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों या लड़कों के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यौन हिंसा से जुड़ा कोई अन्य रूप शामिल हैं। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय यौन हिंसा उन्मूलन दिवस की थीम Survivor-centered approach to counter, prevent, and alleviate conflict-related violence in conflict and post-conflict situations रखी गई है।
  • सऊदी अरब ने एक नई ‎‎विशेष आवासीय योजना पेश की है। इस योजना के ज़रिये सऊदी अरब धनकुबेर विदेशियों को अपने यहाँ बसने का प्रस्ताव दे रहा है। इस गैर-सऊदी आवासीय योजना के तहत अन्य देशों के लोग 8 लाख रियाल यानी 2 लाख 13 हज़ार डॉलर देकर स्थायी रूप से सऊदी अरब में बस सकते हैं। इसके अलावा 27 हज़ार डॉलर चुकाकर एक वर्ष के लिये रहा जा सकता है तथा आगे का भुगतान कर इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। इस योजना के तहत गैर-सऊदी लोगों को बिजनेस करने की भी अनुमति होगी और इसके लिये सऊदी स्पॉन्सर होना भी ज़रूरी नहीं है। सऊदी अरब ने कच्चे तेल पर अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता को कम करने के लिये यह फैसला लिया है। गौरतलब है कि तेल से होने वाली आमदनी, जो कि लगातार कम होती जा रही है, का विकल्प तलाशने के लिये सऊदी अरब कई योजनाओं पर काम कर रहा है।
  • भारत के पंकज आडवाणी ने 35वीं पुरुष एशियाई स्नूकर चैंपियनशिप में थाईलैंड के थनावत तिरपोंगपैबून को पराजित कर खिताब जीत लिया। इस जीत के साथ ही उन्होंने क्यू खेलों (बिलियर्ड्स और स्नूकर) में अपना करियर ग्रैंडस्लैम भी पूरा किया। पंकज आडवाणी ने SCBS एशियाई स्नूकर स्पर्द्धा- 6 रेड (छोटा प्रारूप) और 15 रेड (लंबे प्रारूप) दोनों प्रारूपों में जीत हासिल की। इस तरह पंकज आडवाणी सभी प्रारूपों में एशियाई और विश्व चैंपियनशिप अपने नाम करने वाले एकमात्र खिलाड़ी बन गए हैं।
  • भारत ने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के समक्ष वर्ष 2023 में होने वाले सत्र की मुंबई में मेज़बानी करने के लिये दावा पेश किया है। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और IOC सदस्य नीता अंबानी ने IOC की संचालन संस्था के 134वें सत्र से इतर IOC प्रमुख थॉमस बाक को औपचारिक बोली पत्र सौंपा। वर्ष 2022-23 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ है और भारतीय खेलों के लिये इससे बेहतर क्या हो सकता है कि इस अवसर पर संपूर्ण ओलंपिक समुदाय-परिवार भारत में उपस्थित रहे। भारत पहले वर्तमान सत्र की मेज़बानी चाहता था, लेकिन वह इटली के शहर मिलान से पिछड़ गया था। बाद में इटली ने वर्ष 2026 शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेज़बानी का दावा पेश करने का फैसला किया जिससे मिलान में यह सत्र आयोजित नहीं हो पाया। गौरतलब है कि भारत ने इससे पहले वर्ष 1983 में नई दिल्ली में IOC सत्र की मेज़बानी की थी। IOC की स्थापना आधुनिक ओलंपिक खेलों के जनक माने जाने वाले पियरे डि कुबर्तिन ने 23 जून, 1894 को की थी। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के लुसाने में है तथा वर्तमान में 205 राष्ट्रीय ओलंपिक समितियाँ इसकी सदस्य हैं।
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का बम्बल (Bumble) नाम का रोबोट अपनी स्वयं की शक्ति से उड़ान भरने वाला पहला एस्ट्रोबी (Astrobee) रोबोट बन गया है। ज्ञातव्य है कि एस्ट्रोबी एक फ्री-फ़्लाइंग रोबोट सिस्टम है, जो शोधकर्त्ताओं को शून्य गुरुत्वाकर्षण में नई तकनीकों का परीक्षण करने और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर तैनात अंतरिक्ष यात्रियों के साथ नियमित काम करने में मदद करेगा। एस्ट्रोबी रोबोट किसी भी दिशा में गति कर सकता है और अंतरिक्ष में किसी भी अक्ष में चालू हो सकता है। ज्ञातव्य है कि 29 जुलाई, 1958 को स्थापित नासा का मुख्यालय अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन DC में है।
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