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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 26 दिसंबर, 2017

  • 26 Dec 2017
  • 11 min read

मिशन परिवार विकास

11 जुलाई, 2017 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के लिये देश के 7 राज्यों के 146 ज़िलों में एक परिवार नियोजन कार्यक्रम “मिशन परिवार विकास” शुरू किया गया।

  • इस पहल के तहत परिवार नियोजन हेतु आवश्यक दवाओं को मुहैया करने, प्रमोशनल स्कीम शुरू करने, क्षमता बढ़ाने, सुलभ वातावरण तैयार करने तथा गहन निगरानी के ज़रिये बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने पर बल दिया जाएगा। 
  • इसके साथ-साथ मंत्रालय द्वारा “अंतरा” कार्यक्रम के तहत महिलाओं के लिये नए गर्भ निरोधक इंजेक्शन तथा हार्मोन रहित सेंट्रोकोमन गोली “छाया” की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा हुए परिवार कल्याण कार्यक्रमों की ग्राह्यता बढ़ाने पर भी बल दिया गया। 

एम.पी.वी. के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियों को शामिल किया गया है।

  • इंजेक्टेबल गर्भ-निरोधक। 
  • बंध्याकरण मुआवज़ा योजना।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में कंडोम बॉक्स।
  • एमपीवी अभियान और सारथी (आईईसी वाहन)।
  • नव विवाहित जोड़ों के लिये नई पहल किट।
  • सास बहू सम्मेलन।

परिवार नियोजन लॉजिस्‍टिक्‍स प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफपी-एलएमआईएस)

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय नेआपूर्ति-श्रंखला प्रबंधन प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिये ‘परिवार नियोजन लॉजिस्‍टिक्‍स प्रबंधन सूचना प्रणाली’ का शुभारंभ किया गया। 

  • इसके तहत आपूर्ति श्रंखला प्रबंधन को सुदृढ़ करने हेतु स्वास्थ्य सुविधा तथा आशा केद्रों में गर्भ निरोधकों की मांग एवं वितरण संबंधी सूचनाएँ एकत्रित की जाएंगी। 

अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • इस संबंध में विश्‍व पुरुष नसबंदी दिवस का भी आयोजन किया जा रहा है। यह पूर्ण रूप से पुरुष नसबंदी के बारे में वैश्विक रूप से जागरुकता पैदा करने हेतु एक लक्षित पहल है।
  • परिवार नियोजन में पुरुष प्रतिभागिता बढ़ाना, अन्‍य स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के साथ एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने हेतु आवश्यक रूप से प्रयास किये जाने चाहिये। 
  • पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देना परिवार नियोजन के लिये एक अहम् कदम है।

एन.पी.सी.डी.सी.एस. की रोकथाम और नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम

National Program for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, CVD and Stroke – NPCDCS

ए.सी.डी. को रोकने और नियंत्रित करने के लिये देश भर में सभी राज्यों में एन.पी.सी.डी.सी.एस. के अंतर्गत बुनियादी ढाँचे, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य प्रबोधन, शीघ्र निदान, प्रबंधन और रेफरल को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

  • मौजूदा समय में यह कार्यक्रम देश के लगभग 436 ज़िलों में कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • इस कार्यक्रम में शिविरों के माध्यम से आउटरीच गतिविधियों को शामिल किया गया है।
  • इस कार्यक्रम के तहत वर्तमान में लगभग 70 लाख लोग मधुमेह और इसकी जटिलताओं के संदर्भ में उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
  • ज़िले और सी.एच.सी. स्तरों पर एनसीडी क्लीनिकों में भाग लेने वाले एन.सी.डी. मरीज़ों के लिये नि:शुल्क निदान सुविधाओं और निःशुल्क दवाएँ प्रदान करने के लिये इस कार्यक्रम के तहत विशेष प्रावधान किया गया है।

डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और कॉमन कैंसर के लिये जनसंख्या-आधारित स्क्रीनिंग

हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘जनसंख्या आधारित स्क्रीनिंग ऑफ डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और कॉमन कैंसर’ पहल समुदाय स्तर पर जोखिम कारकों को पहचानने और संबोधित करने के संदर्भ में बड़े पैमाने पर उठाए गए कदमों में से एक है। 

  • इसके तहत वर्ष 2017-18 के दौरान तकरीबन 150 से अधिक ज़िलों को शामिल किया जाएगा।
  • एन.एच.एम. के तहत व्यापक प्राथमिक देखभाल के हिस्से के रूप में एन.सी.डी. के स्क्रीनिंग और प्रबंधन के लिये संचालन संबंधी दिशा-निर्देश पहले ही जारी किये जा चुके हैं।
  • इस संबंध में चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स, ए.एन.एम. और आशा के लिये प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है। 
  • सितंबर 2017 तक, 16309 उप-केंद्रों में लगभग 170 ज़िलों के लिये अनुमोदन और स्क्रीनिंग की शुरुआत की गई है।

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनेरी डिसीज़ (सी.ओ.पी.डी.) और क्रोनिक किडनी डिसीज़ (सी.के.डी.)

(Chronic obstructive pulmonary disease and Chronic kidney disease) 

एन.सी.डी. के कारण होने वाली मौतों में एक प्रमुख कारण सी.ओ.पी.डी. और सी.के.डी. भी हैं। एन.पी.सी.डी.सी.एस. के तहत सीओपीडी और सीकेडी को रोकने और प्रबंधित करने के लिये  विशेष व्यवस्था की गई है।

  • अभी तक एन.पी.सी.डी.सी.एस. के तहत 41 ज़िलों में सी.के.डी. और 96 ज़िलों में सी.ओ.पी.डी. प्रबंधित व्यवस्था को लागू किया गया है।

एन.पी.सी.डी.सी.एस. के साथ आयुष का एकीकरण

  • जीवनशैली संबंधी विकारों के व्यापक प्रबंधन हेतु आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने के लिये विभिन्न केंद्रीय परिषदों के साथ मिलकर छह ज़िलों में 'एन.पी.सी.डी.सी.एस. के साथ आयुष के एकीकरण' पर एक पायलट परियोजना शुरू की गई है।
  • 'जीवनशैली से संबंधित' आम एन.सी.डी. की रोकथाम और प्रबंधन के लिये एन.पी.सी.डी.सी.एस. के तहत एलोपैथी प्रणाली के बीच सिनर्जी का इस्तेमाल किया जा रहा है। 
  • आयुष के तहत दवा के वैकल्पिक तंत्र हेतु मरीज़ों को एन.पी.सी.डी.सी.एस.-आयुष के तहत एनसीडी प्रबंधन के लिये नामांकित किया गया है।

अमृत (उपचार के लिये उचित मेडिकल और विश्वसनीय प्रत्यायोजन)

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा रोगियों के लिये रियायती कीमतों पर मधुमेह, सी.वी.डी., कैंसर और अन्य रोगों हेतु दवाएँ उपलब्ध कराने के लिये 19 राज्यों में 105 फार्मेसियों की स्थापना की गई है।
  • इन फार्मेसियों में 5000 से अधिक दवाओं और अन्य उपभोग्य वस्तुओं को 50% की छूट पर बेचा जा रहा है।

ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली

  • फीस और नियुक्ति, ऑनलाइन निदान रिपोर्ट, रक्त आदि की ऑनलाइन उपलब्धता के विषय में पूछताछ के लिये विभिन्न अस्पतालों को लिंक करने हेतु ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली (ओ.आर.एस.) की एक रूपरेखा तैयार की गई है। 

वैश्विक उपस्थिति

स्वास्थ्य संबंधी पहलों के संदर्भ में भारत न केवल एक नियमित भागीदार देश है बल्कि वैश्विक घटनाओं पर प्रमुख वक्ता भी है, अर्थात विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन 2017 तथा संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य सभा आदि में भारत स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को गंभीरता से उठाता रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • 2017 में ब्रिक्स कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में भारत ने हिस्सा लिया, ताकि स्वास्थ्य मुद्दों पर सदस्य राष्ट्रों के निरन्तर सहयोग के मुद्दे को प्रबलता प्रदान की जा सके। इसके अंतर्गत  टीबी, चिकित्सा उपकरणों और ए.एम.आर. आदि के विषय में विशेष बल दिया गया।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग के लिये दिसंबर 2017 में भारत और क्यूबा के मध्य एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर भी हस्ताक्षर किये गए। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य तकनीकी, वैज्ञानिक, वित्तीय और मानवीय संसाधनों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच व्यापक अंतर-मंत्रिस्तरीय और अंतर-संस्थागत सहयोग स्थापित करना है, ताकि मानव गुणवत्ता के उन्नयन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
  • इसके अतिरिक्त भारत और मोरक्को ने स्वास्थ्य क्षेत्र में विस्तारित सहयोग के लिये दिसंबर 2017 में समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गए।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में विस्तारित सहयोग के लिये भारत और इटली द्वारा एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
  • पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रयासों को गति प्रदान करने और मिशन इंद्रधनुष, गहनता मिशन इंद्रधनुष सहित नियमित प्रतिरक्षण के तहत एमओयू पर रोटरी इंडिया के साथ भी हस्ताक्षर किये गए।
  • इसके अतिरिक्त भारत उच्च स्तर के सलाहकार समूह का भी सदस्य है और पी.एम.ए.नसी. (मातृ, नव-जन्म और बाल स्वास्थ्य) बोर्ड के लिये कार्यकारी समिति का सह-अध्यक्ष भी है।
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