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PVTG के लिये प्रधानमंत्री-जनमन आवास

  • 08 Mar 2024
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह, PM-जनमन योजना, जनजातीय गौरव दिवस, विकसित भारत संकल्प यात्रा, PM PVTG मिशन, PM गति शक्ति पोर्टल

मेन्स के लिये:

PVTG के लिये सतत् आजीविका, आबादी के कमज़ोर वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों? 

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN) के आवास घटक, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों के लिये आवास प्रदान करना है, को इसके सुचारु कार्यान्वयन में बाधा डालने वाली महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

PM-JANMAN के कार्यान्वयन में बाधक चुनौतियाँ क्या हैं?

  • डेटा विसंगतियाँ:
    • केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए आँकड़ों और राज्यों द्वारा अभिनिर्धारित किये गए आँकड़ों के बीच विसंगतियाँ सामने आई हैं। डेटा में यह असमानता संभावित लाभार्थियों के सटीक अभिनिर्धारण करने में एक बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करती है।
    • केंद्र ने 75 PVTG की कुल आबादी का अनुमान लगाने के लिये PM गति शक्ति पोर्टल पर भरोसा किया, जिसके परिणामस्वरूप अलग-अलग आँकड़े सामने आए।
      • थोड़े ही समय में अनुमान 28 लाख से बढ़कर 44.64 लाख हो गया, जो डेटा संग्रह में विसंगतियों का संकेत देता है।
    • राज्य सरकारों को अपने सर्वेक्षण करने के लिये सीमित समय-सीमा दी गई, जिसके कारण डेटा संग्रह प्रक्रियाएँ जल्दबाज़ी में और अधूरी रह गईं।
      • केरल, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों ने डेटा में विसंगतियों के कारण लाभार्थियों के छूट जाने को लेकर चिंता जताई है।
        • उदाहरण के लिये, मध्य प्रदेश को केंद्र द्वारा अधिसूचित गाँवों के बाहर 50,000 अतिरिक्त पात्र परिवार मिले हैं।
  • धीमी प्रगति:
    • लाभार्थी डेटा के एक साथ संग्रह और परियोजना कार्यान्वयन के कारण PM-JANMAN के आवास घटक में विलंब हुआ है। लक्षित 5 लाख घरों में से केवल 1.59 लाख को मंज़ूरी दी गई है, जो प्रारंभिक लक्ष्य से काफी पीछे है।
  • चुनावी साल का दबाव:
    • योजना को तीव्र गति से कार्यान्वित किया जा रहा है, विशेष रूप से आगामी आम चुनाव वर्ष 2024 को देखते हुए। प्रगति दर्शाने की शीघ्रता संपूर्ण योजना और निष्पादन से समझौता कर सकती है, जो संभावित रूप से आवास वितरण की गुणवत्ता तथा समावेशिता को प्रभावित कर सकती है।
  • भौगोलिक चुनौतियाँ:
    • सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में पात्र लाभार्थियों का अभिनिर्धारण करना तार्किक चुनौतियाँ उत्पन्न करता है। जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे और संचार नेटवर्क की कमी डेटा संग्रह प्रयासों में बाधा डाल सकती है तथा आवास योजना के कार्यान्वयन में देरी कर सकती है।
  • आवागमन जनसंख्या गतिशीलता: 
    • जनजातीय आबादी, विशेष रूप से PVTG, प्रायः रोज़गार और आजीविका के अवसरों की तलाश में प्रवासी पैटर्न प्रदर्शित करते हैं।
      • जनसंख्या आवागमन की यह गतिशील प्रकृति पात्र लाभार्थियों का सटीक अनुमान लगाने और उनकी पहचान करने के कार्य को जटिल बनाती है, जिसके लिये व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिये अनुकूली रणनीतियों की आवश्यकता होती है।

PM-JANMAN क्या है?

  • परिचय:
    • 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस पर लॉन्च किया गया PM-JANMAN, PVTG के सामाजिक-आर्थिक कल्याण में सुधार के लिये 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्त्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है।
    • PM-JANMAN में PVTG की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिये केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित योजनाएँ शामिल हैं।
    • इस योजना का कुल परिव्यय तीन वर्ष की अवधि में 24,104 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है, जिसमें से लगभग 80% केवल घरों और सड़कों के निर्माण के लिये है।
      • PM-JANMAN के आवास घटक को लागू करने हेतु अनुसूचित जनजातियों के लिये विकास कार्य योजना (DAPST) के तहत अगले तीन वर्षों के लिये 15,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
  • दूरदर्शिता:
    • PM-जनमन स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में अंतर को पाटकर PVTG की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने की परिकल्पना करता है।
      • नौ मंत्रालयों/विभागों की मौजूदा योजनाओं के साथ तालमेल बिठाते हुए PVTG समुदायों, बस्तियों और परिवारों में बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • लक्ष्य:
    • मिशन का प्राथमिक लक्ष्य PVTG की आवश्यक सुविधाओं और सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करके उनकी जीवन स्थितियों को व्यापक रूप से बढ़ाना है। जिसमें ये भी शामिल हैं:              

  • PM-JANMAN की मूलभूत विशेषताएँ:
    • अंतर-मंत्रालयी अभिसरण:
      • एक अनूठे दृष्टिकोण में, भारत सरकार के 9 मंत्रालय जनजातीय कार्य मंत्रालय के नेतृत्व में सहयोग करते हैं।
        • प्रत्येक मंत्रालय सामूहिक रूप से सबसे कमज़ोर आदिवासी समुदायों के व्यापक कवरेज और कल्याण को सुनिश्चित करते हुए अपनी योजनाओं के कार्यान्वयन की देखरेख करता है।
    • योजनाओं/कार्यक्रमों का संरेखण:
      • जनजातीय समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये संबंधित मंत्रालयों के भीतर योजनाओं के मौजूदा मानदंडों को संशोधित किया गया है।
        • प्रस्तुत किये गए कार्यक्रमों में PM-जनमन के उद्देश्यों का प्रभावी ढंग से एकीकरण सुनिश्चित करने हेतु संशोधित दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
    • योजना का कवरेज:
      • PM-जनमन का लक्ष्य 18 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश के शैक्षिक, स्वास्थ्य और आजीविका के सामाजिक-आर्थिक आयामों में पिछड़े 75 PVTG का कल्याण करना है।
        • योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका सहित विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों को समग्र सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
    • अंतराल की पहचान:
      • राज्य सरकारों द्वारा किये गए सर्वेक्षणों के माध्यम से, प्रत्येक लक्षित क्षेत्र में विद्यमान अंतराल की पहचान की जाती है।
        • सर्वेक्षण से प्राप्त डेटा को PM गति-शक्ति पोर्टल पर अपडेट किया जाता है जो सटीकता और पूर्णता सुनिश्चित करने के लिये संबंधित मंत्रालयों और राज्य विभागों द्वारा क्रॉस-सत्यापन को सक्षम बनाता है।
    • निधि का प्रावधान:
      • कुल 11 हस्तक्षेपों में से प्रत्येक हस्तक्षेप के लिये निधि का स्रोत संबंधित मंत्रालयों/विभागों को PM-जनमन द्वारा कवर की गई उनकी पहचानी गई योजनाओं के तहत आवंटित DAPST अनुदान है।
        • मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिये समर्पित धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये DAPST तंत्र अनुकूलन की अनुमति प्रदान करता है।
    • प्रोत्साहन तंत्र:
      • प्रदर्शन संकेतकों में मासिक वृद्धिशील परिवर्तनों के आधार पर ज़िलों की रैंकिंग के माध्यम से प्रदर्शन मूल्यांकन किया जाता है।
      • इसका उद्देश्य ज़िला टीमों के बीच प्रतिस्पर्द्धा की भावना को बढ़ावा देना है। शीर्ष तीन ज़िलों और मंत्रालयों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये मान्यता दी जाएगी तथा पुरस्कृत किया जाएगा।

नोट:

  • DAPST भारत में जनजातीय विकास के लिये एक रणनीति है। जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा 41 अन्य मंत्रालय एवं विभाग DAPST के तहत जनजातीय विकास परियोजनाओं के लिये धन आवंटित करते हैं।
    • इन परियोजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, सड़कें, आवास, विद्युतीकरण तथा रोज़गार शामिल हैं।

PVTGs के लिये अन्य पहलें क्या हैं?

आगे की राह

  • डेटा सटीकता सुनिश्चित करने के लिये मानकीकृत डेटा संग्रह पद्धति लागू करना।
    • गुणवत्ता से समझौता किये बिना डेटा संग्रह तथा प्रोजेक्ट निष्पादन में तेज़ी लाने हेतु सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं को लागू करना।
  • समावेशिता एवं प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु योजना के कार्यान्वयन में जनजातीय समुदायों को शामिल करना।
  • डेटा संग्रह एवं योजना कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिये आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के साथ-साथ संचार नेटवर्क में निवेश करना।
    • जनजातीय समूहों के बीच गतिशील जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अनुकूली रणनीतियाँ विकसित करना और साथ ही पात्र लाभार्थियों का व्यापक कवरेज सुनिश्चित करना।
  • दक्षता एवं प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु डेटा संग्रह तथा योजना कार्यान्वयन में शामिल हितधारकों के लिये प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रदान करना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. PVTG 18 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में निवास करते हैं। 
  2. स्थिर या कम होती जनसंख्या PVTG स्थिति निर्धारण के मानदंडों में से एक है। 
  3. देश में अब तक 95 PVTG आधिकारिक तौर पर अधिसूचित हैं। 
  4. PVTGs की सूची में ईरूलर और कोंडा रेड्डी जनजातियाँ शामिल की गई हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही है?

(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1, 2 और 4
(d) 1, 3 और 4

उत्तर: (c)


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013)

 जनजाति       -     राज्य

  1. लिंबू (लिम्बु)   -     सिक्किम
  2. कार्बी            -        हिमाचल प्रदेश
  3. डोंगरिया कोंध  -    ओडिशा
  4. बोंडा            -     तमिलनाडु

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा सही सुमेलित है?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. स्वतंत्रता के बाद अनुसूचित जनजातियों (ST) के प्रति भेदभाव को दूर करने के लिये राज्य द्वारा की गई दो प्रमुख विधिक पहलें क्या हैं? (2017)

प्रश्न. क्या कारण है कि भारत में जनजातियों को ‘अनुसूचित जनजातियाँ’ कहा जाता है? भारत के संविधान में प्रतिष्ठापित उनके उत्थान के लिये प्रमुख प्रावधानों को सूचित कीजिये। (2016)

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