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कैंसर अध्ययन हेतु फोन एप का प्रयोग

  • 09 Nov 2017
  • 3 min read

संदर्भ

हाल ही में आई.आई.टी. खड़गपुर के शोधकर्त्ताओं ने एक ऐसे स्मार्टफोन एप को विकसित किया है, जो उपचार के पश्चात् कैंसर की सटीक जाँच आसानी से कर सकता है। इस एप को स्मार्ट आईएचसी-एनालाइज़र (SmartIHC-Analyser) नाम दिया गया है।   

प्रमुख बिंदु

  • इस एप ने कैंसर कोशिकाओं में होने वाली वृद्धि का निर्धारण करने के लिये एक प्रोटीन मार्कर की-67 (Ki-67) के भावों का विश्लेषण किया। यह एप अब एंड्राइड फोन के लिये भी उपलब्ध हो गया है।
  • इस एप की सहायता से उपचार के पश्चात् कैंसर के रंगीन ऊतकों के सूक्ष्म चित्रों का विश्लेषण करने पर एक मिनट से कम समय में ही कैंसर कोशिकाओं में हुई वृद्धि और कमी के विषय में पता लगाया जा सकता है।
  • एक विशेष त्रिविमीय प्रिंटर होल्डर का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं के सूक्ष्म चित्र लेने के लिये स्मार्ट फोन को सूक्ष्मदर्शी के साथ जोड़ा गया। इनके प्रसार का विश्लेषण करने हेतु रंगीन कैंसर कोशिकाओं में हुए रंग परिवर्तन का अध्ययन किया गया।  प्रोटीन मार्कर में कैंसर कोशिकाएँ भूरे रंग की दिखाई दीं जबकि सामान्य कोशिकाएँ नीले रंग की दिखाई दीं ।
  • सामान्यतः उपयोग में लाई जाने वाली विधि में रोगविज्ञानियों ने नंगी आँखों से इन रंगों को देखा और कोशिकाओं को गिना। इस तरीके में अधिक समय लगा और इसमें तकनीशियनों की भी आवश्यकता थी, जबकि इस नए फोन एप ने भी ये चित्र लिये और विभिन्न रंगीन कोशिकाओं को गिना और एक मिनट से भी कम समय में इनके प्रसार के संबंध में सूचना जारी कर दी।
  • शोधकर्त्ताओं ने टाटा मेडिकल सेंटर  कोलकाता से एकत्रित किये गए Ki-67 रंगीन ब्रैस्ट कैंसर ऊतकों को एकत्र किया और एप से प्राप्त परिणामों की तुलना सामान्यतः प्रयोग में लाई जाने वाली विधि से की।  यह पाया गया कि एप से प्राप्त आँकड़ों में 97% सटीकता थी।
  • शोधकर्त्ताओं ने इस एप की तुलना एक वेब आधारित एप्लीकेशन ‘इम्यूनो-रेशियो (ImmunoRatio) से भी की है। जहाँ सामान्य विधि और नए एप के मध्य सटीकता अंतराल मात्र 6% का था जबकि इम्यूनो-रेशियो और एप के मध्य यह अन्तराल 15% था।
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